परमेश्वर पवित्र लोगों की सभा में अत्यंत भययोग्य है; और जो उसके चारों ओर हैं उनमें वही सब से अधिक आदर के योग्य है।
लैव्यव्यवस्था 19:30 - नवीन हिंदी बाइबल तुम मेरे विश्रामदिनों को मानना, और मेरे पवित्रस्थान का आदर करना। मैं यहोवा हूँ। पवित्र बाइबल “तुम्हें मेरे विश्राम के विशेष दिनों में काम नहीं करना चाहिए। तुम्हें मेरे पवित्र स्थान का सम्मान करना चाहिए। मैं यहोवा हूँ! Hindi Holy Bible मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम मेरे विश्राम-दिवसों का पालन करना; मेरे पवित्र-स्थान के प्रति श्रद्धा रखना। मैं प्रभु हूँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। सरल हिन्दी बाइबल “ ‘तुम मेरे शब्बाथों का पालन करो और मेरे पवित्र स्थान का सम्मान; मैं ही याहवेह हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मेरे विश्रामदिन को माना करना, और मेरे पवित्रस्थान का भय निरन्तर मानना; मैं यहोवा हूँ। |
परमेश्वर पवित्र लोगों की सभा में अत्यंत भययोग्य है; और जो उसके चारों ओर हैं उनमें वही सब से अधिक आदर के योग्य है।
जब तू परमेश्वर के भवन में जाए तो अपने कदमों की चौकसी करना; मूर्खों जैसा बलिदान चढ़ाने की अपेक्षा आज्ञा मानने के लिए परमेश्वर के निकट जाना उत्तम है, क्योंकि मूर्ख नहीं जानते कि वे बुरा करते हैं।
तब मूसा ने हारून से कहा, “यहोवा ने यही बात कही थी कि जो मेरे निकट आए वह मुझे पवित्र जाने, और सब लोगों के सामने मेरी महिमा हो।” इस पर हारून चुप रहा।
“इस प्रकार तुम इस्राएलियों को उनकी अशुद्धता से दूर रखना, कहीं ऐसा न हो कि वे मेरे निवासस्थान को, जो उनके बीच में है, अशुद्ध करने के द्वारा अपनी अशुद्धता में मर जाएँ।”
यहोवा ने मूसा से कहा, “अपने भाई हारून से कह कि वह जब चाहे पवित्रस्थान में संदूक के ऊपरवाले प्रायश्चित्त के ढक्कने के सामने, परदे के भीतर प्रवेश न करे, नहीं तो वह मर जाएगा; क्योंकि मैं प्रायश्चित्त के ढक्कने के ऊपर बादल में दिखाई दूँगा।
तुममें से प्रत्येक अपने माता-पिता का आदर करे, और मेरे विश्रामदिनों को माने; मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।
और उनसे कहा,“लिखा है : मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा, परंतु तुम इसे डाकुओं का अड्डा बना रहे हो।”
और मूर्तियों के साथ परमेश्वर के मंदिर की क्या सहमति? क्योंकि हम तो जीवित परमेश्वर का मंदिर हैं; जैसा कि परमेश्वर ने कहा है : मैं उनमें वास करूँगा और उनके मध्य चला-फिरा करूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊँगा, और वे मेरे लोग होंगे।
क्योंकि समय आ पहुँचा है कि परमेश्वर के घराने से न्याय का आरंभ हो; और यदि यह हमसे आरंभ होगा, तो उनका परिणाम क्या होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?