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नीतिवचन 28:11 - नवीन हिंदी बाइबल

धनी पुरुष अपनी ही दृष्‍टि में बुद्धिमान होता है, परंतु जो निर्धन व्यक्‍ति समझदार है वह उसे परख लेता है।

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पवित्र बाइबल

धनी परुष निज आँखों में बुद्धिमान हो सकता है किन्तु वह गरीबजन जो बुद्धिमान होता है सत्य को देखता।

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Hindi Holy Bible

धनी पुरूष अपनी दृष्टि में बुद्धिमान होता है, परन्तु समझदार कंगाल उसका मर्म बूझ लेता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

धनवान मनुष्‍य स्‍वयं को अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान समझता है, परन्‍तु समझदार गरीब उसकी बुद्धिमानी की वास्‍तविकता को पहचान जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

धनी पुरुष अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान होता है, परन्तु समझदार कंगाल उसका मर्म समझ लेता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

अपने ही विचार में धनाढ्य स्वयं को बुद्धिमान मानता है; जो गरीब और समझदार है, वह देखता है कि धनवान कितना भ्रमित है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

धनी पुरुष अपनी दृष्टि में बुद्धिमान होता है, परन्तु समझदार कंगाल उसका मर्म समझ लेता है।

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नीतिवचन 28:11
18 क्रॉस रेफरेंस  

धनी का धन उसकी दृष्‍टि में उसका दृढ़ नगर और ऊँची शहरपनाह है।


जो मनुष्य मुकदमे में पहले बोलता है, वह तब तक सच्‍चा प्रतीत होता है, जब तक कि दूसरे पक्षवाला आकर उसे जाँच नहीं लेता।


खराई से चलनेवाला निर्धन मनुष्य उससे अच्छा है जो कुटिल बातें करता है और मूर्ख है।


धनी होने के लिए परिश्रम न कर; इस पर अधिक ध्यान देना छोड़ दे।


क्या तू ऐसे मनुष्य को देखता है जो अपनी ही दृष्‍टि में बुद्धिमान है? उससे बढ़कर आशा तो मूर्ख के लिए है।


आलसी स्वयं को उन सात मनुष्यों से भी अधिक बुद्धिमान समझता है जो समझदारी से उत्तर दे सकते हैं।


मूर्ख को उसी की मूर्खता के आधार पर उत्तर देना, ऐसा न हो कि वह अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान ठहरे।


तू अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न बन; यहोवा का भय मान, और बुराई से दूर रह।


हे भाइयो, कहीं तुम अपने आपको बुद्धिमान न समझ लो, इसलिए मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो कि जब तक गैरयहूदियों की संख्या पूर्ण न हो जाए तब तक इस्राएल का एक भाग कठोर बना रहेगा।


आपस में एक सा मन रखो, अभिमानी न हो बल्कि दीनों के साथ संगति रखो। अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न बनो।


इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अहंकारी न बनें और अनिश्‍चित धन पर नहीं बल्कि परमेश्‍वर पर आशा रखें जो हमारे आनंद के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है।