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रोमियों 12:16 - नवीन हिंदी बाइबल

16 आपस में एक सा मन रखो, अभिमानी न हो बल्कि दीनों के साथ संगति रखो। अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न बनो।

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पवित्र बाइबल

16 मेलमिलाप से रहो। अभिमान मत करो बल्कि दीनों की संगति करो। अपने को बुद्धिमान मत समझो।

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Hindi Holy Bible

16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

16 आपस में मेल-मिलाप का भाव बनाये रखें। घमण्‍डी न बनें, बल्‍कि दीन-दु:खियों से मिलते-जुलते रहें। अपने आप को बुद्धिमान् न समझें।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

16 आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो, परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

16 तुममें आपस में मेल भाव हो; तुम्हारी सोच में अहंकार न हो परंतु उनसे मिलने-जुलने के लिए तत्पर रहो, जो समाज की दृष्टि में छोटे हैं; स्वयं को ज्ञानवान न समझो.

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रोमियों 12:16
48 क्रॉस रेफरेंस  

जो निर्धन का उपहास करता है, वह उसके सृजनहार की निंदा करता है; और जो किसी की विपत्ति पर हँसता है, वह निश्‍चय दंड पाएगा।


जो कंगाल पर तरस खाता है, वह यहोवा को उधार देता है; और यहोवा उसे उसके भले कार्य का प्रतिफल देगा।


मनुष्य का दयालु होना शोभनीय है; और झूठा होने से उत्तम निर्धन होना है।


जब निर्धन मनुष्य के सब भाई उससे घृणा करते हैं तो अवश्य ही उसके मित्र भी उससे दूर होंगे! वह उन्हें बातों से मनाना तो चाहता है, पर वे नहीं मानते।


क्या तू ऐसे मनुष्य को देखता है जो अपनी ही दृष्‍टि में बुद्धिमान है? उससे बढ़कर आशा तो मूर्ख के लिए है।


मूर्ख को उसी की मूर्खता के आधार पर उत्तर देना, ऐसा न हो कि वह अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान ठहरे।


तू अपनी दृष्‍टि में बुद्धिमान न बन; यहोवा का भय मान, और बुराई से दूर रह।


‘अंधे देखते हैं और लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किए जाते हैं और बहरे सुनते हैं, तथा मृतक जिलाए जाते हैं और कंगालों को सुसमाचार सुनाया जाता है।’


क्योंकि कंगाल तो सदा तुम्हारे साथ रहते हैं, परंतु मैं तुम्हारे साथ सदा न रहूँगा;


बल्कि जब तू भोज दे तो कंगालों, अपंगों, लंगड़ों और अंधों को आमंत्रित कर;


तब उसने अपने शिष्यों की ओर अपनी आँखें उठाईं और कहने लगा : “धन्य हो तुम जो दीन हो, क्योंकि परमेश्‍वर का राज्य तुम्हारा है।


विश्‍वास करनेवालों का समूह एक मन और एक चित्त था, और कोई भी अपनी संपत्ति को अपनी नहीं कहता था, बल्कि उनका सब कुछ साझे का था।


ठीक है! वे अपने अविश्‍वास के कारण तोड़ी गईं, परंतु तू अपने विश्‍वास के कारण स्थिर है। अभिमानी न हो, परंतु भय मान;


हे भाइयो, कहीं तुम अपने आपको बुद्धिमान न समझ लो, इसलिए मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो कि जब तक गैरयहूदियों की संख्या पूर्ण न हो जाए तब तक इस्राएल का एक भाग कठोर बना रहेगा।


मैं उस अनुग्रह के कारण जो मुझे मिला है, तुममें से प्रत्येक से कहता हूँ कि कोई अपने आपको जितना समझना चाहिए उससे बढ़कर न समझे, बल्कि जैसा परमेश्‍वर ने प्रत्येक जन को विश्‍वास के परिमाण के अनुसार दिया है, वैसा ही सुबुद्धि के साथ समझे।


अब धीरज और प्रोत्साहन का परमेश्‍वर, तुम्हें मसीह यीशु के अनुसार आपस में मन की एकता दे,


कदापि नहीं! हम जो पाप के प्रति मर गए तो अब उसमें कैसे जीवन बिताएँ?


हे भाइयो, हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से मैं तुमसे विनती करता हूँ कि तुम सब एक ही बात कहो, और तुममें फूट न हो, परंतु तुम एक ही मन और एक ही विचार में होकर मिले रहो।


कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुममें से कोई इस संसार में अपने आपको बुद्धिमान समझता है तो वह मूर्ख बने कि बुद्धिमान बन जाए;


हम मसीह के लिए मूर्ख हैं परंतु तुम मसीह में बुद्धिमान हो, हम निर्बल हैं परंतु तुम बलवान हो, तुम आदर के पात्र हो परंतु हम निरादर के।


मैं तुम्हें लज्‍जित करने के लिए यह कह रहा हूँ। क्या तुममें एक भी बुद्धिमान नहीं जो भाइयों के आपसी झगड़े सुलझा सके?


यदि कोई सोचता है कि वह कुछ जानता है, तो जैसा उसे जानना चाहिए वैसा अब तक उसने नहीं जाना।


अंततः हे भाइयो, आनंदित रहो, सिद्ध होते जाओ, प्रोत्साहित रहो, एक मन रखो, मेल-मिलाप से रहो; और प्रेम तथा शांति का परमेश्‍वर तुम्हारे साथ रहेगा।


तुम केवल इतना करो कि मसीह के सुसमाचार के योग्य जीवन बिताओ, फिर मैं चाहे आकर तुम्हें देखूँ या न भी आऊँ, मैं तुम्हारे विषय में यही सुनूँ कि तुम एक आत्मा में स्थिर हो, और एक मन होकर सुसमाचार के विश्‍वास के लिए मिलकर संघर्ष करते हो,


फिर भी जहाँ तक हम पहुँचे हैं, उसके अनुसार चलें।


मैं यूओदिया से विनती करता हूँ और सुन्तुखे से भी विनती करता हूँ कि वे प्रभु में एक ही मन रहें।


तुम्हारा जीवन लोभ-रहित हो और जो तुम्हारे पास है उसमें संतुष्‍ट रहो। उसने स्वयं कहा है : मैं तुझे कभी न छोड़ूँगा, और न कभी त्यागूँगा।


अंततः तुम सब एक मन, करुणामय, भाईचारे का प्रेम रखनेवाले, दयालु और नम्र बनो।


और जो लोग तुम्हें सौंपे गए हैं उन पर प्रभुता मत जताओ बल्कि झुंड के लिए आदर्श बनो।


मैंने कलीसिया को कुछ लिखा था, परंतु दियुत्रिफेस जो उनमें प्रधान बनना चाहता है, हमें स्वीकार नहीं करता।


हमारे पर का पालन करें:

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