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2 इतिहास 33:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 उसने परमेश्‍वर से प्रार्थना की और परमेश्‍वर ने उसकी विनती स्‍वीकार की। उसने उसकी प्रार्थना सुनी; और उसको पुन: यरूशलेम में ले आया, और उसका राज्‍य लौटा दिया। तब मनश्‍शे को ज्ञात हुआ कि प्रभु ही परमेश्‍वर है।

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पवित्र बाइबल

13 मनश्शे ने परमेश्वर से प्रार्थना की और परमेश्वर से सहायता की याचना की। यहोवा ने मनश्शे की याचना सुनी और उसे उस पर दया आई। यहोवा ने उसे यरूशलेम अपने सिंहासन पर लौटने दिया। तब मनश्शे ने समझा कि यहोवा सच्चा परमेश्वर है।

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Hindi Holy Bible

13 तब उसने प्रसन्न हो कर उसकी विनती सुनी, और उसको यरूशलेम में पहुंचा कर उसका राज्य लौटा दिया। तब मनश्शे को निश्चय हो गया कि यहोवा ही परमेश्वर है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 तब उसने प्रसन्न होकर उसकी विनती सुनी, और उसको यरूशलेम में पहुँचाकर उसका राज्य लौटा दिया। तब मनश्शे को निश्‍चय हो गया कि यहोवा ही परमेश्‍वर है।

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सरल हिन्दी बाइबल

13 जब उसने याहवेह से प्रार्थना की, याहवेह उसकी प्रार्थना से पिघल गए और उन्होंने उसकी विनती को स्वीकार किया और वह उसे उसके राज्य में ही येरूशलेम लौटा ले आए. इससे मनश्शेह को मालूम हो गया कि याहवेह ही परमेश्वर है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

13 तब उसने प्रसन्न होकर उसकी विनती सुनी, और उसको यरूशलेम में पहुँचाकर उसका राज्य लौटा दिया। तब मनश्शे को निश्चय हो गया कि यहोवा ही परमेश्वर है।

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2 इतिहास 33:13
41 क्रॉस रेफरेंस  

रिबका बांझ थी। अतएव इसहाक ने अपनी पत्‍नी के लिए प्रभु से निवेदन किया। प्रभु ने उसे सुना, और इसहाक की पत्‍नी गर्भवती हुई।


जब लोगों ने यह देखा अब उन्‍होंने मुंह के बल गिरकर प्रभु की वंदना की। वे पुकारने लगे, ‘निस्‍सन्‍देह, प्रभु ही ईश्‍वर है! प्रभु ही ईश्‍वर है!’


तू उनके पाप और अपराध, जो उन्‍होंने तेरे विरुद्ध किए थे, क्षमा करना। उन्‍हें बन्‍दी बनाने वालों के हृदय में उनके प्रति दया उत्‍पन्न करना कि वे उनके प्रति दया करें।


तब यहोआहाज ने अनुनय-विनय से प्रभु के क्रोध को शान्‍त किया और प्रभु ने उसकी प्रार्थना सुनी। सीरिया देश का राजा इस्राएली जनता पर अत्‍याचार कर रहा था। प्रभु ने इस अत्‍याचार पर दृष्‍टि की।


परन्‍तु हगारई आदि सेनाओं को इस्राएली सैनिकों के विरुद्ध सहायता प्राप्‍त हुई। तब इस्राएली सैनिकों ने परमेश्‍वर से प्रार्थना की। परमेश्‍वर ने उनकी विनती को सुना; क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्‍वर पर भरोसा किया था। अत: उसने हगारई सेना तथा उसके पक्ष की अन्‍य जातियों की सेनाओं को जो उसके साथ थीं, इस्राएलियों के हाथ में सौंप दिया।


जब प्रभु ने देखा कि उन्‍होंने स्‍वयं को विनम्र किया है, तब प्रभु ने नबी शमायाह को यह सन्‍देश दिया: ‘उन्‍होंने मेरे सम्‍मुख स्‍वयं को विनम्र किया है, अत: मैं उनको नष्‍ट नहीं करूंगा। फिर भी मैं उनका पूर्णरूप से बचाव नहीं करूंगा। मैं शीशक के माध्‍यम से अपनी क्रोधाग्‍नि यरूशलेम पर नहीं उण्‍डेलूंगा;


मनश्‍शे के शेष कार्यों का विवरण, परमेश्‍वर से की गई उसकी प्रार्थना, और द्रष्‍टाओं के वे सब सन्‍देश, जो उन्‍होंने इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के नाम में उस को सुनाए थे, इन-सब का विवरण, ‘इस्राएल देश के राजाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में लिखा हुआ है।


‘द्रष्‍टाओं का इतिहास-ग्रंथ’ में भी मनश्‍शे का उल्‍लेख हुआ है: उसकी प्रार्थना; और परमेश्‍वर ने उसकी विनती, अनुनय-विनय कैसे स्‍वीकार किया; उसके पाप-कर्म तथा प्रभु के विरुद्ध उसका विश्‍वासघात; उन जगहों का वर्णन जहाँ मनश्‍शे ने पहाड़ी शिखर के मन्‍दिर बनाए थे, जहाँ अशेराह के खम्‍भे तथा मूर्तियाँ प्रतिष्‍ठित की थीं। इसी ग्रंथ में लिखा है कि उसने प्रभु के सम्‍मुख स्‍वयं को विनम्र किया था।


तूने हृदय से पश्‍चात्ताप किया। तूने मेरे सम्‍मुख, अपने परमेश्‍वर के सम्‍मुख, स्‍वयं को विनम्र बनाया। तूने इस स्‍थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध मेरी वाणी सुनी और मेरे सम्‍मुख स्‍वयं को दीन बनाया। तूने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े, और मेरे सम्‍मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।


हे हमारे पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर, तू धन्‍य है! तूने यरूशलेम में स्‍थित अपने इस भवन की साज-सज्‍जा के लिए सम्राट के हृदय में इच्‍छा उत्‍पन्न की।


अत: हमने सामूहिक उपवास किया, और यात्रा में सुरक्षा के लिए परमेश्‍वर से प्रार्थना की, और उसने हमारी प्रार्थना सुनी।


उसके मुख से शिक्षा ग्रहण करो, और उसके वचन अपने हृदय में रखो।


यदि तुम विनम्र भाव से सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर की ओर लौटोगे, यदि तुम अपने निवास-स्‍थान से अधर्म को दूर करोगे,


तुम उससे प्रार्थना करोगे, और वह तुम्‍हारी प्रार्थना स्‍वीकार करेगा। तुम उसके लिए अपनी मन्नतें पूरी करोगे।


यदि धार्मिक मनुष्‍य उसकी बात पर ध्‍यान देते और वे उसकी सेवा करते हैं तो वे अपनी आयु के शेष दिन, शेष वर्ष सुख-समृद्धि में कुशलता से बिताते हैं।


तो वह उनका दुष्‍कर्म, उनका अपराध प्रकट करता है, कि उन्‍होंने अहंकारपूर्ण आचरण किया है।


तब उन्‍होंने अपने संकट में प्रभु की दुहाई दी, और प्रभु ने विपत्ति से उन्‍हें बचाया;


“शान्‍त हो, और जान लो कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ। मैं राष्‍ट्रों में सर्वोच्‍च हूँ; मैं पृथ्‍वी पर सर्वोच्‍च हूँ।”


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु हमारे साथ है; याकूब का परमेश्‍वर हमारा गढ़ है। सेलाह


हे स्‍वामी, तू भला और क्षमाशील है, तेरी दुहाई देनेवालों के लिए तू करुणा सागर है।


प्रभु ने स्‍वयं को प्रकट किया, उसने न्‍याय किया, दुर्जन अपने ही कर्मों के जाल में फंस गए। हिग्‍गायोन सेलाह


जब प्रभु मनुष्‍य के आचरण से प्रसन्न होता है, तब वह उसके शत्रुओं को भी उसके मित्र बना देता है।


राजा का हृदय नहर के सदृश है, जो प्रभु के हाथ में है; जहां वह चाहता है वहां वह उसको मोड़ देता है।


मैं उन को ऐसा हृदय दूंगा, जिससे वे मुझे जानेंगे कि मैं ही प्रभु हूं। मैं उनका परमेश्‍वर हूंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे, क्‍योंकि वे सच्‍चे हृदय से मेरे पास लौटे आएंगे।’


हो सकता है कि वे प्रभु के ये वचन सुनकर अपना दुराचरण छोड़ दें, वे पश्‍चात्ताप करें और प्रभु से विनती करें। संभव है कि प्रभु उनकी विनती सुने। प्रभु ने चेतावनी दी है कि वह उन लोगों से बहुत क्रुद्ध है। उनके विरुद्ध उसकी क्रोधाग्‍नि भड़क उठी है।’


प्रभु, मेरी दुहाई की पुकार से अपने कान बन्‍द न कर! निस्‍सन्‍देह तूने मेरी दुहाई सुन ली।


आप मनुष्‍य-समाज के बीच से निकाल दिए जाएंगे, और आपको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। आप बैल के समान घास चरेंगे, और आकाश की ओस में भीगा करेंगे। सात वर्ष तक आपकी यही दशा रहेगी। उसके बाद आपको अनुभव होगा कि सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ही मनुष्‍यों के राज्‍य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्‍य दे देता है।


तू मनुष्‍य-समाज के बीच से निकाल दिया जाएगा, और तुझको वन-पशुओं के साथ रहना पड़ेगा। तू बैल के समान घास चरेगा। सात वर्ष तक तेरी यही दशा रहेगी। उसके बाद ही तुझको अनुभव होगा कि सर्वोच्‍च परमेश्‍वर ही मनुष्‍यों के राज्‍य पर शासन करता है, और वह जिसको चाहता है, उसको यह राज्‍य दे देता है।”


“उसी समय मेरा विवेक लौट आया। मेरे राज्‍य की कीर्ति के लिए मेरा प्रताप और वैभव मुझे पुन: प्राप्‍त हो गए। मेरे मंत्रियों और सामंतों ने मुझे जंगल में से ढूंढ़ निकाला, और मैं पुन: अपने राज्‍य के ऊपर राजा के रूप में प्रतिष्‍ठित हो गया। मेरी महानता और बढ़ गई।


तुम सब से पहले परमेश्‍वर के राज्‍य और उसकी धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएँ भी तुम्‍हें मिल जाएँगी।


वे तुझे, एकमात्र सच्‍चे परमेश्‍वर को और येशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जान लें− यही शाश्‍वत जीवन है।


येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम परमेश्‍वर का वरदान पहचानती और यह जानती कि वह कौन है, जो तुम से कह रहा है, ‘मुझे पानी पिलाओ’, तो तुम उससे माँगती और वह तुम्‍हें संजीवन जल देता।”


तुम रोटी नहीं खा सके, अंगूर का रस और शराब नहीं पी सके। इसका कारण यह है कि तुम इस बात को जान सको कि प्रभु ही तुम्‍हारा परमेश्‍वर है।


इसकी आवश्‍यकता नहीं रहेगी कि सहनागरिक एक-दूसरे को शिक्षा दें अथवा भाई-बहिन एक-दूसरे से कहें, ‘प्रभु का ज्ञान प्राप्‍त कीजिए’, क्‍योंकि छोटे और बड़े, सब-के-सब मुझे जानेंगे।


हमारे पर का पालन करें:

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