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2 इतिहास 35:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 उसके उच्‍चाधिकारियों ने भी स्‍वयं अपनी इच्‍छा से जनता को, पुरोहितों को और उप-पुरोहितों को बलि-पशु दिए। परमेश्‍वर के भवन के मुख्‍य अधिकारी हिल्‍कियाह, जकर्याह और यहीएल ने पास्‍का-पर्व में चढ़ाने के लिए पुरोहितों और उप-पुरोहितों को भेड़ों और बकरियों के दो हजार छ: सौ बच्‍चे और तीन सौ बछड़े दिए।

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पवित्र बाइबल

8 योशिय्याह के अधिकारियों ने भी, स्वेच्छा से लोगों को याजकों और लेवीवंशियों को फसह पर्व में उपयोग करने के लिये जानवर और चीज़ें दीं। प्रमुख याजक हिल्किय्याह, जकर्याह और यहीएल मन्दिर के उत्तरदायी अधिकारी थे। उन्होंने यजाकों को दो हजार छ: सौ मेमने और बकरे और तीन सौ बैल फसह पर्व बलि के लिये दिये।

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Hindi Holy Bible

8 और उस के हाकिमों ने प्रजा के लोगों, याजकों और लेवियों को स्वेच्छाबलियों के लिये पशु दिए। और हिल्किय्याह, जकर्याह और यहीएल नाम परमेश्वर के भवन के प्रधानों ने याजकों को दो हजार छ:सौ भेड़-बकरियां। और तीन सौ बैल फसह के बलिदानों के लिए दिए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 उसके हाकिमों ने प्रजा के लोगों, याजकों और लेवियों को स्वेच्छाबलियों के लिये पशु दिए। और हिल्किय्याह, जकर्याह, और यहीएल नामक परमेश्‍वर के भवन के प्रधानों ने याजकों को दो हज़ार छ: सौ भेड़–बकरियाँ और तीन सौ बैल फसह के बलिदानों के लिये दिए।

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सरल हिन्दी बाइबल

8 राजा के अधिकारियों ने भी लोगों, पुरोहितों और लेवियों के लिए अपनी इच्छा से दान दिया. परमेश्वर के भवन के अधिकारी हिलकियाह, ज़करयाह और यहीएल ने पुरोहितों को फ़सह का बलिदान के लिए भेड़ों और बकरियों के दो हजार छ: सौ और तीन सौ बछड़े दान में दिए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

8 उसके हाकिमों ने प्रजा के लोगों, याजकों और लेवियों को स्वेच्छाबलियों के लिये पशु दिए। और हिल्किय्याह, जकर्याह और यहीएल नामक परमेश्वर के भवन के प्रधानों ने याजकों को दो हजार छः सौ भेड़-बकरियाँ और तीन सौ बैल फसह के बलिदानों के लिए दिए।

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2 इतिहास 35:8
24 क्रॉस रेफरेंस  

हे मेरे परमेश्‍वर! मैं जानता हूं, तू हृदय को परखता है। तू निष्‍कपट हृदय के व्यक्‍ति से प्रसन्न होता है। मैं निष्‍कपट हृदय से यह सब भेंट स्‍वेच्‍छापूर्वक तुझे अर्पित करता हूँ। अब मैंने तेरे निज लोगों को भी देखा जिन्‍होंने आनन्‍दपूर्वक स्‍वेच्‍छा से तुझे भेंट चढ़ाई।


प्राचीन काल में एलआजर का पुत्र पीनहास उनका शासक था। प्रभु उसके साथ था।


यहूदा प्रदेश के राजा हिजकियाह ने बलि चढ़ाने के लिए धर्मसभा को एक हजार बछड़े और सात हजार भेड़ें दी थीं। उसके उच्‍चाधिकारियों ने धर्मसभा को एक हजार बछड़े और दस हजार भेड़ें दी थीं। बहुत बड़ी संख्‍या में पुरोहितों ने स्‍वयं को शुद्ध किया।


कोनन्‍याह और उसके भाई की सहायता करने के लिए राजा हिजकियाह तथा परमेश्‍वर के भवन के मुख्‍य अधिकारी महापुरोहित अजर्याह ने निम्‍नलिखित प्रबन्‍धकों को नियुक्‍त किया था: यहीएल, अजज्‍याह, नहत, असाहेल, यरीमोत, योजाबाद, एलीएल, यिस्‍मक्‍याह, महत और बनायाह।


वे महापुरोहित हिल्‍कियाह के पास आए, और उसको चांदी के सिक्‍के दिए। यह चांदी परमेश्‍वर के भवन में चढ़ाई गई थी, और उपपुरोहितों ने, जो आंगन के द्वारपाल थे, मनश्‍शे तथा एफ्रइम गोत्र के क्षेत्रों और समस्‍त इस्राएल प्रदेश के बचे हुए लोगों से और यहूदा प्रदेश, बिन्‍यामिन कुल-क्षेत्र में रहनेवालों तथा यरूशलेम के निवासियों से उसे एकत्र किया था।


राजा योशियाह ने साधारण जनों को, जो उस समय उपस्‍थित थे, पास्‍का-पर्व के उपलक्ष्य में तीस हजार भेड़-बकरियों के बच्‍चे तथा तीन हजार बछड़े दिए। ये उसने अपने निजी पशुशाला से दिए थे।


उनके पड़ोसियों ने चांदी के पात्रों, सोना, माल-असबाब, पशु और कीमती वस्‍तुओं से उनकी सहायता की। इनके अतिरिक्‍त उन्‍होंने स्‍वेच्‍छा से भेंट भी चढ़ाई।


तुम उस सोना-चांदी को भी ले जा सकोगे, जो तुम बेबीलोन प्रदेश में प्राप्‍त करोगे। इस्राएली लोग और पुरोहित मन्नत के रूप में स्‍वेच्‍छा से परमेश्‍वर के भवन के लिए, जो यरूशलेम में है, भेंट चढ़ाएंगे। तुम उनको भी ले जा सकते हो।


ओ सोर देश की राजकन्‍या! प्रजा के सम्‍पत्तिशाली लोग, उपहार द्वारा तेरी अनुकंपा प्राप्‍त करेंगे।


उस दिन इस्राएल के नेताओं ने चढ़ावा चढ़ाया। ये अपने पूर्वजों के परिवारों के मुखिया, कुलों के नेता थे, जो जनगणना के लिए नियुक्‍त किए गए थे।


पतरस और योहन लोगों से बोल ही रहे थे कि पुरोहित, मन्‍दिर-आरक्षी का नायक और सदूकी संप्रदायी उनके पास आ धमके।


इस पर नायक अपने सिपाहियों के साथ जा कर प्रेरितों को ले आया। वे प्रेरितों को बलपूर्वक नहीं लाये, क्‍योंकि वे जनता से डरते थे कि कहीं वह उन पर पथराव न करे।


यदि दान देने की उत्‍सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्‍वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे।


हर एक ने अपने मन में जितना निश्‍चित किया है, उतना ही दे। वह अनिच्‍छा से अथवा लाचारी से ऐसा न करे, क्‍योंकि “परमेश्‍वर प्रसन्नता से देने वाले को प्‍यार करता है।”


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