उसके सब बेटे-बेटियों ने उसे शांति देने का प्रयत्न किया, पर उसे शांति न मिली। उसने कहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिए रोता ही रहा।
भजन संहिता 30:11 - नवीन हिंदी बाइबल तूने मेरे विलाप को नृत्य में बदल दिया है; तूने मेरा टाट उतारकर आनंद का कमरबंध बाँधा है, पवित्र बाइबल मैंने प्रार्थना की और तूने सहायता की! तूने मेरे रोने को नृत्य में बदल दिया। मेरे शोक वस्त्र को तूने उतार फेंका, और मुझे आनन्द में सराबोर कर दिया। Hindi Holy Bible तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला, तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बान्धा है; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने मेरे विलाप को हर्ष में बदल दिया; तूने मेरा शोक-सूचक टाट उतार कर मुझे आनन्द के वस्त्र पहनाए, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू ने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला; तू ने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बाँधा है, सरल हिन्दी बाइबल आपने मेरे विलाप को उल्लास-नृत्य में बदल दिया; आपने मेरे शोक-वस्त्र टाट उतारकर मुझे हर्ष का आवरण दे दिया, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तूने मेरे लिये विलाप को नृत्य में बदल डाला; तूने मेरा टाट उतरवाकर मेरी कमर में आनन्द का पटुका बाँधा है; |
उसके सब बेटे-बेटियों ने उसे शांति देने का प्रयत्न किया, पर उसे शांति न मिली। उसने कहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिए रोता ही रहा।
तब इस्राएल ने कहा, “मेरे लिए तो यही बहुत है कि मेरा पुत्र यूसुफ अब तक जीवित है। मैं अपनी मृत्यु से पहले जाकर उसे देखूँगा।”
डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो! तारवाले वाद्य और बाँसुरी बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
क्योंकि उसका क्रोध तो क्षण भर का होता है, पर उसकी कृपा जीवन भर की होती है। यद्यपि रात को रोना पड़े, परंतु भोर को आनंद होता है।
तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनंद भर दिया है, जो उन्हें अन्न और दाखमधु की बहुतायत से होता था।
परंतु पिता ने अपने दासों से कहा, ‘शीघ्र सब से अच्छा वस्त्र निकाल लाओ और उसे पहनाओ, तथा उसके हाथ में अँगूठी और पैरों में जूते पहनाओ,
मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परंतु संसार आनंदित होगा; तुम शोकित होगे, परंतु तुम्हारा शोक आनंद में बदल जाएगा।
वह उनकी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ डालेगा, और फिर न मृत्यु रहेगी और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; क्योंकि पहली बातें बीत गईं।”