सिय्योन का ऊँचा उठाया जानाएक गीत। कोरहवंशियों का भजन। 1 हमारे परमेश्वर के नगर में यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है। 2 उसका पवित्र पर्वत ऊँचाई में सुंदर है, और सारी पृथ्वी के हर्ष का कारण है। राजाधिराज का नगर सिय्योन पर्वत पर स्थित है जो उत्तर में है। 3 परमेश्वर को वहाँ के राजमहलों में दृढ़ गढ़ माना जाता है। 4 देखो, राजा इकट्ठे हुए, वे एक साथ आगे बढ़े। 5 उन्होंने देखा, और वे विस्मित हुए; वे घबराकर भाग खड़े हुए। 6 वहाँ अत्यंत भय ने उन्हें जा पकड़ा, और उन्हें जच्चा की सी पीड़ा होने लगी। 7 तू पूर्वी वायु से तर्शीश के जहाज़ों को तोड़ डालता है। 8 जैसा सुना था, वैसा ही हमने अपने परमेश्वर अर्थात् सेनाओं के यहोवा के नगर में होते देखा है; परमेश्वर उस नगर को सदा दृढ़ बनाए रखेगा। सेला। 9 हे परमेश्वर, हमने तेरे मंदिर के भीतर तेरी करुणा पर ध्यान किया है। 10 हे परमेश्वर, जैसा तेरा नाम है, वैसी ही तेरी स्तुति भी पृथ्वी के कोने-कोने तक होती है। तेरा दाहिना हाथ धार्मिकता से परिपूर्ण है। 11 तेरे न्याय के कारण सिय्योन पर्वत आनंदित हो, और यहूदा की बेटियाँ मगन हों। 12 सिय्योन के चारों ओर चलो, और उसकी परिक्रमा करो, उसके गुम्मटों को गिनो, 13 उसकी शहरपनाह पर दृष्टि लगाओ, उसके महलों को ध्यान से देखो ताकि तुम आने वाली पीढ़ी से इसका वर्णन कर सको। 14 क्योंकि यह परमेश्वर सदा-सर्वदा हमारा परमेश्वर है। वह सदा हमारी अगुवाई करेगा। |