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नीतिवचन 18:20 - नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य का पेट उसके मुँह से निकले शब्दों से भरता है, और वह अपने होंठों के फल से संतुष्‍ट होता है।

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पवित्र बाइबल

मनुष्य का पेट उसके मुख के फल से ही भरता है, उसके होठों की खेती का प्रतिफल उसे मिला है।

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Hindi Holy Bible

मनुष्य का पेट मुंह की बातों के फल से भरता है; और बोलने से जो कुछ प्राप्त होता है उस से वह तृप्त होता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मनुष्‍य का पेट उसकी बातों के फल से भरता है; उसके ओंठों से निकले हुए वचनों के परिणाम से उसको तृप्‍ति होती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मनुष्य का पेट मुँह की बातों के फल से भरता है; और बोलने से जो कुछ प्राप्‍त होता है उससे वह तृप्‍त होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

मनुष्य की बातों का परिणाम होता है उसके पेट का भरना; उसके होंठों के उत्पाद में उसका संतोष होता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मनुष्य का पेट मुँह की बातों के फल से भरता है; और बोलने से जो कुछ प्राप्त होता है उससे वह तृप्त होता है।

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नीतिवचन 18:20
7 क्रॉस रेफरेंस  

मनुष्य अपने मुँह से निकले शब्दों के कारण भली वस्तुओं का आनंद उठाता है, परंतु विश्‍वासघाती लोगों का मन हिंसा से ही तृप्‍त होता है।


जिसका मन परमेश्‍वर से हट जाता है, वह अपने आचरण का फल भोगता है, परंतु भला मनुष्य अपने अच्छे कार्यों के फल से तृप्‍त होता है।


रूठे हुए भाई को मनाना दृढ़ नगर को जीतने से अधिक कठिन है, और झगड़े महल में लगी छड़ों के समान होते हैं।


यदि तू उन्हें अपने मन में बसा ले, और वे तेरे मुँह से सदा निकला करें, तो यह मनभावनी बात होगी।


कि तू सत्य के वचनों की सच्‍चाई जाने, और जिन्होंने तुझे भेजा है उन्हें ठीक उत्तर दे सके?