सभोपदेशक 7:14 - नवीन हिंदी बाइबल सुख के दिन आनंदित रह, और दुःख के दिन सोच; परमेश्वर ने ही इन दोनों को बनाया है जिससे मनुष्य यह नहीं समझ सकता कि उसके बाद क्या होने वाला है। पवित्र बाइबल जब जीवन उत्तम है तो उसका रस लो किन्तु जब जीवन कठिन है तो याद रखो कि परमेश्वर हमें कठिन समय देता है और अच्छा समय भी देता है और कल क्या होगा यह तो कोई भी नहीं जानता। Hindi Holy Bible सुख के दिन सुख मान, और दु:ख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिस से मनुष्य अपने बाद होने वाली किसी बात को न बूझ सके। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सुख के दिनों में आनन्द मनाओ, किन्तु दु:ख के दिनों में विचार करो, क्योंकि परमेश्वर ने सुख और दु:ख दोनों को बनाया है, ताकि मनुष्य इस बात का भेद न पा सके कि उसकी मृत्यु के बाद क्या होनेवाला है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सुख के दिन सुख मान, और दु:ख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिससे मनुष्य अपने बाद होनेवाली किसी बात को न समझ सके। सरल हिन्दी बाइबल भरपूरी के दिनों में तो खुश रहो; मगर दुःख के दिनों में विचार करो: दोनों ही परमेश्वर ने बनाए हैं, जिससे मनुष्य को यह मालूम हो कि उसके बाद क्या होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सुख के दिन सुख मान, और दुःख के दिन सोच; क्योंकि परमेश्वर ने दोनों को एक ही संग रखा है, जिससे मनुष्य अपने बाद होनेवाली किसी बात को न समझ सके। |
उसने मेरे मुँह में एक नया गीत डाला है, जो हमारे परमेश्वर की स्तुति का गीत है। बहुत से लोग यह देखकर भयभीत होंगे, और यहोवा पर भरोसा रखेंगे।
मूर्ख बातें बढ़ाकर बोलता है। कोई मनुष्य नहीं जानता कि कल क्या होगा, और न ही कोई यह बता सकता है कि उसके बाद क्या होने वाला है।
हे जवान, अपनी जवानी में आनंद कर, और तेरी जवानी के दिनों में तेरा हृदय तुझे प्रसन्न रखे; अपने मन और अपनी आँखों की अभिलाषा के अनुसार चल। परंतु स्मरण रख कि इन सब बातों के विषय परमेश्वर तेरा न्याय करेगा।
जब सब कुछ सुन लिया गया है तो निष्कर्ष यह है : परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर, क्योंकि यही मनुष्य का संपूर्ण कर्त्तव्य है।
अतः मैंने देखा कि मनुष्य के लिए इससे अच्छा कुछ भी नहीं कि वह अपने कार्यों में आनंदित रहे, क्योंकि यही उसका भाग है! कौन उसे वापस लाएगा कि वह उन बातों को देख सके जो उसके बाद होंगी?
जा, आनंद के साथ अपनी रोटी खा, और प्रसन्नचित्त होकर अपना दाखमधु पी, क्योंकि परमेश्वर ने तेरे कार्यों को स्वीकार कर लिया है।
तुम जाकर इसका अर्थ सीखो : मैं दया चाहता हूँ, बलिदान नहीं;क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापियों कोबुलाने आया हूँ।”
और शिष्यों के मनों को दृढ़ करते और यह कहकर विश्वास में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहे, “हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।”