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मत्ती 2:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 राजा ने सब महापुरोहितों और समाज के सब शास्‍त्रियों की सभा बुला कर उनसे पूछा, “मसीह कहाँ जन्‍म लेंगे?”

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पवित्र बाइबल

4 सो उसने यहूदी समाज के सभी प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा कि मसीह का जन्म कहाँ होना है।

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Hindi Holy Bible

4 और उस ने लोगों के सब महायाजकों और शास्त्रियों को इकट्ठे करके उन से पूछा, कि मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 तब उसने लोगों के सब प्रधान याजकों और शास्त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछा, “मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिये?”

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नवीन हिंदी बाइबल

4 और वह लोगों के सभी मुख्य याजकों और शास्‍त्रियों को इकट्ठा करके उनसे पूछने लगा कि मसीह का जन्म कहाँ होना है।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 राजा हेरोदेस ने प्रधान पुरोहितों और शास्त्रियों को इकट्ठा कर उनसे पूछताछ की कि वह कौन सा स्थान है जहां मसीह के जन्म लेने का संकेत है?

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मत्ती 2:4
30 क्रॉस रेफरेंस  

वे बोझा और भार उठानेवालों के निरीक्षक थे। वे सब प्रकार का काम करनेवाले मजदूरों के कार्य का संचालन करते थे। कुछ उपपुरोहित लिपिक, अफसर और द्वारपाल थे।


हिल्‍कियाह ने महासहायक शाफान से कहा, ‘मुझे प्रभु के भवन में “व्‍यवस्‍था-ग्रंथ” मिला है।’ हिल्‍कियाह ने “व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ” शाफान को दिया।


यहाँ तक कि प्रमुख पुरोहित और जनता के प्रतिष्‍ठित लोग भी विभिन्न जातियों की घृणित प्रथाओं को मानने लगे थे, और यों प्रभु के प्रति बहुत विश्‍वासघात करते थे। प्रभु परमेश्‍वर ने अपनी उपस्‍थिति से यरूशलेम में अपने भवन को पवित्र किया था, किन्‍तु उन्‍होंने उसको अपवित्र कर दिया।


तब एज्रा उठा। उसने इस्राएलियों के प्रमुख पुरोहितों, उपपुरोहितों और समस्‍त इस्राएली जनता को यह शपथ खिलाई कि वे विदेशी पत्‍नियों और उनकी सन्‍तान को त्‍याग देंगे। उन्‍होंने शपथ ली कि वे ऐसा ही करेंगे।


एज्रा एक शास्‍त्री था। वह मूसा की व्‍यवस्‍था का विशेषज्ञ था, जो इस्राएली कौम के प्रभु परमेश्‍वर ने प्रदान की थी। उसने सम्राट से जो मांगा, वह सब सम्राट ने उसको प्रदान किया; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर की कृपा-दृष्‍टि उस पर थी।


सल्‍लू, आमोक, हिल्‍कियाह और यदायाह। येशुअ के दिनों में ये ही व्यक्‍ति पुरोहितों और अपने भाई-बन्‍धुओं के मुखिया थे।


प्रभु और उसके अभिषिक्‍त राजा के विरोध में, संसार के राजाओं ने संकल्‍प किया है, शासकों ने एक साथ मन्‍त्रणा की है।


‘तुम यह कैसे कह सकते हो कि तुम बुद्धिमान हो, और मेरी व्‍यवस्‍था तुम्‍हारे साथ है? किन्‍तु देखो, शास्‍त्रियों ने उसका क्‍या किया? अपनी झूठी कलम से उसको भी झूठ बना दिया।


‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्‍यवस्‍था प्राप्‍त होनी चाहिए। पुरोहित स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्‍देशवाहक है।


येशु ने उन से कहा, “इस कारण प्रत्‍येक शास्‍त्री, जो स्‍वर्ग के राज्‍य के विषय में शिक्षा पा चुका है, उस गृहस्‍थ के सदृश है, जो अपने भंडार से नयी और पुरानी वस्‍तुएँ निकालता है।”


यह सुन कर राजा हेरोदेस और उसके साथ सारा यरूशलेम घबरा गया।


उन्‍होंने उत्तर दिया, “यहूदा प्रदेश के बेतलेहम नगर में; क्‍योंकि नबी ने इसके विषय में यह लिखा है :


जब महापुरोहितों और शास्‍त्रियों ने उनके आश्‍चर्यपूर्ण कार्य देखे और बालकों को मन्‍दिर में यह जयघोष करते सुना − “दाऊद के वंशज की जय!” तो वे क्रुद्ध हो गए।


येशु मन्‍दिर में लौटे। जब वह लोगों को शिक्षा दे रहे थे, तब महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध उनके पास आ कर बोले, “आप किस अधिकार से ये कार्य कर रहे हैं? किसने आप को यह अधिकार दिया है?”


अब काइफा नामक प्रधान महापुरोहित के महल में अन्‍य महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध एकत्र हुए।


येशु यह कह ही रहे थे कि बारहों में से एक, अर्थात् यूदस आ गया। उसके साथ तलवारें और लाठियाँ लिये एक बड़ी भीड़ थी, जिसे महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने भेजा था।


जब प्रात:काल हुआ तब सब महापुरोहितों और समाज के धर्मवृद्धों ने परस्‍पर परामर्श किया कि येशु को मार डाला जाए।


क्‍योंकि येशु उनके शास्‍त्रियों की तरह नहीं बल्‍कि अधिकार के साथ उन्‍हें शिक्षा देते थे।


उस समय से येशु अपने शिष्‍यों को शिक्षा देने लगे कि मानव-पुत्र को बहुत दु:ख उठाना होगा : यह अनिवार्य है कि वह धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्‍त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीन दिन के बाद फिर जी उठे।


शास्‍त्रियों और महापुरोहितों ने येशु को उसी समय पकड़ना चाहा, क्‍योंकि वे समझ गये थे कि येशु ने यह दृष्‍टान्‍त उनके ही विषय में कहा है; परन्‍तु वे जनता से डरे।


इस बीच महापुरोहित और शास्‍त्री वहाँ खड़े थे; वे येशु पर उग्रतापूर्वक अभियोग लगाते रहे।


इसलिए यूदस, सैन्‍यदल और महापुरोहितों तथा फरीसियों के भेजे हुए सिपहियों के साथ, वहाँ आ पहुँचा। वे लालटेनें, मशालें और हथियार लिये हुए थे।


येशु ने उसे उत्तर दिया, “आप इस्राएल के गुरु हैं और ये बातें भी नहीं समझते!


फरीसियों ने सुना कि जनता में येशु के विषय में इस प्रकार की कानाफूसी हो रही है। अत: महापुरोहितों और फरीसियों ने येशु को गिरफ्‍तार करने के लिए सिपाहियों को भेजा।


उस समय शास्‍त्री और फरीसी व्‍यभिचार में पकड़ी गयी एक स्‍त्री को लाए, और उसे सब लोगों के सामने खड़ा कर


इस प्रकार बड़ा कोलाहल मच गया। फ़रीसी दल के कुछ शास्‍त्री उठकर झगड़ने और यह कहने लगे, “हम इस मनुष्‍य में कोई दोष नहीं पाते। यदि कोई आत्‍मा अथवा स्‍वर्गदूत इससे कुछ बोला हो, तो....।”


दूसरे दिन यरूशलेम में शासकों, धर्मवृद्धों और शास्‍त्रियों की सभा हुई।


इस प्रकार जनता, धर्मवृद्धों तथा शास्‍त्रियों को भड़काने के बाद वे अचानक स्‍तीफनुस के पास आ धमके और उसे पकड़ कर धर्म-महासभा के सामने ले गये।


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