मत्ती 26:5 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु उन्होंने कहा, “पर्व के समय नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों के बीच में उपद्रव हो जाए।” पवित्र बाइबल फिर भी वे कह रहे थे, “हमें यह पर्व के दिनों नहीं करना चाहिये नहीं तो हो सकता है लोग कोई दंगा फ़साद करें।” Hindi Holy Bible परन्तु वे कहते थे, कि पर्व्व के समय नहीं; कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मच जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु वे कहते थे, “पर्व के दिनों में नहीं। कहीं ऐसा न हो कि जनता में दंगा हो जाए।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु वे कहते थे, “पर्व के समय नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों में बलवा मच जाए।” सरल हिन्दी बाइबल वे यह विचार भी कर रहे थे: “यह फ़सह उत्सव के अवसर पर न किया जाए—कहीं इससे लोगों में बलवा न भड़क उठे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु वे कहते थे, “पर्व के समय नहीं; कहीं ऐसा न हो कि लोगों में दंगा मच जाए।” |
मनुष्य के मन में बहुत सी योजनाएँ होती हैं, परंतु जो यहोवा का उद्देश्य होता है वही पूरा होता है।
वह उसे मार डालना चाहता था, परंतु लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यवक्ता मानते थे।
और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’, तो हमें भीड़ का डर है, क्योंकि सब यूहन्ना को भविष्यवक्ता मानते हैं।”
जब पिलातुस ने यह देखा कि मुझसे कुछ बन नहीं पड़ता बल्कि और भी अधिक कोलाहल मच रहा है, तो उसने पानी लेकर भीड़ के सामने अपने हाथ धोए और कहा, “मैं इस मनुष्य के लहू से निर्दोष हूँ; तुम ही जानो।”
अख़मीरी रोटी के पर्व के पहले दिन, जब फसह के मेमने का बलिदान किया जाता था, उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “तू कहाँ चाहता है कि हम जाकर तेरे खाने के लिए फसह का भोज तैयार करें?”
तब यीशु ने उनसे कहा,“तुम सबठोकर खाओगे, क्योंकि लिखा है : मैं चरवाहे को मारूँगा और भेड़ें तितर-बितर हो जाएँगी।
और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तो सब लोग हम पर पथराव करेंगे, क्योंकि वे सचमुच यूहन्ना को एक भविष्यवक्ता मानते हैं।”
अतः वे यीशु को काइफा के पास से राजभवन में ले गए; यह भोर का समय था। परंतु उन्होंने राजभवन में प्रवेश नहीं किया ताकि वे अशुद्ध न हों और फसह का भोज खा सकें।
और नगर में हुल्लड़ मच गया, और लोग मकिदुनियावासी गयुस और अरिस्तर्खुस को जो पौलुस के संगी यात्री थे, पकड़कर एक साथ तेज़ी से रंगशाला में दौड़े गए।
तो क्या तू वही मिस्री तो नहीं जिसने कुछ दिन पहले विद्रोह करवाया और चार हज़ार कटारबंद पुरुषों को जंगल में ले गया था?”