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मत्ती 19:5 - सत्यवेदः। Sanskrit NT in Devanagari

5 मानुषः स्वपितरौ परित्यज्य स्वपत्न्याम् आसक्ष्यते, तौ द्वौ जनावेकाङ्गौ भविष्यतः, किमेतद् युष्माभि र्न पठितम्?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि


अधिकानि संस्करणानि

সত্যৱেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Assamese Script

5 মানুষঃ স্ৱপিতৰৌ পৰিত্যজ্য স্ৱপত্ন্যাম্ আসক্ষ্যতে, তৌ দ্ৱৌ জনাৱেকাঙ্গৌ ভৱিষ্যতঃ, কিমেতদ্ যুষ্মাভি ৰ্ন পঠিতম্?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

সত্যবেদঃ। Sanskrit Bible (NT) in Bengali Script

5 মানুষঃ স্ৱপিতরৌ পরিত্যজ্য স্ৱপত্ন্যাম্ আসক্ষ্যতে, তৌ দ্ৱৌ জনাৱেকাঙ্গৌ ভৱিষ্যতঃ, কিমেতদ্ যুষ্মাভি র্ন পঠিতম্?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

သတျဝေဒး၊ Sanskrit Bible (NT) in Burmese Script

5 မာနုၐး သွပိတရော် ပရိတျဇျ သွပတ္နျာမ် အာသက္ၐျတေ, တော် ဒွေါ် ဇနာဝေကာင်္ဂေါ် ဘဝိၐျတး, ကိမေတဒ် ယုၐ္မာဘိ ရ္န ပဌိတမ်?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

satyavEdaH| Sanskrit Bible (NT) in Cologne Script

5 mAnuSaH svapitarau parityajya svapatnyAm AsakSyatE, tau dvau janAvEkAggau bhaviSyataH, kimEtad yuSmAbhi rna paThitam?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

સત્યવેદઃ। Sanskrit Bible (NT) in Gujarati Script

5 માનુષઃ સ્વપિતરૌ પરિત્યજ્ય સ્વપત્ન્યામ્ આસક્ષ્યતે, તૌ દ્વૌ જનાવેકાઙ્ગૌ ભવિષ્યતઃ, કિમેતદ્ યુષ્માભિ ર્ન પઠિતમ્?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि

satyavedaH| Sanskrit Bible (NT) in Harvard-Kyoto Script

5 mAnuSaH svapitarau parityajya svapatnyAm AsakSyate, tau dvau janAvekAGgau bhaviSyataH, kimetad yuSmAbhi rna paThitam?

अध्यायं द्रष्टव्यम् प्रतिलिपि




मत्ती 19:5
19 अन्तरसन्दर्भाः  

अतस्तौ पुन र्न द्वौ तयोरेकाङ्गत्वं जातं, ईश्वरेण यच्च समयुज्यत, मनुजो न तद् भिन्द्यात्।


अपरञ्च युष्माकं प्रेम कापट्यवर्जितं भवतु यद् अभद्रं तद् ऋतीयध्वं यच्च भद्रं तस्मिन् अनुरज्यध्वम्।


यः कश्चिद् वेश्यायाम् आसज्यते स तया सहैकदेहो भवति किं यूयमेतन्न जानीथ? यतो लिखितमास्ते, यथा, तौ द्वौ जनावेकाङ्गौ भविष्यतः।


किन्तु व्यभिचारभयाद् एकैकस्य पुंसः स्वकीयभार्य्या भवतु तद्वद् एकैकस्या योषितो ऽपि स्वकीयभर्त्ता भवतु।


भार्य्यायाः स्वदेहे स्वत्वं नास्ति भर्त्तुरेव, तद्वद् भर्त्तुरपि स्वदेहे स्वत्वं नास्ति भार्य्याया एव।


एतदर्थं मानवः स्वमातापितरोै परित्यज्य स्वभार्य्यायाम् आसंक्ष्यति तौ द्वौ जनावेकाङ्गौ भविष्यतः।


अस्मान् अनुसरणं कुर्वन्तु : १.

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