जब परमेश्वर ने पृथ्वी पर दृष्टि की तो क्या देखा कि वह भ्रष्ट हो गई है, क्योंकि पृथ्वी पर सब मनुष्यों ने अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था।
नीतिवचन 21:8 - नवीन हिंदी बाइबल अपराधी मनुष्य की चाल टेढ़ी होती है, परंतु जो पवित्र है उसका चाल-चलन खरा होता है। पवित्र बाइबल अपराधी का मार्ग कुटिलता—पूर्ण होता है किन्तु जो सज्जन हैं उसकी राह सीधी होती हैं। Hindi Holy Bible पाप से लदे हुए मनुष्य का मार्ग बहुत ही टेढ़ा होता है, परन्तु जो पवित्र है, उसका कर्म सीधा होता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दुष्कर्मी मनुष्य टेढ़े मार्ग पर चलता है, और सत्कर्मी सीधे मार्ग पर। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पाप से लदे हुए मनुष्य का मार्ग बहुत ही टेढ़ा होता है, परन्तु जो पवित्र है, उसका कर्म सीधा होता है। सरल हिन्दी बाइबल दोषी व्यक्ति कुटिल मार्ग को चुनता है, किंतु सात्विक का चालचलन धार्मिकतापूर्ण होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पाप से लदे हुए मनुष्य का मार्ग बहुत ही टेढ़ा होता है, परन्तु जो पवित्र है, उसका कर्म सीधा होता है। |
जब परमेश्वर ने पृथ्वी पर दृष्टि की तो क्या देखा कि वह भ्रष्ट हो गई है, क्योंकि पृथ्वी पर सब मनुष्यों ने अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था।
देखो, मैंने केवल यह बात पाई है कि जब परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया तो वह धर्मी था, परंतु उसने बहुत सी बुरी युक्तियाँ निकाल ली हैं।”
संसार में जो कुछ होता है उसमें यह बुराई है कि सब मनुष्यों के अंत की दशा एक जैसी होती है; और साथ ही लोगों के मन बुराई से भरे रहते हैं और जब तक वे जीवित हैं, उनके हृदय में पागलपन समाया रहता है। उसके बाद वे मृतकों में जा मिलते हैं।
“यदि पेड़ को अच्छा मानो तो उसके फल को भी अच्छा मानो, या पेड़ को बेकार मानो तो उसके फल को भी बेकार मानो; क्योंकि पेड़ अपने फल से ही पहचाना जाता है।
क्योंकि तुम अब तक शारीरिक हो। जबकि तुममें ईर्ष्या और झगड़े हैं, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मानवीय रीति पर नहीं चलते?
शुद्ध लोगों के लिए सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, परंतु अशुद्ध और अविश्वासियों के लिए कुछ भी शुद्ध नहीं, बल्कि उनके मन और विवेक दोनों ही अशुद्ध हैं।
जिसने अपने आपको हमारे लिए दे दिया ताकि हर प्रकार के अधर्म से हमें छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिए एक ऐसी निज प्रजा बना ले जो भले कार्यों को करने में उत्साही हो।
हम भी पहले निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, भ्रम में पड़े हुए, तथा विभिन्न प्रकार की लालसाओं और भोग-विलास के दासत्व में थे, तथा बुराई और ईर्ष्या में जीवन व्यतीत करते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से घृणा करते थे।
तो उसने हमारा उद्धार किया—उसने यह हमारे द्वारा किए गए धर्म के कार्यों के कारण नहीं, बल्कि अपनी दया के अनुसार पवित्र आत्मा के द्वारा नए जन्म और नए किए जाने के स्नान से किया।
यदि तुम जानते हो कि वह धर्मी है, तो यह भी जानते हो कि प्रत्येक जो धार्मिकता का कार्य करता है वह उससे उत्पन्न हुआ है।