कुलुस्सियों 4:6 - नवीन हिंदी बाइबल तुम्हारी बातचीत सदा अनुग्रह के साथ और सलोनी हो ताकि तुम जान जाओ कि हर एक को कैसे उत्तर देना चाहिए। पवित्र बाइबल तुम्हारी बोली सदा मीठी रहे और उससे बुद्धि की छटा बिखरे ताकि तुम जान लो कि किस व्यक्ति को कैसे उत्तर देना है। Hindi Holy Bible तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आपकी बातचीत सदा मनोहर और सुरुचिपूर्ण हो और आप प्रत्येक को समुचित उत्तर देना सीखें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हारी बातचीत हमेशा ही गरिमामय और सलोनी हो—इस अहसास के साथ कि तुम्हें किस व्यक्ति को कैसा उत्तर देना है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सुहावना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए। |
मनुष्यों की संतानों में तू अति सुंदर है, तेरे होंठ अनुग्रह से परिपूर्ण हैं; इसलिए परमेश्वर ने तुझे सदा-सर्वदा के लिए आशिष दी है।
हे परमेश्वर का भय माननेवाले सब लोगो, आओ और सुनो, मैं बताऊँगा कि उसने मेरे लिए क्या-क्या किया है।
धर्मी के वचनों से बहुतों को लाभ होता है, परंतु मूर्ख लोग समझ की कमी के कारण मर जाते हैं।
बुद्धिमान के मुख से निकले वचन कृपा का कारण होते हैं, परंतु मूर्ख के होंठ उसके विनाश का कारण बनते हैं;
तू अपनी सब अन्नबलियों में नमक मिलाना। तू अपनी कोई भी अन्नबलि अपने परमेश्वर की वाचा के नमक से रहित न होने देना। तू अपनी सब भेंटों के साथ नमक भी चढा़ना।
“तुम पृथ्वी के नमक हो, परंतु यदि नमक अपना स्वाद खो दे, तो वह किससे नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इसके कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए।
“नमक अच्छा है, परंतु यदि नमक का स्वाद चला जाए तो उसे किससे नमकीन करोगे? अपने आपमें नमक रखो और आपस में मेल-मिलाप से रहो।”
सब उसकी प्रशंसा करने लगे और उसके मुँह से निकले अनुग्रह के वचनों पर आश्चर्य करते हुए कहने लगे, “क्या यह यूसुफ का पुत्र नहीं?”
कोई अपशब्द तुम्हारे मुँह से न निकले, बल्कि वही निकले जो आवश्यकता के अनुसार दूसरों की उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
मसीह का वचन तुममें बहुतायत से वास करे। सारी बुद्धि के साथ तुम एक दूसरे को सिखाते और चेतावनी देते रहो और धन्यवाद के साथ अपने-अपने मनों में परमेश्वर के लिए भजन, स्तुति और आत्मिक गीत गाते रहो।
पर अपने मन में मसीह को प्रभु जानकर आदर दो; और जो तुम्हारी आशा के विषय में तुमसे कुछ पूछे, उसे नम्रता और आदर के साथ उत्तर देने को हर समय तैयार रहो;