यहोवा और उसके अभिषिक्त के विरुद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और शासक आपस में सम्मति करके कहते हैं,
मत्ती 2:4 - नवीन हिंदी बाइबल और वह लोगों के सभी मुख्य याजकों और शास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछने लगा कि मसीह का जन्म कहाँ होना है। पवित्र बाइबल सो उसने यहूदी समाज के सभी प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा कि मसीह का जन्म कहाँ होना है। Hindi Holy Bible और उस ने लोगों के सब महायाजकों और शास्त्रियों को इकट्ठे करके उन से पूछा, कि मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राजा ने सब महापुरोहितों और समाज के सब शास्त्रियों की सभा बुला कर उनसे पूछा, “मसीह कहाँ जन्म लेंगे?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने लोगों के सब प्रधान याजकों और शास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा, “मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिये?” सरल हिन्दी बाइबल राजा हेरोदेस ने प्रधान पुरोहितों और शास्त्रियों को इकट्ठा कर उनसे पूछताछ की कि वह कौन सा स्थान है जहां मसीह के जन्म लेने का संकेत है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसने लोगों के सब प्रधान याजकों और शास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा, “मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए?” |
यहोवा और उसके अभिषिक्त के विरुद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और शासक आपस में सम्मति करके कहते हैं,
तब उसने उनसे कहा,“इस कारण प्रत्येक शास्त्री जो स्वर्ग के राज्य का शिष्य बना है, ऐसे मनुष्य के समान है जो घर का स्वामी है और अपने भंडार से नई और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।”
उन्होंने उससे कहा, “यहूदिया के बैतलहम में, क्योंकि भविष्यवक्ता के द्वारा यह लिखा गया है :
परंतु जब मुख्य याजकों और शास्त्रियों ने इन चमत्कारों को देखा जिन्हें यीशु ने किया और यह भी कि बच्चे मंदिर-परिसर में “दाऊद के पुत्र को होशन्ना” कहकर चिल्ला रहे हैं तो क्रोधित हो गए
जब वह मंदिर-परिसर में आकर उपदेश दे रहा था, तो मुख्य याजक और लोगों के धर्मवृद्ध उसके पास आकर कहने लगे, “तू ये कार्य किस अधिकार से करता है? और यह अधिकार तुझे किसने दिया?”
अभी यीशु यह कह ही रहा था कि देखो, यहूदा जो बारहों में से एक था, आया, और उसके साथ मुख्य याजकों और लोगों के धर्मवृद्धों की ओर से आई एक भीड़ थी जिनके पास तलवारें और लाठियाँ थीं।
जब भोर हुआ, तो सब मुख्य याजकों और लोगों के धर्मवृद्धों ने यीशु के विरुद्ध सम्मति की, कि उसे मार डालें;
क्योंकि वह उनके शास्त्रियों के समान नहीं बल्कि एक अधिकारी के समान उन्हें उपदेश दे रहा था।
फिर वह उन्हें सिखाने लगा कि मनुष्य के पुत्र के लिए अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए; धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीन दिन के बाद फिर जी उठे।
शास्त्रियों और मुख्य याजकों ने उसी समय उस पर हाथ डालना चाहा, क्योंकि वे समझ गए थे कि उसने यह दृष्टांत उनके विषय में कहा है, परंतु वे लोगों से डरे।
तब यहूदा वहाँ लालटेनों, मशालों और हथियारों सहित एक सैन्य दल और उन सिपाहियों को लेकर आया जो मुख्य याजकों तथा फरीसियों के थे।
फरीसियों ने लोगों को उसके विषय में यह कानाफूसी करते हुए सुना। फिर मुख्य याजकों और फरीसियों ने उसे पकड़ने के लिए सिपाहियों को भेजा।
तब शास्त्री और फरीसी एक स्त्री को लाए जो व्यभिचार में पकड़ी गई थी, और उसे बीच में खड़ा करके
तब बड़ा कोलाहल मच गया, और फरीसियों के दल के कुछ शास्त्री उठ खड़े हुए और यह कहकर झगड़ने लगे, “हम इस मनुष्य में कोई बुराई नहीं पाते; यदि किसी आत्मा या स्वर्गदूत ने उससे बातें की हैं तो क्या?”
और लोगों और धर्मवृद्धों और शास्त्रियों को भड़काया। फिर उन्होंने आकर उसे पकड़ा और महासभा में ले आए।