“मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से नहीं हटाया। यहोवा ने यात्रा में मेरी अगुवाई की और मुझे मेरे स्वामी के भाई-बंधुओं के घर पहुँचा दिया है।”
लूका 7:2 - नवीन हिंदी बाइबल अब किसी शतपति का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था। पवित्र बाइबल वहाँ एक सेनानायक था जिसका दास इतना बीमार था कि मरने को पड़ा था। वह सेवक उसका बहुत प्रिय था। Hindi Holy Bible और किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहाँ किसी रोमन शतपति का अत्यन्त प्रिय सेवक गंभीर रूप से बीमार था, और मृत्यु के निकट था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वहाँ किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था। सरल हिन्दी बाइबल वहां एक शताधिपति का एक अत्यंत प्रिय सेवक रोग से बिस्तर पर था. रोग के कारण वह लगभग मरने पर था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था। |
“मेरे स्वामी अब्राहम का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने अपनी करुणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से नहीं हटाया। यहोवा ने यात्रा में मेरी अगुवाई की और मुझे मेरे स्वामी के भाई-बंधुओं के घर पहुँचा दिया है।”
तब रिबका की धाय दबोरा मर गई, और बेतेल के निचले क्षेत्र में बांजवृक्ष के नीचे उसे मिट्टी दी गई, और उस बांजवृक्ष का नाम अल्लोनबक्कूत रखा गया।
जब शतपति और उसके साथ यीशु का पहरा देनेवालों ने भूकंप और उन घटनाओं को देखा तो अत्यंत डर गए और कहने लगे, “सचमुच, यह परमेश्वर का पुत्र था।”
जब शतपति ने जो कुछ हुआ उसे देखा तो यह कहकर परमेश्वर की महिमा करने लगा, “सचमुच यह मनुष्य धर्मी था।”
जब उसने यीशु के विषय में सुना तो यहूदियों के धर्मवृद्धों को उसके पास यह निवेदन करने के लिए भेजा कि वह आकर उसके दास को बचा ले।
क्योंकि उसकी एकलौती बेटी जो लगभग बारह वर्ष की थी, मरने पर थी। जब यीशु जा रहा था तो भीड़ उस पर टूटी पड़ रही थी।
कैसरिया में कुरनेलियुस नामक एक व्यक्ति था। वह उस सैन्य दल का शतपति था जो इतालियानी कहलाता था।
जब वह स्वर्गदूत जिसने उससे बातें की थीं चला गया, तो उसने अपने दो सेवकों और निरंतर अपने पास रहनेवालों में से एक भक्त सैनिक को बुलाया,
यह सुनकर शतपति ने सेनापति के पास जाकर कहा, “तू क्या करने वाला है? यह मनुष्य तो रोमी है।”
तब पौलुस ने शतपतियों में से एक को अपने पास बुलाकर कहा, “इस युवक को सेनापति के पास ले जा, क्योंकि इसको उसे कुछ बताना है।”
जब यह निश्चित हो गया कि हमें जहाज़ से इटली जाना है, तो उन्होंने पौलुस और कुछ अन्य बंदियों को औगुस्तुस के सैन्य दल के यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया।
दूसरे दिन हम सैदा में उतरे, और यूलियुस ने पौलुस पर कृपा करके उसे मित्रों के पास जाने की अनुमति दी कि उसका सत्कार किया जाए।
परंतु शतपति ने पौलुस को बचाने की इच्छा से उन्हें ऐसा करने से रोका, और आदेश दिया कि जो तैर सकते हैं वे पहले कूदकर भूमि पर पहुँच जाएँ;
हे दासो, सब बातों में अपने शारीरिक स्वामियों की आज्ञा मानो, लोगों को प्रसन्न करनेवालों के समान दिखावे के लिए नहीं, बल्कि प्रभु का भय मानते हुए मन की सीधाई से।