3 हमारे पूर्वजों ने तलवार से धरती पर अधिकार नहीं किया था, और न अपने भुजबल से विजय प्राप्त की थी, वरन् तेरे दाहिने हाथ ने, तेरी भुजा ने, तेरे मुख की ज्योति ने; क्योंकि तब तू उनसे प्रसन्न था।
3 हमारे पूर्वजों ने यह धरती अपने तलवारों के बल नहीं ली थी। अपने भुजदण्डों के बल पर विजयी नहीं हुए। यह इसलिए हुआ था क्योंकि तू हमारे पूर्वजों के साथ था। हे परमेश्वर, तेरी महान शक्ति ने हमारे पूर्वजों की रक्षा की। क्योंकि तू उनसे प्रेम किया करता था!
3 क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दाहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उन को चाहता था॥
3 क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दाहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसन्न मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उनको चाहता था।
3 उन्होंने न तो अपनी तलवार से इस देश पर अधिकार किया, और न ही वे अपने भुजबल से विजयी हुए; परंतु यह तो तेरे दाहिने हाथ, और तेरी भुजा, और तेरे मुख के प्रकाश से हुआ, क्योंकि तू उनको चाहता था।
3 यह अधिकार उन्होंने अपनी तलवार के बल पर नहीं किया, और न ही यह उनके भुजबल का परिणाम था; यह परिणाम था आपके दायें हाथ, उसकी सामर्थ्य तथा आपके मुख के प्रकाश का, क्योंकि वे आपकी प्रीति के पात्र थे.
तेरे निज लोग, इस्राएली राष्ट्र के समान पृथ्वी पर और कौन राष्ट्र है? हे परमेश्वर, तू स्वयं उनको मुक्त करने के लिए गया था। तूने स्वयं एक नाम धारण किया था। तूने उनके हितार्थ महान् और आतंकपूर्ण कार्य किए थे। तूने अपने निज लोगों के सम्मुख से, जिन्हें तूने अपने लिए मिस्र देश से मुक्त किया था, अनेक राष्ट्रों और उनके देवताओं को भगाया था।
क्या तूने ही अपने निज लोग इस्राएलियों को इस देश में बसाने के लिए यहां रहने वाली जातियों को नहीं निकाला था? और उनको निकालने के बाद क्या तूने यह देश अपने मित्र अब्राहम के वंशजों को सदा के लिए नहीं दिया था?
ओ मेरे प्राण, तू क्यों व्याकुल है? क्यों तू हृदय में अशांत है? ओ मेरे प्राण, तू परमेश्वर की आशा कर; मैं अपने उद्धार को, अपने परमेश्वर को पुन: सराहूँगा।
ओ मेरे प्राण, तू क्यों व्याकुल है? क्यों तू हृदय में अशांत है? ओ मेरे प्राण, तू परमेश्वर की आशा कर; मैं अपने उद्धार को, अपने परमेश्वर को पुन: सराहूंगा।
जब तक, हे प्रभु, तेरे लोग, तेरी खरीदी हुई प्रजा, वहाँ से निकल न गई, तब तक आतंक और भय उन पर छाया रहा, तेरे भुजबल की महानता के कारण वे पत्थर के समान निर्जीव बने रहे।
जिसने अपनी प्रतापी भुजा से मूसा के दाहिने हाथ को नेतृत्व के लिए सामर्थ्य प्रदान किया था; अपने नाम को अमर करने के लिए जिसने हमारी आंखों के सामने समुद्र को दो भागों में विभक्त कर दिया था,
तब दूत ने मुझे बताया, ‘जरूब्बाबेल के लिए प्रभु का यह सन्देश है: स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: बल से नहीं, शक्ति से नहीं, वरन् मेरे आत्मा के द्वारा।
फिर भी प्रभु ने तुम्हारे ही पूर्वजों के प्रति प्रेम की कामना की, और उनके पश्चात् उनके वंशजों को, अर्थात् तुम्हीं को अन्य जातियों में से चुना, जैसा आज भी है।
‘तब मैंने तुम्हारे आगे-आगे बर्रों का आतंक भेजा, जिन्होंने एमोरी जाति के दों राजाओं को तुम्हारे सामने से निकाल दिया। यह तुमने अपनी तलवार या धनुष के बल पर नहीं किया था।
उसने आगे कहा, ‘तुम्हें आज ज्ञात होगा कि तुम्हारे मध्य जीवित परमेश्वर है, और वह तुम्हारे सामने से कनानी, हित्ती, हिव्वी, परिज्जी, गिर्गाशी, एमोरी और यबूसी जातियों को निश्चय ही खदेड़ देगा।