पर्व1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “इस्राएलियों से कह कि ये यहोवा के पर्व हैं जिनकी तुम्हें पवित्र सभा के रूप में घोषणा करनी है। मेरे पर्व ये हैं : 3 छः दिन काम-काज किया जाए, परंतु सातवाँ दिन परमविश्राम का और पवित्र सभा का दिन है। तुम उसमें कोई काम-काज न करना। वह तुम्हारे सब घरों में यहोवा के लिए विश्रामदिन होगा। 4 “यहोवा के पर्व अर्थात् पवित्र सभाएँ ये हैं, जिनकी घोषणा तुम्हें उनके ठहराए हुए समय में करनी है। 5 पहले महीने के चौदहवें दिन को साँझ के समय यहोवा का फसह मनाया जाए। 6 उसी महीने के पंद्रहवें दिन को यहोवा के लिए अख़मीरी रोटी का पर्व मनाया जाए; तुम सात दिन तक अख़मीरी रोटी खाना। 7 पहले दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो; उस दिन परिश्रम का कोई कार्य न करना। 8 परंतु तुम सातों दिन यहोवा को अग्नि में अर्पित बलि चढ़ाना। सातवें दिन पवित्र सभा हो; उस दिन परिश्रम का कोई कार्य न करना।” 9 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 10 “इस्राएलियों से कह : जब तुम उस देश में प्रवेश करो जो मैं तुम्हें देता हूँ और उसकी फसल काटो, तब अपनी फसल का पहला पूला याजक के पास लाना; 11 और याजक उस पूले को यहोवा के सम्मुख हिलाए कि तुम ग्रहणयोग्य ठहरो। वह उसे विश्रामदिन के अगले दिन हिलाए। 12 जिस दिन तुम पूला हिलवाओ उसी दिन एक वर्ष का निर्दोष मेमना यहोवा के लिए होमबलि चढ़ाना। 13 उसकी अन्नबलि एपा का दो दहाई भाग तेल से सना हुआ मैदा हो, जिसे सुखदायक सुगंध के लिए यहोवा को अग्नि में अर्पित बलि के रूप में चढ़ाया जाए, और उसका अर्घ हीन का चौथाई भाग दाखमधु हो। 14 जिस दिन तक तुम अपने परमेश्वर के लिए यह भेंट न ले आओ तब तक न तो रोटी खाना और न भुना हुआ अनाज और न हरी बालें। यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में तुम्हारे सारे निवासस्थानों में सदा की विधि ठहरे। 15 “फिर उस विश्रामदिन के अगले दिन से, अर्थात् जिस दिन तुम हिलाई जाने की भेंट के पूले लाओ, उस दिन से पूरे सात विश्रामदिन गिन लेना। 16 सातवें विश्रामदिन के अगले दिन तक पचास दिन होंगे, और उस पचासवें दिन यहोवा के लिए नए अनाज की अन्नबलि चढ़ाना। 17 तुम अपने घरों से एपा के दो दहाई भाग की दो रोटियाँ हिलाई जाने की भेंट के लिए लाना। वे मैदे की हों और यहोवा के लिए पहले फल के रूप में ख़मीर के साथ पकाई जाएँ। 18 उस रोटी के साथ एक-एक वर्ष के भेड़ के सात निर्दोष बच्चे, और एक बछड़ा, और दो मेढ़े चढ़ाना। वे अपने अन्नबलि और अर्घ सहित यहोवा के लिए होमबलि के रूप में चढ़ाए जाएँ। वे यहोवा के सम्मुख सुखदायक सुगंधवाली अग्नि में अर्पित बलि ठहरें। 19 फिर तुम पापबलि के लिए एक बकरा, और मेलबलि के लिए एक-एक वर्ष के भेड़ के दो बच्चे चढ़ाना। 20 तब याजक उन्हें पहली उपज की रोटी के साथ भेड़ के उन दोनों बच्चों सहित यहोवा के सामने हिलाए जाने की भेंट के रूप में हिलाए। वे यहोवा के लिए पवित्र और याजक का भाग ठहरें। 21 तुम उसी दिन यह घोषणा करना कि तुम्हारे लिए एक पवित्र सभा होगी। तुम उस दिन परिश्रम का कोई काम न करना। यह तुम्हारे सारे निवासस्थानों में पीढ़ी-पीढ़ी तक सदा की विधि ठहरे। 22 “फिर जब तुम अपनी भूमि की फसल काटो तो अपने खेत को कोने-कोने तक पूरा न काटना, और न कटनी के बाद बालों को बटोरना। तुम उन्हें कंगालों और परदेशियों के लिए छोड़ देना। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।” 23 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 24 “इस्राएलियों से कह कि सातवें महीने का पहला दिन तुम्हारे लिए परमविश्राम का दिन हो, और उसमें इस बात का स्मरण दिलाने के लिए नरसिंगे फूँके जाएँ, और एक पवित्र सभा हो। 25 तुम उस दिन परिश्रम का कोई कार्य न करना, और यहोवा के लिए अग्निबलि चढ़ाना।” 26 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 27 “उसी सातवें महीने का दसवाँ दिन प्रायश्चित्त का दिन हो। वह तुम्हारे लिए पवित्र सभा का समय होगा, और उसमें तुम अपने आपको कष्ट देना और यहोवा के लिए अग्निबलि चढ़ाना। 28 तुम उस दिन कोई काम-काज न करना, क्योंकि वह प्रायश्चित्त का दिन है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के सामने तुम्हारे लिए प्रायश्चित्त किया जाए। 29 इसलिए जो व्यक्ति उस दिन अपने आपको कष्ट न दे, उसे अपने लोगों में से नष्ट किया जाए। 30 जो व्यक्ति उस दिन कोई काम-काज करे उसे मैं उसके लोगों के बीच में से नष्ट कर डालूँगा। 31 तुम कोई काम-काज न करना; यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में तुम्हारे सारे निवासस्थानों में सदा की विधि ठहरे। 32 वह तुम्हारे लिए परमविश्राम का दिन हो, और तुम उसमें अपने आपको कष्ट देना; और उस महीने के नौवें दिन की साँझ से लेकर अगली साँझ तक अपना विश्रामदिन मानना।” 33 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 34 “इस्राएलियों से कह कि उसी सातवें महीने के पंद्रहवें दिन से सात दिन तक यहोवा के लिए झोंपड़ियों का पर्व मनाया जाए। 35 पहले दिन पवित्र सभा हो; उस दिन परिश्रम का कोई कार्य न करना। 36 तुम सातों दिन यहोवा के लिए अग्निबलि चढ़ाना, फिर आठवें दिन तुम्हारी पवित्र सभा हो, और तुम यहोवा के लिए अग्निबलि चढ़ाना। वह विशेष सभा का दिन है, और उसमें तुम परिश्रम का कोई कार्य न करना। 37 “ये यहोवा के नियुक्त पर्व हैं, जिनमें तुम पवित्र सभाओं की घोषणा करना कि यहोवा के सम्मुख अग्नि में अर्पित बलि अर्थात् होमबलि, अन्नबलि, मेलबलि और अर्घ उनके निर्धारित समय पर चढ़ाए जाएँ। 38 ये सब यहोवा के विश्रामदिनों के अतिरिक्त हों, तथा तुम्हारी उन भेंटों, तुम्हारी सब मन्नतों और स्वेच्छाबलियों के अतिरिक्त चढ़ाए जाएँ, जिन्हें तुम यहोवा को अर्पण करते हो। 39 “सातवें महीने के पंद्रहवें दिन जब तुम देश की उपज को इकट्ठा कर लो, तो उस दिन से सात दिन तक यहोवा का पर्व मानना; पहला दिन और आठवाँ दिन विश्राम का दिन हो। 40 पहले दिन तुम सुंदर वृक्षों के फलों, और खजूर की डालियों, और घने वृक्षों की डालियों, और नदियों के चिनार के पेड़ों को लेना, और अपने परमेश्वर यहोवा के सामने सात दिन तक आनंद करना। 41 तुम इसे वर्ष में सात दिन तक यहोवा के लिए पर्व के रूप में मनाना। यह तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी के लिए सदा की विधि ठहरे; तुम इसे सातवें महीने में मनाना। 42 तुम सात दिन तक झोंपड़ियों में रहा करना। जितने जन्म से इस्राएली हैं वे सब झोंपड़ियों में रहें, 43 जिससे तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी के लोग जान लें कि जब मैं इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल लाया था तो मैंने उन्हें झोंपड़ियों में ठहराया था। मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।” 44 इस प्रकार मूसा ने इस्राएलियों को यहोवा के नियुक्त पर्व बता दिए। |