10 प्रभु ने कहा, ‘देख, मैं विधान स्थापित करता हूँ। मैं तेरे सब लोगों के सामने ऐसे आश्चर्यपूर्ण कर्म करूँगा, जो समस्त पृथ्वी पर, सारे राष्ट्रों में कभी नहीं किए गए। जिन लोगों के मध्य में तू है, वे सब प्रभु के कार्य को देखेंगे। वह आतंकमय कार्य है, जिसे मैं तेरे लिए करूँगा।
10 तब यहोवा ने कहा, “मैं तुम्हारे सभी लोगों के साथ यह साक्षीपत्र बना रहा हूँ। मैं ऐसे अद्भुत काम करूँगा जैसे इस धरती पर किसी भी दूसरे राष्ट्र के लिए पहले कभी नहीं किए। तुम्हारे साथ सभी लोग देखेंगे कि मैं यहोवा अत्यन्त महान हूँ। लोग उन अद्भुत कामों को देखेंगे जो मैं तुम्हारे लिए करूँगा।
10 उसने कहा, सुन, मैं एक वाचा बान्धता हूं। तेरे सब लोगों के साम्हने मैं ऐसे आश्चर्य कर्म करूंगा जैसा पृथ्वी पर और सब जातियों में कभी नहीं हुए; और वे सारे लोग जिनके बीच तू रहता है यहोवा के कार्य को देखेंगे; क्योंकि जो मैं तुम लोगों से करने पर हूं वह भय योग्य काम है।
10 उसने कहा, “सुन, मैं एक वाचा बाँधता हूँ। तेरे सब लोगों के सामने मैं ऐसे आश्चर्यकर्म करूँगा जैसा पृथ्वी पर और सब जातियों में कभी नहीं हुए; और वे सारे लोग जिनके बीच तू रहता है यहोवा के कार्य को देखेंगे; क्योंकि जो मैं तुम लोगों के लिए करने पर हूँ वह भयंकर काम है।
10 तब परमेश्वर ने कहा, “सुन, मैं एक वाचा बाँधता हूँ। तेरे सब लोगों के सामने मैं ऐसे आश्चर्यकर्म करूँगा जैसे सारी पृथ्वी पर या किसी जाति में कभी नहीं हुए; और वे सब लोग जिनके बीच तू रहता है यहोवा के कार्य को देखेंगे, क्योंकि मैं तेरे लिए एक भययोग्य कार्य करने पर हूँ।
10 फिर याहवेह ने कहा, “सुनो, मैं एक वाचा बांधता हूं कि मैं सब लोगों के सामने अनोखे काम करूंगा, जो इससे पहले पृथ्वी पर और न किसी जाति के बीच में कभी हुए हैं. वे सब लोग जो तुम्हारे बीच रहते हैं, इन कामों को देखेंगे, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ एक भयानक काम करूंगा.
तेरे निज लोग, इस्राएली राष्ट्र के समान पृथ्वी पर और कौन राष्ट्र है? हे परमेश्वर, तू स्वयं उनको मुक्त करने के लिए गया था। तूने स्वयं एक नाम धारण किया था। तूने उनके हितार्थ महान् और आतंकपूर्ण कार्य किए थे। तूने अपने निज लोगों के सम्मुख से, जिन्हें तूने अपने लिए मिस्र देश से मुक्त किया था, अनेक राष्ट्रों और उनके देवताओं को भगाया था।
हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, तू हमें भयप्रद कार्यों द्वारा उत्तर देता है, तू हमें विजय प्रदान करता है। तू ही जगत के समस्त सीमान्तों, और दूर सागरों के निवासियों की आशा है।
मूसा वहाँ प्रभु के साथ चालीस दिन और चालीस रात रहे। न तो उन्होंने रोटी खाई और न पानी पिया। उन्होंने विधान की बातें, अर्थात् दस आज्ञाएँ पट्टियों पर लिख लीं।
तूने अपने महान सामर्थ्य और भुजबल से मिस्र देश में आश्चर्यपूर्ण कार्य किए, अद्भुत चिह्न दिखाए तथा महाआतंकपूर्ण काम किए और अपने निज लोग इस्राएलियों को वहां से निकाला था।
कैसे एक व्यक्ति हजार सैनिकों का पीछा कर सकता है, कैसे दो व्यक्ति दस हजार सैनिकों को भगा सकते हैं, यदि उनकी “चट्टान” उनको बेच न देती, यदि प्रभु उनसे आत्म-समर्पण न कराता?
प्रभु ने अपना विधान अर्थात् दस आज्ञाएं तुम पर घोषित की थीं और उनका पालन करने का आदेश उसने तुम्हें दिया था। उसने उनको पत्थर की दो पट्टियों पर लिखा था।
मैं उसके क्रोध के कारण, उसके प्रचण्ड प्रकोप के कारण कांपने लगा। प्रभु तुमसे इतना क्रुद्ध था कि वह तुम्हें नष्ट करने को तत्पर हो गया। किन्तु प्रभु ने उस समय भी मेरी बात सुनी।
इस्राएली लोगों ने युद्ध का नारा लगाया। पुरोहितों ने नरसिंघे फूंके। जब उन्होंने नरसिंघे की आवाज सुनी तब जोर से युद्ध का नारा लगाया। उसी क्षण यरीहो नगर का परकोटा धंस गया। हरएक इस्राएली व्यक्ति अपनी आंखों की सीध में चढ़ गया। उन्होंने नगर पर अधिकार कर लिया।