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तीतुस 1:15 - नवीन हिंदी बाइबल

15 शुद्ध लोगों के लिए सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, परंतु अशुद्ध और अविश्‍वासियों के लिए कुछ भी शुद्ध नहीं, बल्कि उनके मन और विवेक दोनों ही अशुद्ध हैं।

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पवित्र बाइबल

15 पवित्र लोगों के लिये सब कुछ पवित्र है, किन्तु अशुद्ध और जिनमें विश्वास नहीं है, उनके लिये कुछ भी पवित्र नहीं है।

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Hindi Holy Bible

15 शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तु शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं: वरन उन की बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

15 जो शुद्ध हैं, उनके लिए सब कुछ शुद्ध है। किन्‍तु जो दूषित और अविश्‍वासी हैं, उनके लिए कुछ भी शुद्ध नहीं हैं, क्‍योंकि उनका मन और अन्‍त:करण, दोनों दूषित हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

15 शुद्ध लोगों के लिये सब वस्तुएँ शुद्ध हैं, पर अशुद्ध और अविश्‍वासियों के लिये कुछ भी शुद्ध नहीं, वरन् उनकी बुद्धि और विवेक दोनों अशुद्ध हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

15 निर्मल व्यक्ति के लिए सब वस्तुएं निर्मल हैं किंतु वे, जो भ्रष्‍ट हैं तथा विश्वास नहीं करते, उनके लिए निर्मल कुछ भी नहीं है. उनके मन तथा विवेक दोनों ही अशुद्ध हैं.

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तीतुस 1:15
21 क्रॉस रेफरेंस  

चढ़ी आँखें और घमंडी मन, अर्थात् दुष्‍टों की खेती, ये पाप हैं।


ऐसे लोग भी हैं जो अपनी दृष्‍टि में तो शुद्ध हैं, परंतु उनका मैल धुला नहीं है।


परंतु जो मुँह से बाहर आता है, वह मन से निकलता है और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।


उसे दूसरी बार फिर से आवाज़ सुनाई दी,“जिसे परमेश्‍वर ने शुद्ध ठहराया है उसे तू अशुद्ध मत कह।”


मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्‍चय हुआ है कि कुछ भी अपने आपमें अशुद्ध नहीं है; परंतु जो उसे अशुद्ध समझता है, उसके लिए वह अशुद्ध है।


भोजन के कारण परमेश्‍वर के कार्य को नष्‍ट न कर। सब वस्तुएँ शुद्ध तो हैं, परंतु उस मनुष्य के लिए बुरी हैं जिसे उस भोजन से ठोकर लगती है।


परंतु यदि कोई संदेह करके खाए तो वह दोषी ठहर चुका है, क्योंकि वह विश्‍वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्‍वास से नहीं, वह पाप है।


सब वस्तुएँ उचित तो हैं, परंतु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं। सब वस्तुएँ उचित तो हैं, परंतु सब वस्तुओं से उन्‍नति नहीं होती।


मांस-बाज़ार में जो कुछ भी बिकता है, उसे विवेक में प्रश्‍न किए बिना खा लो;


इसलिए चाहे तुम खाओ या पीओ, या जो कुछ भी करो, सब परमेश्‍वर की महिमा के लिए करो।


परंतु यह ज्ञान सब मनुष्यों को नहीं है। कुछ लोग मूर्तिपूजा के अब तक इतने आदी हो गए हैं कि वे मूर्ति को चढ़ाए गए भोजन को कुछ विशेष समझकर खाते हैं और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है।


और उन मनुष्यों में निरंतर झगड़े उत्पन्‍न‍ होते हैं, जिनकी बुद्धि भ्रष्‍ट हो गई है और जो सत्य से वंचित रह गए हैं और सोचते हैं कि भक्‍ति कमाई का साधन है।


तो आओ, हम सच्‍चे मन और विश्‍वास के पूर्ण आश्‍वासन के साथ, और विवेक के दोष को दूर करने के लिए हृदयों पर छिड़काव लेकर तथा देह को शुद्ध जल से धोकर परमेश्‍वर के पास आएँ।


ध्यान रखो कि कोई भी परमेश्‍वर के अनुग्रह से वंचित न रह जाए, कहीं ऐसा न हो कि कोई कड़वी जड़ फूटकर कष्‍ट दे और उसके द्वारा बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएँ।


तो मसीह, जिसने अपने आपको अनंत आत्मा के द्वारा परमेश्‍वर के सामने निर्दोष चढ़ा दिया, उसका लहू हमारे विवेक को मरे हुए कार्यों से कितना अधिक शुद्ध करेगा ताकि हम जीवित परमेश्‍वर की सेवा कर सकें।


हमारे पर का पालन करें:

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