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लैव्यव्यवस्था 13:6 - नवीन हिंदी बाइबल

सातवें दिन याजक उसे फिर से जाँचे, और यदि देखे कि रोग का स्थान हल्का पड़ गया है तथा रोग त्वचा पर फैला नहीं है, तो याजक उसे शुद्ध ठहराए, क्योंकि वह तो केवल पपड़ी ही है; वह अपने वस्‍त्र धोकर शुद्ध ठहरे।

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पवित्र बाइबल

सात दिन बाद याजक को उस व्यक्ति की फिर जांच करनी चाहिए। यदि घाव सूख गया हो और चरम पर फैला न हो, तो याजक को घोषणा करनी चाहिए कि व्यक्ति शुद्ध है। वह केवल एक खुरंड है। तब रोगी को अपने वस्त्र धोने चाहिए और फिर से शुद्ध होना चाहिए।

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Hindi Holy Bible

और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

पुरोहित सातवें दिन उसकी पुन: जांच करेगा। यदि रोगग्रस्‍त भाग हलका पड़ गया है, और वह त्‍वचा पर नहीं फैला है तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित करेगा। यह केवल पपड़ी है। वह मनुष्‍य अपने वस्‍त्र धोकर शुद्ध हो जाएगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

सातवें दिन पुरोहित दोबारा उस व्यक्ति का निरीक्षण करे; यदि संक्रमित स्थान का सुधार होने के कारण उसका रंग हल्का हो गया है, और वह त्वचा पर नहीं फैला है; तो पुरोहित उसे शुद्ध घोषित कर दे; यह एक चकत्ते मात्र है. वह व्यक्ति अपने वस्त्र धो ले और शुद्ध हो जाए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो, तो याजक उसको शुद्ध ठहराए; क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है; और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए।

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लैव्यव्यवस्था 13:6
23 क्रॉस रेफरेंस  

अपनी भूल को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्‍त पापों से मुझे शुद्ध कर।


कौन कह सकता है, “मैंने अपना हृदय पवित्र किया है, मैं अपने पाप से शुद्ध हो गया हूँ”?


निस्संदेह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं है जो निरंतर भलाई ही करता है और कभी पाप नहीं करता।


जो कोई इनमें से किसी की लोथ को उठाए वह अपने वस्‍त्र धोए, और वह साँझ तक अशुद्ध रहेगा।


जो कोई उनकी लोथ को उठाए वह अपने वस्‍त्र धोए, और वह साँझ तक अशुद्ध रहेगा; वे तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं।


जो कोई उसकी लोथ में से कुछ खाए वह अपने वस्‍त्र धोए, और वह साँझ तक अशुद्ध रहेगा; और जो कोई उसकी लोथ उठाए वह भी अपने वस्‍त्र धोए, और वह साँझ तक अशुद्ध रहेगा।


“जब किसी मनुष्य के शरीर की त्वचा पर सूजन या पपड़ी या कोई दाग हो, और यह उसकी त्वचा पर कोढ़ के रोग जैसा दिखाई दे, तो उसे हारून याजक के पास या उसके पुत्रों में से किसी एक के पास लाया जाए जो कि याजक हैं।


फिर सातवें दिन याजक उसे जाँचे, और देखे कि रोग पहले जैसा है तथा उसकी त्वचा में फैला नहीं है, तो याजक उसे फिर से सात दिन तक अलग रखे।


परंतु अपनी शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए याजक को दिखाने के बाद यदि वह पपड़ी त्वचा पर और अधिक फैल जाए, तो वह फिर से याजक के सामने उपस्थित हो;


तब शुद्ध ठहराया जानेवाला अपने वस्‍त्रों को धोए, और अपने सब बाल मुँड़ाकर जल से स्‍नान करे, तो वह शुद्ध ठहरेगा। उसके बाद वह छावनी में आ तो सकता है, परंतु सात दिन तक अपने डेरे से बाहर ही रहे।


अब जो विश्‍वास में निर्बल है उसे ग्रहण करो, परंतु उसके विचारों पर विवाद करने के लिए नहीं।


अतः हे प्रियो, जब कि हमें ये प्रतिज्ञाएँ प्राप्‍त हैं, तो आओ हम अपने आपको देह और आत्मा की सारी मलिनता से शुद्ध करते हुए परमेश्‍वर के भय में पवित्रता को पूर्ण करें।


तो आओ, हम सच्‍चे मन और विश्‍वास के पूर्ण आश्‍वासन के साथ, और विवेक के दोष को दूर करने के लिए हृदयों पर छिड़काव लेकर तथा देह को शुद्ध जल से धोकर परमेश्‍वर के पास आएँ।


क्योंकि ये केवल खाने-पीने और भाँति-भाँति की स्‍नान-विधियों से संबंधित शारीरिक नियम हैं, जो सुधार के समय तक के लिए ही निर्धारित हैं।


क्योंकि हम सब बहुत सी बातों में चूक जाते हैं। यदि कोई अपनी बातों में नहीं चूकता तो वह सिद्ध मनुष्य है, और अपनी सारी देह पर भी नियंत्रण रख सकता है।