मरकुस 9:50 - नवीन हिंदी बाइबल “नमक अच्छा है, परंतु यदि नमक का स्वाद चला जाए तो उसे किससे नमकीन करोगे? अपने आपमें नमक रखो और आपस में मेल-मिलाप से रहो।” पवित्र बाइबल “नमक अच्छा है। किन्तु नमक यदि अपना नमकीनपन ही छोड़ दे तो तुम उसे दोबारा नमकीन कैसे बना सकते हो? अपने में नमक रखो और एक दूसरे के साथ शांति से रहो।” Hindi Holy Bible नमक अच्छा है,पर यदि नमक की नमकीनी जाती रहे, तो उसे किस से स्वादित करोगे? अपने में नमक रखो, और आपस में मेल मिलाप से रहो॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “नमक अच्छा है; किन्तु यदि वह अपना सलोनापन खो बैठे तो तुम उसे किस वस्तु से स्वादिष्ट करोगे? “अपने में नमक बनाए रखो और आपस में मेल रखो।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नमक अच्छा है, पर यदि नमक का स्वाद जाता रहे, तो उसे किस से नमकीन करोगे? अपने में नमक रखो, और आपस में मेल मिलाप से रहो। ” सरल हिन्दी बाइबल “नमक एक आवश्यक वस्तु है, किंतु यदि नमक अपना खारापन खो बैठे तो किस वस्तु से उसका खारापन वापस कर सकोगे? तुम स्वयं में नमक तथा आपस में मेल-मिलाप बनाए रखो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नमक अच्छा है, पर यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो उसे किस से नमकीन करोगे? अपने में नमक रखो, और आपस में मेल मिलाप से रहो।” |
“तुम पृथ्वी के नमक हो, परंतु यदि नमक अपना स्वाद खो दे, तो वह किससे नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इसके कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए।
परंतु वे चुप रहे क्योंकि उन्होंने मार्ग में एक दूसरे से वाद-विवाद किया था कि उनमें बड़ा कौन है?
अंततः हे भाइयो, आनंदित रहो, सिद्ध होते जाओ, प्रोत्साहित रहो, एक मन रखो, मेल-मिलाप से रहो; और प्रेम तथा शांति का परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा।
कोई अपशब्द तुम्हारे मुँह से न निकले, बल्कि वही निकले जो आवश्यकता के अनुसार दूसरों की उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
तुम केवल इतना करो कि मसीह के सुसमाचार के योग्य जीवन बिताओ, फिर मैं चाहे आकर तुम्हें देखूँ या न भी आऊँ, मैं तुम्हारे विषय में यही सुनूँ कि तुम एक आत्मा में स्थिर हो, और एक मन होकर सुसमाचार के विश्वास के लिए मिलकर संघर्ष करते हो,
अतः तुम परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, करुणा, दयालुता, दीनता, नम्रता और सहनशीलता को धारण करो।
तुम्हारी बातचीत सदा अनुग्रह के साथ और सलोनी हो ताकि तुम जान जाओ कि हर एक को कैसे उत्तर देना चाहिए।
जवानी की लालसाओं से भाग और जो शुद्ध मन से प्रभु को पुकारते हैं उनके साथ धार्मिकता, विश्वास, प्रेम, और शांति का पीछा कर।
सब के साथ मेल-मिलाप बनाए रखने और उस पवित्रता को पाने का यत्न करो, जिसके बिना कोई भी प्रभु को नहीं देख पाएगा।