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रोमियों 10:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 इस प्रकार हम देखते हैं कि संदेश सुनने से विश्‍वास उत्‍पन्न होता है और जो सुनाया जाता है, वह मसीह का वचन है।

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पवित्र बाइबल

17 सो उपदेश के सुनने से विश्वास उपजता है और उपदेश तब सुना जाता है जब कोई मसीह के विषय में उपदेश देता है।

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Hindi Holy Bible

17 सो विश्वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन से होता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 अत: विश्‍वास सुनने से और सुनना मसीह के वचन से होता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

17 अतः विश्‍वास सुनने से, और सुनना मसीह के वचन के द्वारा होता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 इसलिये स्पष्ट है कि विश्वास की उत्पत्ति होती है सुनने के माध्यम से तथा सुनना मसीह के वचन के माध्यम से.

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रोमियों 10:17
24 क्रॉस रेफरेंस  

प्रभु, मैंने तेरे विषय में केवल कानों से सुना था, पर अब मेरी आँखें तुझे देखती हैं।


येशु ने उन से कहा, “जो कुछ तुम सुनते हो, उसे ध्‍यान से सुनो। जिस नाप से तुम नापते हो, उसी नाप से तुम्‍हारे लिए भी नापा जाएगा बल्‍कि तुम्‍हें उससे कुछ अधिक ही दिया जाएगा;


परन्‍तु येशु ने कहा, “किन्‍तु वे कहीं अधिक धन्‍य हैं, जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”


“दृष्‍टान्‍त का अर्थ इस प्रकार है। परमेश्‍वर का वचन बीज है।


किन्‍तु येशु ने उनसे कहा, “मेरी माता और मेरे भाई वे हैं, जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”


दोनों शिष्‍य उनकी यह बात सुन कर येशु के पीछे हो लिये।


शुभ समाचार से मैं लज्‍जित नहीं होता! यह परमेश्‍वर का सामर्थ्य है, जो प्रत्‍येक विश्‍वासी के लिए—पहले यहूदी और फिर यूनानी के लिए—मुक्‍ति का स्रोत है।


परन्‍तु यदि लोगों को उस में विश्‍वास नहीं, तो वे उसकी दुहाई कैसे दे सकते हैं? यदि उन्‍होंने उसके विषय में कभी सुना नहीं, तो उस में विश्‍वास कैसे कर सकते हैं? यदि कोई प्रचारक न हो, तो वे उसके विषय में कैसे सुन सकते हैं?


हम उन बहुसंख्‍यक लोगों के समान नहीं हैं, जो परमेश्‍वर के वचन का सौदा करते हैं, बल्‍कि हम परमेश्‍वर से प्रेरित हो कर और मसीह से संयुक्‍त रह कर, परमेश्‍वर की आंखों के सामने, सच्‍चाई से वचन का प्रचार करते हैं।


मैं आप लोगों से इतना ही जानना चाहता हूँ: आप को व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड के कारण आत्‍मा का वरदान मिला या विश्‍वास का शुभ संदेश सुनने के कारण?


जब परमेश्‍वर आप लोगों को आत्‍मा का वरदान देता है और आप के बीच आश्‍चर्यपूर्ण सामर्थ्य के कार्य करता है, तो क्‍या वह व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड के कारण ऐसा करता है अथवा इसलिए कि आपने विश्‍वास का शुभ संदेश सुना है?


मसीह का वचन अपनी परिपूर्णता में आप लोगों में निवास करे। आप बड़ी समझदारी से एक-दूसरे को शिक्षा और उपदेश दिया करें। आप कृतज्ञ हृदय से परमेश्‍वर के आदर में भजन, स्‍तोत्र और आध्‍यात्‍मिक गीत गाया करें।


हम इसलिए निरन्‍तर परमेश्‍वर को धन्‍यवाद देते हैं कि जब आपने हम से परमेश्‍वर का सन्‍देश सुना और ग्रहण किया, तो आपने उसे मनुष्‍यों का वचन नहीं, बल्‍कि- जैसा कि वह वास्‍तव में है- परमेश्‍वर का वचन समझ कर स्‍वीकार किया और यह वचन अब आप विश्‍वासियों में क्रियाशील है।


हम को उन लोगों की तरह एक मंगलमय समाचार सुनाया गया है। परन्‍तु उन लोगों ने जो सन्‍देश सुना, उन्‍हें उससे कोई लाभ नहीं हुआ; क्‍योंकि संदेश सुनने वालों ने विश्‍वासपूर्वक उसको ग्रहण नहीं किया।


आपने दुबारा जन्‍म लिया है। आप लोगों का यह जन्‍म नश्‍वर बीज से नहीं, किंतु अनश्‍वर बीज से, परमेश्‍वर के जीवन्‍त एवं शाश्‍वत वचन से हुआ है;


मैं आप लोगों का भाई योहन हूँ और येशु के संकट, राज्‍य तथा धैर्य में आपका सहभागी। परमेश्‍वर का संदेश सुनाने तथा येशु के विषय में साक्षी देने के कारण मैं पतमुस नामक द्वीप में था।


हमारे पर का पालन करें:

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