कि अनाथ और कुचले हुओं का न्याय करे, ताकि मिट्टी से रचा गया मनुष्य फिर कभी भय का कारण न बने।
भजन संहिता 13:2 - नवीन हिंदी बाइबल कब तक मैं अपने मन में व्याकुल रहूँ? मैं कब तक अपने हृदय में शोकित रहूँ? कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल होता रहेगा? पवित्र बाइबल तू मुझे भूल गया यह कब तक मैं सोचूँ? अपने ह्रदय में कब तक यह दु:ख भोगूँ? कब तक मेरे शत्रु मुझे जीतते रहेंगे? Hindi Holy Bible मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कब तक मैं अपने को समझता रहूँगा? मेरे हृदय में दिन भर वेदना होती है, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल होता रहेगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूँ? कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? सरल हिन्दी बाइबल कब तक मैं अपने मन को समझाता रहूं? कब तक दिन-रात मेरा हृदय वेदना सहता रहेगा? कब तक मेरे शत्रु मुझ पर प्रबल होते रहेंगे? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियाँ करता रहूँ, और दिन भर अपने हृदय में दुःखित रहा करूँ?, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा? |
कि अनाथ और कुचले हुओं का न्याय करे, ताकि मिट्टी से रचा गया मनुष्य फिर कभी भय का कारण न बने।
मृत्यु की रस्सियों ने मुझे चारों ओर से जकड़ लिया था, और अधोलोक की पीड़ा मुझ पर आ पड़ी थी; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा।
झूठ बोलनेवाले मुँह जो अहंकार और अपमान से धर्मी के विरुद्ध निंदा की बातें बोलते हैं, बंद हो जाएँ।
इन बातों को स्मरण करके मेरा मन भर जाता है कि मैं कैसे धन्यवाद और जय जयकार के साथ, उत्सव मनाती हुई भीड़ के संग यहोवा के भवन में जाया करता था।
ऐसा न हो कि वे सिंह के समान मुझे फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर डालें; और मेरा कोई छुड़ानेवाला न हो।
हे परमेश्वर, बैरी कब तक निंदा करता रहेगा? क्या शत्रु तेरे नाम का तिरस्कार सदा करता रहेगा?
हे यहोवा, स्मरण कर कि शत्रु ने तेरी निंदा की है, और मूर्ख लोगों ने तेरे नाम का तिरस्कार किया है।
तूने अपने बैरियों के कारण बच्चों और शिशुओं के मुँह से अपना सामर्थ्य स्थापित किया है, ताकि तू शत्रु और बदला लेनेवाले को रोक रखे।
शत्रु अनंतकाल के लिए उजड़ गए हैं; तूने उनके नगरों को ढा दिया है, और उनका स्मरण भी न रहा।
जब मन आनंदित होता है तो मुख पर प्रसन्नता छा जाती है, परंतु जब मन दुःखी होता है तो आत्मा भी निराश हो जाती है।
तब उसने उनसे कहा,“मेरा मन बहुत उदास है, यहाँ तक कि मैं मरने पर हूँ; तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।”
जब मैं प्रतिदिन तुम्हारे साथ मंदिर में था, तब तुमने मुझ पर हाथ नहीं डाला; परंतु यह तुम्हारी घड़ी है और अंधकार का अधिकार है।”
वास्तव में वह इतना बीमार था कि मरने पर था, परंतु परमेश्वर ने उस पर दया की, और केवल उस पर ही नहीं बल्कि मुझ पर भी, कि कहीं मुझे दुःख पर दुःख सहना न पड़े।