भजन संहिता 2:5 - इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब वह उनसे क्रोध में बातें करेगा, और क्रोध में यह कहकर उन्हें भयभीत कर देगा, पवित्र बाइबल परमेश्वर क्रोधित है और, यही उन नेताओं को भयभीत करता है। Hindi Holy Bible तब वह उन से क्रोध करके बातें करेगा, और क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगा, कि पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब वह अपने क्रोध से उनको आतंकित करेगा, वह रोष में उनसे यह कहेगा, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब वह उनसे क्रोध में बातें करेगा, और क्रोध में कहकर उन्हें घबरा देगा, नवीन हिंदी बाइबल तब वह क्रोध में उनसे बातें करेगा; वह उन्हें अपने प्रकोप से भयभीत कर देगा और कहेगा : सरल हिन्दी बाइबल तब वह उन्हें अपने प्रकोप से डराकर अपने रोष में उन्हें संबोधित करते हैं, |
तू अपने मुख के सम्मुख उन्हें जलते हुए भट्ठे के समान जलाएगा। यहोवा अपने क्रोध में उन्हें निगल जाएगा, और आग उनको भस्म कर डालेगी।
परन्तु वह कंगालों का न्याय धार्मिकता से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपनी फूँक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा। (2 थिस्स. 2:8, प्रका. 19:15, नीति. 31:8,9)
यहोवा सब जातियों पर क्रोध कर रहा है, और उनकी सारी सेना पर उसकी जलजलाहट भड़की हुई है, उसने उनको सत्यानाश होने, और संहार होने को छोड़ दिया है।
“सुनो, नगर से कोलाहल की धूम! मन्दिर से एक शब्द, सुनाई देता है! वह यहोवा का शब्द है, वह अपने शत्रुओं को उनकी करनी का फल दे रहा है! (प्रका. 16:1,17)
जो अन्यजातियाँ सुख से रहती हैं, उनसे मैं क्रोधित हूँ; क्योंकि मैंने तो थोड़ा सा क्रोध किया था, परन्तु उन्होंने विपत्ति को बढ़ा दिया।
तब राजा को क्रोध आया, और उसने अपनी सेना भेजकर उन हत्यारों को नाश किया, और उनके नगर को फूँक दिया।
परन्तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूँ, उनको यहाँ लाकर मेरे सामने मार डालो।’”
वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिए हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी; और उसका मुँह ऐसा प्रज्वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है। (मत्ती 17:2, प्रका. 19:15)
जाति-जाति को मारने के लिये उसके मुँह से एक चोखी तलवार निकलती है, और वह लोहे का राजदण्ड लिए हुए उन पर राज्य करेगा, और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयानक प्रकोप की जलजलाहट की मदिरा के कुण्ड में दाख रौंदेगा। (प्रका. 2:27)