दुष्ट अपने मन की अभिलाषा पर घमंड करता है, और लोभी मनुष्य यहोवा को शाप देता और उसका तिरस्कार करता है।
इफिसियों 5:3 - नवीन हिंदी बाइबल जैसा कि पवित्र लोगों के लिए उचित है, तुम्हारे बीच व्यभिचार, किसी भी प्रकार की अशुद्धता या लालच का नाम तक न लिया जाए, पवित्र बाइबल तुम्हारे बीच व्यभिचार और हर किसी तरह की अपवित्रता अथवा लालच की चर्चा तक नहीं चलनी चाहिए। जैसा कि संत जनों के लिए उचित ही है। Hindi Holy Bible और जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जैसा कि सन्तों के लिए उचित है, आप लोगों के बीच किसी प्रकार के व्यभिचार और अशुद्धता अथवा लोभ की चर्चा तक न हो, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार और किसी प्रकार के अशुद्ध काम या लोभ की चर्चा तक न हो; सरल हिन्दी बाइबल जैसा कि पवित्र लोगों के लिए सही है, तुम्हारे बीच व्यभिचारिता, किसी भी प्रकार की मलिनता और किसी भी प्रकार के लोभ का वर्णन तक न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार के अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। |
दुष्ट अपने मन की अभिलाषा पर घमंड करता है, और लोभी मनुष्य यहोवा को शाप देता और उसका तिरस्कार करता है।
फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरुषों को छाँट ले जो योग्य हों, अर्थात् परमेश्वर का भय माननेवाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करनेवाले; और तू उन पुरुषों को हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस लोगों पर प्रधान नियुक्त कर दे।
“तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी या बैल-गधे का, न किसी की वस्तु का लालच करना।”
“जो कुछ मैंने तुमसे कहा है उस पर पूरा-पूरा ध्यान देना; और दूसरे देवताओं के नाम की चर्चा तक न करना, और न ही उनका नाम तुम्हारे मुँह से सुनाई दे।
नासमझ शासक बहुत अंधेर करता है; परंतु जो अन्याय के धन से घृणा करता है वह दीर्घायु होता है।
जब कोई पुरुष स्त्री से संभोग करे और वीर्यपात हो जाए तो वे दोनों जल से स्नान करें, और साँझ तक अशुद्ध रहें।
क्योंकि मन से बुरे बुरे विचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निंदा निकलती हैं।
फिर उसने उनसे कहा,“ध्यान दो, हर प्रकार के लोभ से बचे रहो, क्योंकि किसी का जीवन उसकी संपत्ति के अधिक होने पर निर्भर नहीं होता।”
बल्कि उन्हें लिख भेजें कि वे मूर्तियों की अशुद्धताओं से, और व्यभिचार से, और गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से, और लहू से दूर रहें;
वे सब प्रकार की अधार्मिकता, दुष्टता, लोभ और बुराई से भरकर ईर्ष्या, हत्या, झगड़े, छल और दुर्भावना से भर गए। वे चुगलखोर,
कि तुम उसका प्रभु में वैसे ही स्वागत करो जैसे पवित्र लोगों का करते हो; और जिस किसी बात में उसे तुम्हारी आवश्यकता हो उसकी सहायता करो, क्योंकि वह भी बहुतों की और स्वयं मेरी सहायक रही है।
और अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिए पाप को सौंप दो, बल्कि तुम अपने आपको मृतकों में से जीवित जानकर अपने अंगों को धार्मिकता के हथियार होने के लिए परमेश्वर को सौंप दो।
यहाँ तक सुनने में आया है कि तुम्हारे बीच व्यभिचार होता है, और ऐसा व्यभिचार जो अविश्वासियों में भी नहीं होता कि कोई अपने पिता की पत्नी को रखता है।
भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए, परंतु परमेश्वर इन दोनों को नष्ट करेगा। फिर भी देह व्यभिचार के लिए नहीं बल्कि प्रभु के लिए है, और प्रभु देह के लिए है।
व्यभिचार से भागो; अन्य सब पाप जो मनुष्य करता है देह के बाहर होते हैं, परंतु व्यभिचार करनेवाला अपनी ही देह के विरुद्ध पाप करता है।
मुझे डर है, कहीं ऐसा न हो कि जब मैं फिर से आऊँ तो मेरा परमेश्वर मुझे तुम्हारे सामने लज्जित करे, और मैं उन बहुतों के लिए शोक करूँ जिन्होंने पाप किया है और अपनी अशुद्धता, व्यभिचार और कामुकता के कार्यों से पश्चात्ताप नहीं किया।
क्योंकि तुम यह भली-भाँति जानते हो कि किसी व्यभिचारी या अशुद्ध या लोभी मनुष्य का, जो एक मूर्तिपूजक के समान है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में कोई उत्तराधिकार नहीं है।
तुम केवल इतना करो कि मसीह के सुसमाचार के योग्य जीवन बिताओ, फिर मैं चाहे आकर तुम्हें देखूँ या न भी आऊँ, मैं तुम्हारे विषय में यही सुनूँ कि तुम एक आत्मा में स्थिर हो, और एक मन होकर सुसमाचार के विश्वास के लिए मिलकर संघर्ष करते हो,
इसलिए जो कुछ तुममें सांसारिक है उसे मार डालो, जैसे व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, बुरी लालसा, तथा लोभ को जो मूर्तिपूजा है।
बल्कि भले कार्यों से, क्योंकि परमेश्वर की भक्ति करनेवाली स्त्रियों को यही शोभा देता है।
क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसकी लालसा में कितने ही लोगों ने विश्वास से भटककर अपने आपको अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है।
क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारनेवाले, अहंकारी, निंदक, माता-पिता की आज्ञा न माननेवाले, अकृतज्ञ, अपवित्र,
इनका मुँह बंद करना आवश्यक है, क्योंकि वे नीचता से धन कमाने के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर बिगाड़ रहे हैं।
परमेश्वर के भंडारी के रूप में अध्यक्ष के लिए आवश्यक है कि वह निर्दोष हो; वह न तो अहंकारी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करनेवाला और न ही धन का लोभी हो,
इसी प्रकार वृद्ध स्त्रियों का आचरण भी पवित्र हो। वे न तो दोष लगानेवाली और न ही पियक्कड़ हों, बल्कि अच्छी बातें सिखानेवाली हों,
ऐसा न हो कि तुममें से कोई व्यभिचारी या एसाव के समान भक्तिहीन हो, जिसने एक बार के भोजन के लिए अपने पहलौठे होने का अधिकार बेच डाला था।
परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच है, रखवाली करो, किसी दबाव से नहीं बल्कि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार, और नीच कमाई के लिए नहीं बल्कि उत्साह से;
विशेषकर उन्हें जो अपनी अशुद्ध शारीरिक लालसाओं में लिप्त रहते और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं। ये ढीठ और हठीले लोग हैं जो महिमामय प्राणियों की निंदा करने से भी नहीं डरते;
उनकी आँखें व्यभिचार से भरी हैं और वे पाप करने से नहीं रुकते। वे अस्थिर मनवालों को फुसला लेते हैं। उनका मन लोभ का आदी हो गया है, और वे शापित संतान हैं।
वे लोभ में आकर बनावटी बातें गढ़ेंगे और तुम्हारा अनुचित लाभ उठाएँगे। दंड की आज्ञा उन पर पहले से ही हो चुकी है, जिसमें न तो अब देरी है, और न उनका विनाश सोया हुआ है।
परंतु मुझे तेरे विरुद्ध कुछ कहना है : क्योंकि तेरे यहाँ कुछ ऐसे लोग हैं जो बिलाम की शिक्षा पर चलते हैं। उसने तो बालाक को सिखाया था कि वह इस्राएलियों को ठोकर खिलाए कि वे मूर्तियों को चढ़ाया गया भोजन खाएँ और व्यभिचार करें।
मैंने उसे पश्चात्ताप करने का समय दिया,परंतु वह अपने व्यभिचार से पश्चात्ताप करना नहीं चाहती।
परंतु डरपोकों, अविश्वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”
परंतु कुत्ते, जादू-टोना करनेवाले, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक और वे सब जो झूठ को प्रिय जानते और उसका पालन करते हैं, बाहर रहेंगे।
उन्होंने न अपने हत्या के कार्यों से, न जादू-टोनों से, न व्यभिचार से और न ही चोरी से पश्चात्ताप किया।