सारै ने अब्राम से कहा, “देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बंद कर रखी है। इसलिए तू मेरी दासी के पास जा; संभव है कि उसके द्वारा मुझे संतान प्राप्त हो।” सारै की यह बात अब्राम ने मान ली।
उत्पत्ति 30:2 - नवीन हिंदी बाइबल तब याकूब का क्रोध राहेल पर भड़क उठा, और उसने कहा, “क्या मैं परमेश्वर के स्थान पर हूँ, जिसने तुझे गर्भ के फल से वंचित रखा है?” पवित्र बाइबल याकूब राहेल पर क्रोधित हुआ। उसने कहा, “मैं परमेश्वर नहीं हूँ। वह परमेश्वर ही है जिसने तुम्हें बच्चों को जन्म देने से रोका है।” Hindi Holy Bible तब याकूब ने राहेल से क्रोधित हो कर कहा, क्या मैं परमेश्वर हूं? तेरी कोख तो उसी ने बन्द कर रखी है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) राहेल के प्रति याकूब का क्रोध भड़क उठा। वह बोला, ‘क्या मैं परमेश्वर के स्थान पर हूँ, जिसने तुझे गर्भवती होने से वंचित किया है?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब याक़ूब ने राहेल से क्रोधित होकर कहा, “क्या मैं परमेश्वर हूँ? तेरी कोख तो उसी ने बन्द कर रखी है।” सरल हिन्दी बाइबल यह सुन याकोब गुस्से से चिल्लाए और कहा, “क्या मैं परमेश्वर के स्थान में हूं कि तुम्हारी बंद कोख खोलूं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब याकूब ने राहेल से क्रोधित होकर कहा, “क्या मैं परमेश्वर हूँ? तेरी कोख तो उसी ने बन्द कर रखी है।” |
सारै ने अब्राम से कहा, “देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बंद कर रखी है। इसलिए तू मेरी दासी के पास जा; संभव है कि उसके द्वारा मुझे संतान प्राप्त हो।” सारै की यह बात अब्राम ने मान ली।
क्योंकि यहोवा ने अब्राहम की पत्नी सारा के कारण अबीमेलेक के घर की सब स्त्रियों की कोख बंद कर दी थी।
इसहाक ने अपनी पत्नी के लिए यहोवा से प्रार्थना की क्योंकि वह बाँझ थी। यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी और उसकी पत्नी रिबका गर्भवती हुई।
जब यहोवा ने देखा कि लिआ को अप्रिय जाना गया है, तो उसने उसकी कोख खोली, पर राहेल बाँझ रही।
तब याकूब ने क्रोधित होकर लाबान को झिड़का। याकूब ने लाबान से कहा, “मेरा अपराध क्या है? मेरा पाप क्या है कि तूने इतना क्रोधित होकर मेरा पीछा किया है?
मूसा जैसे ही छावनी के निकट पहुँचा, उसने बछड़े को देखा और यह भी देखा कि लोग नाच रहे थे; इस पर मूसा का क्रोध भड़क उठा, और उसने पटियाओं को पर्वत के पास अपने हाथों से नीचे पटककर तोड़ डाला।
परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि प्रत्येक जो अपने भाई परक्रोध करता है वह दंड के योग्य होगा; और जो कोई अपने भाई को ‘निकम्मा’ कहेगा, वह महासभा में दंड के योग्य होगा; और जो कोई ‘मूर्ख’ कहेगा, वह नरक की आग के योग्य ठहरेगा।
उसने उन सब को क्रोध से देखा और उनके मन की कठोरता पर दुःखी होकर उस मनुष्य से कहा,“अपना हाथ बढ़ा!” उसने बढ़ाया और उसका हाथ फिर से ठीक हो गया।