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निर्गमन 25:31 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

31 ‘तू शुद्ध सोने का एक दीपाधार बनाना। उसका पाया और डण्‍डी सोना ढालकर बनाए जाएँ। उसके पुष्‍प-कोष, गाँठ और फूल धातु के एक ही टुकड़े से बनाना।

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पवित्र बाइबल

31 “तब तुम्हें एक दीपाधार बनाना चाहिए। दीपाधार के हर एक भाग को बनाने के लिए शुद्ध सोने के पत्तर तैयार करो। सुन्दर दिखने के लिए दीप पर फूल बनाओ। ये फूल, इनकी कलियाँ और पंखुडियाँ शुद्ध सोने की बनी होनी चाहिए और वे सभी चीज़ें एक ही में जुड़ी हुई होनी चाहिए।

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Hindi Holy Bible

31 फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट, पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गांठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

31 “फिर चोखे सोने की एक दीवट बनवाना। सोना ढलवाकर वह दीवट पाये और डण्डी सहित बनाया जाए; उसके पुष्पकोष, गाँठ और फूल, सब एक ही टुकड़े के बनें;

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नवीन हिंदी बाइबल

31 “फिर तू शुद्ध सोने की एक दीवट बनवाना। वह दीवट सोने से ढलवाकर बनाई जाए; उसके पाये, उसकी डंडी, उसके पुष्पकोष, उसकी गाँठ और उसके फूल, सब एक ही टुकड़े के बने हों।

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सरल हिन्दी बाइबल

31 “फिर शुद्ध सोने का एक दीपस्तंभ बनाना. उसके आधार तथा उसके डंडे को बनाना, और उसमें फूलों के समान प्याले बनाना. प्यालों के साथ कलियां और खिले हुए पुष्प हों. ये सभी चीज़ें सोना पीटकर एक ही इकाई में परस्पर जुड़ी हुई हो.

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निर्गमन 25:31
28 क्रॉस रेफरेंस  

भवन के भीतर, देवदार पर नक्‍काशी की गई थी। उस पर बौंड़ियां और खिले हुए फूल काढ़े गए थे। सब ओर देवदार दिखाई देता था। एक भी पत्‍थर नजर नहीं आता था।


हौज के किनारे के नीचे, उसकी बाहरी ओर, उसकी सम्‍पूर्ण परिधि में बौंड़ियां बनी हुई थीं। ये दो कतारों में थीं। जब हौज को ढाला गया था तब उसके साथ इन्‍हें भी ढाला गया था।


शुद्ध सोने के दीपाधार − पांच दीपाधार पवित्र अन्‍तर्गृह की दाहिनी ओर, और पांच दीपाधार उसकी बाईं ओर थे − ; सोने के पुष्‍प, दीपक और चिमटे;


उसने बताया कि स्‍वर्ण दीपाधारों और उनके दीपकों में कितना सोना लगेगा। इसी प्रकार चांदी के दीपाधारों और उनके दीपकों में कितनी चांदी लगेगी। यह मात्रा प्रत्‍येक दीपक के आराधना में प्रयोग के आधार पर निर्धारित की गई।


हारून-वंशीय ये पुरोहित प्रतिदिन सबेरे और सन्‍ध्‍या समय प्रभु के लिए अग्‍नि-बलि चढ़ाते हैं, सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाते हैं। वे कुन्‍दन की मेज पर भेंट की रोटी रखते हैं। वे स्‍वर्ण दीपाधार के दीये नियमित रूप से सन्‍ध्‍या समय जलाते हैं। इस प्रकार हम अपने प्रभु परमेश्‍वर के आदेश का पालन करते हैं; किन्‍तु तुमने उसको त्‍याग दिया।


शुद्ध सोने के दीपाधार और उनके शुद्ध सोने के दीये, जो निर्धारित निर्देश के अनुसार पवित्र अन्‍तर्गृह में निरन्‍तर जलते रहते थे;


उसने निर्देश के अनुसार सोने के दस दीपाधार बनाए, और उनको मन्‍दिर में रख दिया: पांच दाहिनी ओर और पांच बाईं ओर।


दीपाधार की डण्‍डी में भी बादाम की बौंड़ी के समान चार पुष्‍प-कोष, अपनी-अपनी गांठ और फूल के साथ होंगे।


गांठे और शाखाएँ भी धातु के एक ही टुकड़े से बनाई जाएँगी। शुद्ध सोना ढालकर पूरा दीपाधार एक ही टुकड़े से बनाना।


मेज और उसके पात्र, शुद्ध सोने से बना दीपाधार तथा उसके सब पात्र, धूप-वेदी,


प्रकाश के लिए दीपाधार, उसके अन्‍य पात्र एवं दीपक, दीप-प्रज्‍वलन के लिए तेल;


शुद्ध सोने का दीपाधार और उसके दीपक, अर्थात् सजे हुए दीपक, उसके समस्‍त पात्र, दीप-प्रज्‍वलन के लिए तेल;


वह शुद्ध स्‍वर्ण के दीपाधार पर प्रभु के सम्‍मुख दीपकों को निरन्‍तर सजाकर रखेगा।


उसने मुझसे पूछा, ‘तुम्‍हें क्‍या दिखाई दे रहा है?’ मैंने बताया, ‘एक दीवट है। वह पूर्णत: सोने का है। उसके शिखर पर एक कटोरा है। कटोरे पर सात दीपक हैं। प्रत्‍येक दीपक में बत्ती के लिए सात नालियाँ हैं।


उन्‍हें यह दायित्‍व सौंपा गया था : वे मंजूषा, मेज, दीपाधार, वेदियों, पवित्र-स्‍थान की अन्‍य वस्‍तुओं जिनको पुरोहित के सेवा-कार्य में प्रयुक्‍त किया जाता है, और अन्‍त:पट से सम्‍बन्‍धित समस्‍त सेवा-कार्य करते थे।


वे दीपाधार तथा उसके सब सामान को सूंस के चमड़े के आच्‍छादन में रख देंगे। तत्‍पश्‍चात् उसको वाहक-खम्‍भे पर रखेंगे।


वे नीला वस्‍त्र लेंगे और उससे प्रकाशवान दीपाधार, उसके दीपक, गुलतराश, गुलदान तथा तेल के सब पात्र, जिनके द्वारा दीपकों में तेल डाला जाता है, ढक देंगे।


प्रभु मूसा से बोला,


दीपाधार सोना ढालकर बनाया गया था। उसकी कारीगरी इस प्रकार थी : वह अपने आधार से फूलों तक ढाल कर बनाया गया था। जैसा ढांचा प्रभु ने मूसा को दिखाया, उसी के अनुरूप उन्‍होंने दीपाधार बनाया था।


एक शिविर खड़ा कर दिया गया। उसके अगले कक्ष में दीपाधार था, मेज थी और भेंट की रोटियाँ थीं। यह पवित्र-स्‍थान कहलाता था।


मुझ से कौन बोल रहा है, उसे देखने के लिए मैं मुड़ गया और मुड़ कर मैंने सोने के सात दीपाधार देखे,


जिन सात तारों को तुमने मेरे दाहिने हाथ में देखा, उनका और सोने के सात दीपाधारों का रहस्‍य इस प्रकार है : सात तारे सात कलीसियाओं के दूत हैं और सात दीपाधार सात कलीसियाएँ हैं।


इस पर विचार करो कि तुम कितने ऊंचे स्‍थान से गिर गये हो। पश्‍चात्ताप करो और पहले-जैसा आचरण करो। पश्‍चात्ताप नहीं करोगे, तो मैं तुम्‍हारे पास आ कर तुम्‍हारा दीपाधार उसके स्‍थान पर से हटा दूँगा।


सिंहासन में से बिजलियाँ, वाणियाँ और मेघगर्जन निकल रहे हैं। सिंहासन के सामने सात अग्‍निदीप जल रहे हैं; वे परमेश्‍वर की सात आत्‍माएँ हैं।


परमेश्‍वर का दीपक अभी बुझा नहीं था। शमूएल प्रभु के मन्‍दिर में, जहाँ परमेश्‍वर की मंजूषा थी, सो रहा था।


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