6-7 मनश्शे तथा एफ्रइम गोत्र और शिमोन तथा दूर नफ्ताली कुल के आबाद नगरों, तथा उजाड़ पड़े नगरों में भी अशेराह देवी के खम्भे और वेदियां थीं। राजा योशियाह ने वेदियां ध्वस्त कर दीं और अशेराह देवी के खम्भों और मूर्तियों को पीसकर बुकनी बना दिया। उसने समस्त इस्राएल देश में सूर्य की प्रतिमाओं के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। तत्पश्चात्, वह यरूशलेम नगर को लौटा।
राजा हिजकियाह ने इस्राएल तथा यहूदा प्रदेशों के निवासियों के पास सन्देश-वाहक भेजे। उसने एफ्रइम तथा मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में रहनेवाले अपने जाति-बन्धुओं को भी पत्र लिखे कि वे इस्राएली राष्ट्र के प्रभु परमेश्वर के लिए पास्का का पर्व मनाने के उद्देश्य से यरूशलेम नगर में स्थित प्रभु-भवन में आएं;
पर्व के समाप्त होने के पश्चात् सब इस्राएली, जो उस समय यरूशलेम में उपस्थित थे, यहूदा प्रदेश के नगरों में गए। उन्होंने यहूदा और बिन्यामिन कुल-क्षेत्रों तथा एफ्रइम और मनश्शे गोत्र के क्षेत्रों में प्रतिष्ठित अशेराह देवी के पूजा-स्तम्भ, देवताओं की मूर्तियाँ, पहाड़ी शिखर की वेदियां तथा अन्य वेदियां ध्वस्त कर दीं। उन्होंने स्तम्भों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, मूर्तियों को काट दिया, मन्दिर और वेदियों को नष्ट कर दिया। तब इस्राएली राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति अपने नगर को, अपने भूमि-क्षेत्र को लौट गया।
जिन पहाड़ियों पर उद्यान के लिए कुदाल चलाए जाते थे वहाँ अब झाड़-झंखाड़ के भय से कोई नहीं जाएगा। वे पशुओं की चराई बन जाएंगी, जहाँ गाय-बैल को चरने के लिए छोड़ दिया जाता है, जहाँ भेड़-बकरियाँ कूदती-फांदती हैं।