दुष्ट अपने मन की अभिलाषा पर घमंड करता है, और लोभी मनुष्य यहोवा को शाप देता और उसका तिरस्कार करता है।
नीतिवचन 6:12 - नवीन हिंदी बाइबल निकम्मा और दुष्ट व्यक्ति वह है जो कुटिल बातें बोलता फिरता है, पवित्र बाइबल नीच और दुष्ट वह होता है जो बुरी बातें बोलता हुआ फिरता रहता है। Hindi Holy Bible ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी टेढ़ी बातें बकता फिरता है, पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दुर्जन किसी काम का आदमी नहीं होता; बकवादी यहां-वहां कुटिल बातें कहता फिरता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी टेढ़ी बातें बकता फिरता है, सरल हिन्दी बाइबल बुरा व्यक्ति निकम्मा ही सिद्ध होता है, उसकी बातों में हेरा-फेरी होती है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ओछे और अनर्थकारी को देखो, वह टेढ़ी-टेढ़ी बातें बकता फिरता है, |
दुष्ट अपने मन की अभिलाषा पर घमंड करता है, और लोभी मनुष्य यहोवा को शाप देता और उसका तिरस्कार करता है।
मैं अपना मन दुष्टता के कार्य पर नहीं लगाऊँगा। मैं अधर्म पर चलनेवालों के कार्यों से घृणा करता हूँ, मैं उनमें न फँसूँगा।
उसके मुँह के वचन दुष्टता और छल से भरे हैं; उसने बुद्धि और भलाई के कार्य करना छोड़ दिया है।
देख, वे अपने मुँह से जहर उगलते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं। वे कहते हैं, “कौन सुनता है?”
धर्मी जन ग्रहणयोग्य बातें करना जानता है, परंतु दुष्ट के मुँह से कुटिल बातें निकलती हैं।
दुष्ट मनुष्य बुराई की युक्ति निकालता है, और उसके शब्द झुलसानेवाली आग के समान होते हैं।
जो आँखों से इशारा करता है, वह कुटिल योजनाएँ बनाता है; और जो अपने होंठ दबाता है, वह बुराई करता है।
कुकर्मी मनुष्य दुष्टता की बातों को ध्यान से सुनता है, और झूठा मनुष्य विनाशकारी जीभ की बातों पर कान लगाता है।
क्योंकि यहोवा कुटिल मनुष्य से घृणा करता है, परंतु सीधे लोगों पर वह अपने भेद प्रकट करता है।
यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। मैं घमंड, अहंकार और बुरी चाल से, तथा कुटिल बातों से भी बैर रखती हूँ।
हे साँप के बच्चो, तुम बुरे होकर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है वही मुँह पर आता है।
और तुम्हारे ही बीच में से कुछ ऐसे लोग उठ खड़े होंगे जो शिष्यों को अपने पीछे खींच लेने के लिए टेढ़ी-मेढ़ी बातें करेंगे।
साथ ही साथ, वे घर-घर फिरकर आलसी होना भी सीखती हैं, और न केवल आलसी होना सीखती हैं बल्कि बकबक करती और दूसरों के कामों में हस्तक्षेप भी करती हैं, तथा ऐसी बातें बोलती हैं जो बोलनी नहीं चाहिए।
इसलिए सारी मलिनता और समस्त बुराई को छोड़कर उस वचन को नम्रता से ग्रहण कर लो जो तुममें रोपा गया है और तुम्हारे प्राणों को बचा सकता है।
जीभ एक आग है। जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक संसार है, जो सारी देह को कलंकित करती और जीवन की गति में आग लगा देती है, तथा स्वयं नरक की आग से जलाई जाती है।