31 “फिर यहोवा की यह भी वाणी है, सुन, ऐसे दिन आनेवाले हैं जब मैं इस्राएल और यहूदा के घरानों से नई वाचा बाँधूँगा। (मत्ती 26:28, लूका 22:20, 1 कुरि. 11:25,2 कुरि. 3:6, इब्रा. 8:8,9)
प्रभु कहता है, ‘जहाँ तक मेरा प्रश्न है, मैंने तेरे साथ यह विधान स्थापित किया है : मेरा आत्मा, जो तुझ पर है, तथा मेरे वचन, जो मैंने तेरे मुंह में प्रतिष्ठित किए हैं, वे तेरे मुंह से, तेरी सन्तान के मुंह से तथा आनेवाली पीढ़ी से पीढ़ी के मुंह से आज से युग-युगान्त तक कभी अलग न होंगे’ − प्रभु की यही वाणी है।
प्रभु कहता है, ‘देखो, समय आ रहा है, जब मैं दाऊद के वंश-वृक्ष में एक शाखा निकालूंगा, और वह धार्मिक पुरुष होगा। वह राजा के रूप में राज्य करेगा। वह बुद्धि से शासन करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से राज्य करेगा।
क्योंकि, देख, वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल और यहूदा प्रदेश के अपने निज लोगों की समृद्धि लौटा दूंगा, उनको उनके देश में वापस लाऊंगा, जो मैंने उन के पूर्वजों को दिया था, और वे उस देश पर पुन: अधिकार करेंगे। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
‘मैं उन के साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा ताकि मैं उनकी भलाई निरन्तर करता रहूं। मैं उनके हृदय में अपने लिए भक्ति की भावना डालूंगा जिससे वे मेरी ओर से मुंह न मोड़ लें।
मैं उनके साथ शान्ति का विधान स्थापित करूंगा। यह विधान उनके साथ शाश्वत विधान होगा। मैं उनको आशिष दूंगा, और उनकी आबादी बढ़ाऊंगा। मैं उनके मध्य में स्थायी रूप से अपना पवित्र निवास-स्थान बनाऊंगा।
प्रभु यह कहता है : ‘देखो, समय आ रहा है जब हरित क्रांति होगी, फसल काटनेवाला कटाई समाप्त भी न कर पाएगा कि हल चलानेवाला आ पहुँचेगा; बीज बोनेवाले की बोआई पूरी भी न होगी कि दाखरस निकालने वाला आ जाएगा, पहाड़ों से मीठा अंगूर-रस टपकेगा, और सब पहाड़ियां उसमें डूब जाएंगी।
इसी तरह, भोजन के बाद उन्होंने कटोरा लेकर कहा, “यह कटोरा मेरे ही रक्त द्वारा स्थापित नया विधान है। जब-जब तुम उसमें से पियो, तो यह मेरी स्मृति में किया करो।”
उसने हमें एक नये विधान के सेवक होने के योग्य बनाया है और यह विधान अक्षरों में लिखी हुई व्यवस्था का नहीं, बल्कि आत्मा का है; क्योंकि अक्षर तो मृत्यु-जनक है, किन्तु आत्मा जीवनदायक है।
मसीह प्रथम विधान के अन्तर्गत किये हुए अपराधों की क्षमा के लिए मर गये हैं और इस प्रकार वह एक नये विधान के मध्यस्थ हैं। परमेश्वर जिन्हें बुलाता है, वे अब उसकी प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त काल तक बनी रहने वाली विरासत प्राप्त करते हैं।