तू मनुष्य को अधर्म के लिए डाँट-फटकार कर ताड़ना देता है, और जो कुछ उसे प्रिय लगता है उसे तू ऐसे नष्ट कर देता है जैसे कोई कीड़ा वस्तुओं को खा जाता है। सचमुच हर मनुष्य भाप के समान ही है। सेला।
प्रकाशितवाक्य 3:19 - नवीन हिंदी बाइबल जिनसे मैं प्रीति रखता हूँ, उन्हें मैं झिड़कता और ताड़ना देता हूँ। इसलिए सरगर्म हो जा और पश्चात्ताप कर। पवित्र बाइबल “उन सभी को जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ, मैं डाँटता हूँ और अनुशासित करता हूँ। तो फिर कठिन जतन और मनफिराव कर। Hindi Holy Bible मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं जिन से प्रेम करता हूँ, उन्हें डाँटता और दण्डित करता हूँ। इसलिए उत्साही बनो और पश्चात्ताप करो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं जिन जिन से प्रेम करता हूँ, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूँ; इसलिये सरगर्म हो और मन फिरा। सरल हिन्दी बाइबल अपने सभी प्रेम करनेवालों को मैं ताड़ना देता तथा अनुशासित करता हूं. इसलिये बहुत उत्साहित होकर पश्चाताप करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं जिन जिनसे प्रेम रखता हूँ, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूँ, इसलिए उत्साही हो, और मन फिरा। (नीति. 3:12) |
तू मनुष्य को अधर्म के लिए डाँट-फटकार कर ताड़ना देता है, और जो कुछ उसे प्रिय लगता है उसे तू ऐसे नष्ट कर देता है जैसे कोई कीड़ा वस्तुओं को खा जाता है। सचमुच हर मनुष्य भाप के समान ही है। सेला।
क्योंकि तेरे भवन की धुन ने मुझे भस्म कर दिया है। जो निंदा वे तेरी करते हैं, वही मुझे सहनी पड़ी है।
जो मार्ग को छोड़ देता है, उसकी बड़ी ताड़ना होती है; और जो डाँट से बैर रखता है, वह मर जाता है।
जो शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है; परंतु जो ताड़ना पर ध्यान देता है, वह समझ प्राप्त करता है।
बच्चे के मन में मूर्खता की गाँठ बंधी रहती है; अनुशासन की छड़ी के द्वारा वह उससे दूर की जाती है।
अनजान समझे जाते हैं फिर भी हमें सब जानते हैं, मरते हुए समझे जाते हैं फिर भी देखो जीवित हैं, मार खानेवाले समझे जाते हैं फिर भी जान से मारे नहीं जाते,
अतः देखो, यह दुःख जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हुआ उससे तुममें कितना उत्साह, अपने को निर्दोष सिद्ध करने की कितनी अभिलाषा, कितना रोष, कितना भय, कितनी लालसा, कितनी धुन और न्याय चुकाने की कितनी इच्छा उत्पन्न हुई है। तुमने हर बात में अपने आपको निर्दोष प्रस्तुत किया है।
सदैव अच्छे उद्देश्य के लिए उत्सुक रहना अच्छा है, केवल उसी समय नहीं जब मैं तुम्हारे साथ उपस्थित होता हूँ।
जिसने अपने आपको हमारे लिए दे दिया ताकि हर प्रकार के अधर्म से हमें छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिए एक ऐसी निज प्रजा बना ले जो भले कार्यों को करने में उत्साही हो।
धन्य है वह मनुष्य जो परीक्षा में धीरज धरता है क्योंकि वह खरा उतरकर जीवन का वह मुकुट पाएगा जिसकी प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम रखनेवालों से की है।
इसलिए स्मरण कर कि तू कहाँ से गिरा है, और पश्चात्ताप कर और पहले के समान कार्य कर। यदि तू पश्चात्ताप नहीं करेगा तो मैं तेरे पासआकर तेरी दीवट को उसके स्थान से हटा दूँगा।