26 जब मोआब के राजा ने देखा कि वह युद्ध हार रहा है तब उसने अपने साथ सात सौ तलवारधारी सैनिक लिये और शत्रु-सेना को चीरता हुआ एदोम देश के राजा तक पहुंचने का प्रयत्न करने लगा। परन्तु वह पहुंच न सका।
26 मोआब के राजा ने देखा कि युद्ध उसके लिये अत्याधिक प्रबल है। इसलिये उसने तलवारधारी सात सौ पुरुषों को एदोम के राजा का वध करने के लिये सीधे सेना भेद के लिये भेज दिया। किन्तु वे एदोम के राजा तक सेना भेद नहीं कर पाए।
26 यह देखकर कि हम युद्ध में हार चले, मोआब के राजा ने सात सौ तलवार रखने वाले पुरुष संग ले कर एदोम के राजा तक पांति चीर कर पहुंचने का यत्न किया परन्तु पहुंच न सका।
26 यह देखकर कि हम युद्ध में हार चले, मोआब के राजा ने सात सौ तलवार रखनेवाले पुरुष संग लेकर एदोम के राजा तक पाँति चीरकर पहुँचने का यत्न किया परन्तु पहुँच न सका।
26 जब मोआब के राजा ने यह पाया कि उसकी सेना हार रही है, उसने 700 तलवारधारी सैनिकों को साथ लेकर एदोम के राजा की ओर बड़ी शक्ति के साथ हमला किया, मगर वे अपने लक्ष्य में असफल ही रहे.
26 यह देखकर कि हम युद्ध में हार चले, मोआब के राजा ने सात सौ तलवार रखनेवाले पुरुष संग लेकर एदोम के राजा तक पाँति चीरकर पहुँचने का यत्न किया परन्तु पहुँच न सका।
उन्होंने उनके नगरों को खण्डहर कर दिया। प्रत्येक इस्राएली सैनिक ने उनके उपजाऊ खेतों पर एक-एक पत्थर फेंका, और उनको पत्थरों से पाट दिया। उन्होंने पानी के झरनों को पूर दिया। उनके उत्तम वृक्ष काट डाले। अन्त में राजधानी कीर-हरेशेत ही शेष रही। पर उनको भी गोफन चलाने वाले इस्राएली सैनिकों ने घेर लिया, और नष्ट कर दिया।
तत्पश्चात् उसने युवराज को लिया, जो उसके स्थान पर राज्य करने वाला था, और नगर के परकोटे पर उसको अग्नि-बलि के रूप में चढ़ाया। तब इस्राएली सेना पर बड़ा प्रकोप हुआ। वे मोआब के राजा के पास से पीछे हट गए, और अपने देश को लौट गए।
यों इस्राएल प्रदेश के राजा, यहूदा प्रदेश के राजा और एदोम देश के राजा ने प्रस्थान किया। वे सात दिन तक चक्करदार मार्ग पर चलते रहे। तब उनके पास सेना, और वाहनों में जुते पशुओं के लिए पानी नहीं रहा।
प्रभु यों कहता है : ‘मैं मोआब राष्ट्र के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। उसने एदोम राज्य के राजा की हड्डियां जलाकर भस्म कर दी थीं। और यों उसका अपमान किया था।