मरकुस 4:39 - नवीन हिंदी बाइबल उसने उठकर आँधी को डाँटा और झील से कहा,“शांत हो जा! थम जा!” और आँधी थम गई और बड़ी शांति छा गई। पवित्र बाइबल यीशु खड़ा हुआ। उसने हवा को डाँटा और लहरों से कहा, “शान्त हो जाओ। थम जाओ।” तभी बवंडर थम गया और चारों तरफ असीम शांति छा गयी। Hindi Holy Bible तब उस ने उठकर आन्धी को डांटा, और पानी से कहा; “शान्त रह, थम जा”: और आन्धी थम गई और बड़ा चैन हो गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु उठे और उन्होंने वायु को डाँटा और झील से कहा, “शान्त हो! थम जा!” वायु मन्द हो गयी और पूर्ण शान्ति छा गयी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने उठकर आँधी को डाँटा, और पानी से कहा, “शान्त रह, थम जा!” और आँधी थम गई और बड़ा चैन हो गया; सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु जाग गए. उन्होंने बवंडर को डांटा तथा लहरों को आज्ञा दी, “शांत हो जाओ! स्थिर हो जाओ!” बवंडर शांत हो गया तथा पूरी शांति छा गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने उठकर आँधी को डाँटा, और पानी से कहा, “शान्त रह, थम जा!” और आँधी थम गई और बड़ा चैन हो गया। |
तू ही समुद्रों के कोलाहल, उनकी लहरों के गर्जन, तथा जाति-जाति के हुल्लड़ को शांत करता है;
समुद्र की प्रचंड लहरों पर तेरा ही अधिकार है; जब उसकी तरंगें उठती हैं तो तू उन्हें शांत करता है।
तू अपनी लाठी उठा और अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ाकर उसे दो भाग कर, ताकि इस्राएली सूखी भूमि पर चलकर समुद्र में से निकल जाएँ।
फिर इस्राएली सूखी भूमि पर चलकर समुद्र के बीच गए, और जल उनके दाहिनी तथा बाईं ओर दीवार के समान था।
जब उसने समुद्र की सीमा बाँधी कि जल उसकी आज्ञा का उल्लंघन न करे, जब उसने पृथ्वी की नींव डाली,
उसने उनसे कहा,“हे अल्पविश्वासियो, तुम क्यों डरते हो?” तब उसने उठकर आँधी और झील को डाँटा और बड़ी शांति छा गई।
परंतु वह नाव के पिछले भाग में तकिया लगाकर सो रहा था। उन्होंने उसे जगाया और उससे कहा, “हे गुरु, क्या तुझे चिंता नहीं कि हम नाश हो रहे हैं?”
जब यीशु ने देखा कि भीड़ बढ़ती जा रही है तो उसने उस अशुद्ध आत्मा को यह कहकर डाँटा,“हे गूँगी और बहरी आत्मा, मैं तुझे आज्ञा देता हूँ कि इसमें से निकल जा और इसमें फिर कभी प्रवेश मत करना।”
परंतु यीशु ने उसे डाँटकर कहा,“चुप रह और उसमें से निकल जा।” और वह दुष्टात्मा उस मनुष्य को उनके बीच में पटककर बिना उसे हानि पहुँचाए उसमें से निकल गई।
तब उसने उसके पास खड़े होकर ज्वर को डाँटा, और उसका ज्वर उतर गया तथा वह तुरंत उठकर उनकी सेवा करने लगी।
तब उन्होंने पास जाकर उसे जगाया और कहा, “स्वामी, स्वामी! हम नाश हो रहे हैं।” उसने उठकर आँधी और पानी की लहरों को डाँटा; और वे थम गईं, तथा शांति छा गई।