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नीतिवचन 12:8 - नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य अपनी बुद्धि के अनुरूप प्रशंसा पाता है, परंतु कुटिल मनवाला तुच्छ समझा जाता है।

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पवित्र बाइबल

व्यक्ति अपनी भली समझ के अनुसार प्रशंसा पाता है, किन्तु ऐसे जन जिनके मन कुपथ गामी हों घृणा के पात्र होते हैं।

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Hindi Holy Bible

मनुष्य कि बुद्धि के अनुसार उसकी प्रशंसा होती है, परन्तु कुटिल तुच्छ जाना जाता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मनुष्‍य की प्रशंसा उसकी सद्बुद्धि के लिए होती है, किन्‍तु कुटिल हृदयवाले मनुष्‍य से सब लोग घृणा करते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मनुष्य की बुद्धि के अनुसार उसकी प्रशंसा होती है, परन्तु कुटिल तुच्छ जाना जाता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

बुद्धिमान की बुद्धि उसे प्रशंसा प्रदान करती है, किंतु कुटिल मनोवृत्ति के व्यक्ति को घृणित समझा जाता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मनुष्य की बुद्धि के अनुसार उसकी प्रशंसा होती है, परन्तु कुटिल तुच्छ जाना जाता है।

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नीतिवचन 12:8
24 क्रॉस रेफरेंस  

फिर फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “क्योंकि परमेश्‍वर ने तुझ पर यह सब प्रकट किया है, और तेरे समान समझदार तथा बुद्धिमान कोई नहीं है;


मैं उसके शत्रुओं को तो लज्‍जा का वस्‍त्र पहनाऊँगा, परंतु उसका मुकुट उसके सिर पर सुशोभित होगा।”


इसलिए जब तुम पर विपत्ति आएगी तो मैं हँसूँगी; और जब तुम पर भय छाएगा,


दुष्‍ट उखाड़ फेंके जाते हैं और वे मिट जाते हैं, परंतु धर्मियों का घराना बना रहता है।


सेवक रखनेवाला छोटा मनुष्य उस बड़ाई मारनेवाले मनुष्य से उत्तम है जो रोटी के लिए तरसता है।


धर्मी लोग कुटिल मनुष्य से घृणा करते हैं, और दुष्‍ट जन खरी चाल चलनेवाले से घृणा करता है।


बुद्धिमान सम्मान प्राप्‍त करेंगे, परंतु मूर्खों का अपमान होता रहेगा।


वह शिक्षा के अभाव में मर जाएगा, और अपनी बड़ी मूर्खता के कारण भटकता रहेगा।


बुद्धिमान के तुल्य कौन है? किसी बात का अर्थ कौन बता सकता है? मनुष्य की बुद्धि उसके मुख को चमका देती है, और उसके मुख की कठोरता जाती रहती है।


“स्वामी ने उस अधर्मी प्रबंधक की सराहना की कि उसने चतुराई से कार्य किया; क्योंकि इस संसार की संतान अपनी पीढ़ी के लोगों में ज्योति की संतान से अधिक चतुर है।


उसी क्षण प्रभु के एक स्वर्गदूत ने उसे मारा क्योंकि उसने परमेश्‍वर को महिमा नहीं दी, और वह कीड़े पड़कर मर गया।


इसलिए समय से पहले अर्थात् जब तक प्रभु न आ जाए, किसी बात का न्याय मत करो। वही अंधकार में छिपी बातों को प्रकाशित करेगा और मनों के उद्देश्यों को प्रकट करेगा। तब परमेश्‍वर की ओर से प्रत्येक की प्रशंसा होगी।


क्योंकि जो अपनी प्रशंसा करता है वह नहीं, बल्कि जिसकी प्रशंसा प्रभु करता है, वही ग्रहणयोग्य होता है।