Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




अय्यूब 33:27 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

27 वह मनुष्य लोगों के सामने गाने और कहने लगता है, ‘मैं ने पाप किया, और सच्‍चाई को उलट पुलट कर दिया, परन्तु उसका बदला मुझे दिया नहीं गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

27 फिर वह व्यक्ति लोगों के सामने स्वीकार करेगा। वह कहेगा: ‘मैंने पाप किये थे, भले को बुरा मैंने किया था, किन्तु मुझे इससे क्या मिला!

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

27 वह मनुष्यों के साम्हने गाने और कहने लगता है, कि मैं ने पाप किया, और सच्चाई को उलट पुलट कर दिया, परन्तु उसका बदला मुझे दिया नहीं गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

27 मनुष्‍य लोगों के सम्‍मुख गीत गाता है, और यह कहता है, “मैंने पाप किया था, मैंने उचित कार्य को अनुचित बना दिया था, तो भी मुझे इस अधर्म का दण्‍ड नहीं दिया गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

27 वह गा गाकर अन्य मनुष्यों के सामने यह बता देगा. ‘मैंने धर्मी को विकृत करने का पाप किया है, मेरे लिए ऐसा करना उपयुक्त न था.

अध्याय देखें प्रतिलिपि

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

27 वह मनुष्यों के सामने गाने और कहने लगता है, ‘मैंने पाप किया, और सच्चाई को उलट-पुलट कर दिया, परन्तु उसका बदला मुझे दिया नहीं गया।

अध्याय देखें प्रतिलिपि




अय्यूब 33:27
30 क्रॉस रेफरेंस  

तब उसने यहोवा का नाम जिसने उससे बातें की थीं, अत्ताएलरोई रखकर कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?”


तब दाऊद ने नातान से कहा, “मैं ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है।” नातान ने दाऊद से कहा, “यहोवा ने तेरे पाप को दूर किया है; तू न मरेगा।


देख, यहोवा की दृष्‍टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी सामर्थ्य दिखाए। तू ने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फँसा रहेगा।”


जो कुछ मुझे नहीं सूझता, वह तू मुझे सिखा दे; और यदि मैं ने टेढ़ा काम किया हो, तो भविष्य में वैसा न करूँगा?’


क्योंकि उसने कहा है, ‘मनुष्य को इससे कुछ लाभ नहीं कि वह आनन्द से परमेश्‍वर की संगति रखे।’


हे मनुष्यों पर नजर रखनेवाले, मैं ने पाप तो किया होगा, पर मैं ने तेरा क्या बिगाड़ा? तू ने क्यों मुझ को अपना निशाना बना लिया है, यहाँ तक कि मैं अपने ऊपर आप ही बोझ बना हूँ?


उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है।


परमेश्‍वर अपने पवित्र भवन में है; परमेश्‍वर का सिंहासन स्वर्ग में है; उसकी आँखें मनुष्य की सन्तान को नित देखती रहती हैं और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।


इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूँ; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूँ। पे


परमेश्‍वर ने स्वर्ग में से मनुष्यों पर दृष्‍टि की है कि देखे कि कोई बुद्धिमान, कोई परमेश्‍वर का खोजी है या नहीं।


यहोवा की आँखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं।


जो अपने अपराध छिपा रखता है, उसका कार्य सफल नहीं होता, परन्तु जो उनको मान लेता और छोड़ भी देता है, उस पर दया की जायेगी।


क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्‍टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है।


यदि तू किसी प्रान्त में निर्धनों पर अन्धेर और न्याय और धर्म को बिगड़ता देखे, तो इससे चकित न होना; क्योंकि एक अधिकारी से बड़ा दूसरा रहता है जिसे इन बातों की सुधि रहती है, और उनसे भी और अधिक बड़े रहते हैं।


याजकों ने भी नहीं पूछा, ‘यहोवा कहाँ है?’ जो व्यवस्था सिखाते थे वे भी मुझ को न जानते थे; चरवाहों ने भी मुझ से बलवा किया; भविष्यद्वक्‍ताओं ने बाल देवता के नाम से भविष्यद्वाणी की और निष्फल बातों के पीछे चले।


फिर यहोवा की यह वाणी है : क्या कोई ऐसे गुप्‍त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूँ? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं?


केवल अपना यह अधर्म मान ले कि तू अपने परमेश्‍वर यहोवा से फिर गई और सब हरे पेड़ों के तले इधर उधर दूसरों के पास गई, और मेरी बातों को नहीं माना, यहोवा की यह वाणी है।


जब तुम उनका चालचलन और काम देखो, तब वे तुम्हारी शान्ति के कारण होंगे; और तुम जान लोगे कि मैं ने यरूशलेम में जो कुछ किया, वह बिना कारण नहीं किया, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।”


तब हारून मूसा से कहने लगा, “हे मेरे प्रभु, हम दोनों ने जो मूर्खता की वरन् पाप भी किया, यह पाप हम पर न लगने दे।


यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्‍त करे, और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा? या मनुष्य अपने प्राण के बदले क्या देगा?


“परन्तु चुंगी लेनेवाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आँखें उठाना भी न चाहा, वरन् अपनी छाती पीट–पीटकर कहा, ‘हे परमेश्‍वर, मुझ पापी पर दया कर!’


अत: जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है।


यदि जो मैं नहीं चाहता वही करता हूँ, तो मैं मान लेता हूँ कि व्यवस्था भली है।


क्योंकि मैं भीतरी मनुष्यत्व से तो परमेश्‍वर की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न रहता हूँ।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों