29 इस्राएल के राजा पेकह के राज्य-काल में असीरिया देश के राजा तिग्लत-पलेसेर ने आक्रमण किया। उसने इन नगरों और प्रदेशों पर कब्जा कर लिया : इय्योन, आबेल बेत-माकाह, यानोह, केदेश, हासोर, गिलआद, तथा गलील और नफ्ताली का समस्त प्रदेश। वह लोगों को बन्दी बनाकर असीरिया देश ले गया।
29 अश्शूर का राजा तिग्लत्पिलेसेर इस्राएल के विरुद्ध लड़ने आया। यह वही समय था जब पेकह इस्राएल का राजा था। तिग्लत्पिलेसेर ने इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश, हासोर, गिलाद गालील और नप्ताली के सारे क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। तिग्लत्पिलेसेर इन स्थानों से लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर ले गया।
29 इस्राएल के राजा पेकह के दिनों में अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर ने आकर इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश और हासोर नाम नगरों को और गिलाद और गालील, वरन नप्ताली के पूरे देश को भी ले लिया, और उनके लोगों को बन्धुआ कर के अश्शूर को ले गया।
29 इस्राएल के राजा पेकह के दिनों में अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर ने आकर इय्योन, अबेल्बेत्माका, यानोह, केदेश और हासोर नामक नगरों को और गिलाद और गलील, वरन् नप्ताली के पूरे देश को भी ले लिया, और उनके लोगों को बन्दी बना कर अश्शूर को ले गया।
29 इस्राएल के राजा पेकाह के शासनकाल में अश्शूर के राजा तिगलथ-पलेसेर ने हमला किया और इयोन, बेथ-माकाह के आबेल, यानोहा, केदेश, हाज़ोर, गिलआद, गलील और नफताली का सारा इलाका अपने अधीन कर लिया. इन सभी को बंदी बनाकर वह अश्शूर ले गया.
29 इस्राएल के राजा पेकह के दिनों में अश्शूर के राजा तिग्लत्पिलेसेर ने आकर इय्योन, आबेल्वेत्माका, यानोह, केदेश और हासोर नामक नगरों को और गिलाद और गलील, वरन् नप्ताली के पूरे देश को भी ले लिया, और उनके लोगों को बन्दी बनाकर अश्शूर को ले गया।
जैसे नरकुल पानी की मार से कांपता है वैसे इस्राएल प्रदेश परमेश्वर की मार से कांपेगा। वह इस्राएलियों को इस हरी-भरी उपजाऊ भूमि से उखाड़ देगा, जो उसने उनके पूर्वजों को प्रदान की थी। वह उन्हें फरात नदी के उस पार बिखेर देगा, क्योंकि उन्होंने अशेराह देवी के खम्भों की प्रतिष्ठा कर उनकी पूजा की और इस प्रकार प्रभु को चिढ़ाया।
बेन-हदद ने राजा आसा की बात सुनी और इस्राएल प्रदेश के नगरों पर आक्रमण करने के लिए अपने सेनापति भेजे। सेनापतियों ने इस्राएल प्रदेश के इयोन, दान, आबेल-बेत-माकाह, समस्त किन्नरोत जिला और नफ्ताली कुल का भूमि-क्षेत्र जीत लिया।
सोर देश के राजा हीराम ने सुलेमान की आवश्यकता के अनुसार देवदार तथा सनोवर की लकड़ी और सोना भेजा। इसके बदले में राजा सुलेमान ने उसे गलील प्रदेश के बीस नगर प्रदान किए।
मनहेम के राज्य-काल में असीरिया देश के राजा पूल ने इस्राएल प्रदेश पर चढ़ाई की। मनहेम ने पूल को लगभग पैंतीस हजार किलो चांदी दी, ताकि राजा पूल उसके हाथ में राजसत्ता को दृढ़ करने में उसकी सहायता करे।
मनहेम ने पूल को यह चांदी देने के लिए इस्राएल प्रदेश के सब धनी-मानी लोगों पर कर लगाया; प्रत्येक व्यक्ति को आधा किलो चांदी देनी पड़ी। अत: असीरिया देश का राजा पूल इस्राएल प्रदेश में नहीं ठहरा। वह अपने देश को लौट गया।
जो कार्य प्रभु की दृष्टि में बुरा था, उसने वही किया। जैसे यारोबआम बेन-नबाट ने इस्राएली जनता से पाप-कर्म कराए थे, वैसा ही उसने भी कराए। वह यारोबआम के पाप-मार्ग से विमुख नहीं हुआ।
तब होशे बेन-एलाह ने पेकह बेन-रमलयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचा। उसने उस पर हमला किया और उसको मार डाला। वह योताम बेन-ऊज्जियाह के राज्य-काल के बीसवें वर्ष में पेकह के स्थान पर राज्य करने लगा।
राजा आहाज असीरिया देश के राजा तिग्लत-पलेसेर से भेंट करने के लिए दमिश्क नगर को गया। उसने दमिश्क में एक वेदी देखी। उसने पुरोहित ऊरियाह के पास उस वेदी का नक्शा और विस्तृत विवरण के साथ वेदी का नमूना भेजा।
अत: आहाज ने असीरिया देश के राजा तिग्लत-पलेसेर के पास दूतों द्वारा यह सन्देश भेजा : ‘मैं आपका सेवक और पुत्र हूँ। कृपया, आइए और सीरिया के राजा तथा इस्राएल प्रदेश के राजा के हाथ से मुझे मुक्त कीजिए। वे मुझ पर आक्रमण कर रहे हैं।’
अत: प्रभु ने इस्राएल के सब वंशजों को अस्वीकार किया। उसने उनको दु:ख दिया और लुटेरों के हाथ में सौंप दिया, और अन्त में उनको अपने सम्मुख से निकाल दिया।
अत: अन्त में प्रभु ने इस्राएलियों को अपने सम्मुख से निकाल दिया, जैसा उसने अपने सेवक नबियों के मुख से कहा था। इस्राएली लोग स्वदेश से निकाल दिए गए, और असीरिया देश में आज तक निर्वासित हैं।
होशे के राज्य-काल के नौवें वर्ष में असीरिया देश के राजा ने राजधानी सामरी नगर पर अधिकार कर लिया। वह इस्राएलियों को बन्दी बनाकर असीरिया देश में ले गया। उसने इस्राएलियों को हलह नगर में तथा गोजान क्षेत्र की हाबोर नदी के तट पर, और मादय देश के नगरों में बसाया।
असीरिया देश का राजा इस्राएलियों को बन्दी बनाकर असीरिया देश में ले गया। उसने इस्राएलियों को हलह नगर में तथा गोजान क्षेत्र की हाबोर नदी के तट पर और मादय देश के नगरों में बसाया।
तुमने यह सुना ही होगा कि असीरिया के राजाओं ने अनेक देशों के साथ क्या किया है। उन्होंने वहां के निवासियों का पूर्ण संहार कर दिया है। तब क्या तुम मेरे हाथ से बच सकोगे?
इस युद्ध में बहुत नरसंहार हुआ; क्योंकि यह युद्ध परमेश्वर की ओर से हुआ था। तत्पश्चात् रूबेन के वंशज, गाद के वंशज और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग उनके स्थान पर ‘निष्कासन’ के समय तक उनके निवास-स्थानों में निवास करते रहे।
अत: परमेश्वर ने असीरिया देश के राजाओं पूल और तिग्लत-पलेसेर को उनके विरुद्ध उभाड़ा। वे रूबेन तथा गाद के वंशजों को और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों को बन्दी बनाकर ले गए। वे उनको हलह, हाबोर तथा हारा नगर में और गोजान नदी के तट पर ले गए, जहां वे आज भी निवास करते हैं।
बेन-हदद ने राजा आसा की बात सुनी। उसने इस्राएल प्रदेश के नगरों पर आक्रमण करने के लिए अपने सेनापति भेजे। सेनापतियों ने इस्राएल प्रदेश के इयोन, दान, आबेलमईम नगरों और नफ्ताली कुल-क्षेत्र के भण्डार-नगर जीत लिए।
‘अब हे हमारे परमेश्वर, तू महान, शक्तिशाली और आतंकमय परमेश्वर, अपने विधान का पालन करनेवाला, और करुणा सागर है! जो महा संकट के बादल हम पर, हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों, नबियों और पूर्वजों पर, तेरे समस्त निज लोगों पर असीरियाई राजाओं के समय से आज तक हम पर बरसते आए हैं, उन्हें अपनी दृष्टि में कम न जान!
तुम्हारा देश उजड़ गया, तुम्हारे नगर आग से भस्म हो गए। तुम्हारी आंखों के सामने विदेशी तुम्हारे देश को लूटते हैं। जैसे सदोम नगर-राज्य उलट-पुलट गया था, वैसे ही तुम्हारा देश उजाड़ हो गया।
प्रभु यों कहता है: ‘मैं अम्मोनी राष्ट्र के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसको दण्ड दूंगा; मैं उसको नहीं छोड़ूंगा। उसने गिलआद क्षेत्र तक अपने राज्य की सीमा को बढ़ाने के लिए युद्ध में गर्भवती स्त्रियों के पेट चीरे थे।
प्रभु यों कहता है: ‘मैं दमिश्क राजधानी के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसे दण्डित करूंगा : मैं उसे नहीं छोड़ूंगा। उसने गिलआद नगर को दंवरी के लौह-पहियों से दांवा था।
‘ओ इस्राएल! मैं तेरे विरुद्ध एक राष्ट्र को खड़ा करूंगा। वह तुझे हमात नगर के प्रवेश द्वार से अराबा घाटी के मार्ग तक तंग करेगा।’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु परमेश्वर ने यह कहा है।
‘प्रभु तेरे शत्रुओं के द्वारा तुझको पराजित करेगा। तू एक ओर से उन पर चढ़ाई करेगा, पर उनके सम्मुख से सात ओर भागेगा। तू पृथ्वी के समस्त राज्यों के लिए वीभत्स हौआ बन जाएगा।
वहां से सीमा-रेखा भूमध्यसागर पहुंचती थी। उनकी उत्तरी सीमा पर मिक्मतात स्थित था। सीमा-रेखा पूर्व में घूमकर तअनत- शिलोह की ओर जाती थी। वह वहां से गुजरती और पूर्व में यानोहाह को चली जाती थी।
अत: उन्होंने नफ्ताली के पहाड़ी प्रदेश में गलील के केदश नगर को एफ्रइम के पहाड़ी प्रदेश के शकेम नगर को और यहूदा के पहाड़ी प्रदेश में स्थित किर्यत-अर्बा (अर्थात् हेब्रोन) नगर को शरण-नगर निश्चित किया।
दान कुल के लोगों ने अपने उपयोग के लिए उस चांदी की मूर्ति को प्रतिष्ठित किया। जिस दिन देश-वासियों का निष्कासन हुआ, उस दिन तक गेर्शोम का पुत्र, मूसा का पौत्र योनातन तथा उसके बाद उसके पुत्र दान कुल के पुरोहित रहे।
अत: प्रभु ने उन्हें कनानी जाति के राजा याबीन के हाथ में बेच दिया। याबीन हासोर नगर में राज्य करता था। उसका सेनापति सीसरा था, जो हरोशेत-ह-गोइम में रहता था।