प्रिय मित्र, बाइबल में, भेंट ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। मुझे पता है कि यह सोचना कितना ख़ूबसूरत है।
मूसा के समय में, ईश्वर ने इज़राइल के लोगों को कुछ भेंटों के बारे में निर्देश दिए थे। उस ज़मीन के लिए, जो उन्हें ईश्वर द्वारा विरासत के रूप में दी गई थी, कृतज्ञता के रूप में अपनी संपत्ति का एक हिस्सा अर्पित करना आवश्यक था। यह सोचो कि कितना अच्छा लगता होगा उस समय में जीना और ईश्वर के इतने करीब होना।
ये भेंट मुख्य रूप से कृषि उत्पादों जैसे गेहूं, जौ, तेल और पशुओं से होती थीं, और उनकी आय के दसवें हिस्से के बराबर होती थीं, जिसे दशमांश कहते हैं। आज भी हम अपनी कमाई का दसवां हिस्सा ईश्वर को अर्पित कर सकते हैं।
लैव्यव्यवस्था के अनुसार, ईश्वर किसी जमा या सौंपी गई वस्तु में धोखाधड़ी, चोरी, जालसाज़ी, खोई हुई संपत्ति के बारे में झूठे बयान और झूठी कसमें के मामलों में भेंट की मांग करते थे। मुझे लगता है कि यह हमें सिखाता है कि ईमानदारी कितनी ज़रूरी है।
पाँच प्रकार की भेंटें थीं: होमबलि, अन्नबलि, मेलबलि, पापबलि और दोषबलि। यह जानना कितना दिलचस्प है कि इतने तरीके थे ईश्वर से जुड़ने के।
ईश्वर के वचन में, हमें भेंट देने के कई तरीके मिलते हैं, चाहे वह दूसरे मनुष्यों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हो या केवल कृतज्ञता व्यक्त करने और अपने सृष्टिकर्ता का अनुग्रह पाने के लिए। यह सोचो कि कितना अच्छा है कि हम ईश्वर के इतने करीब आ सकते हैं।
हम देख सकते हैं कि मामले और इरादे बहुत अलग-अलग होते हैं, लेकिन ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए सच्ची नीयत और सच्चा हृदय सबसे महत्वपूर्ण है। क्या तुम भी ऐसा नहीं महसूस करते? दिल से की गई प्रार्थना और भेंट ही असली मायने रखती है।
अतः आओ हम यीशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति रूपी बलि अर्पित करें जो उन होठों का फल है जिन्होंने उसके नाम को पहचाना है।
हे परमेश्वर, मेरी टूटी आत्मा ही तेरे लिए मेरी बलि हैं। हे परमेश्वर, तू एक कुचले और टूटे हृदय से कभी मुख नहीं मोड़ेगा।
“जब तुम यहोवा को मेलबलि चढ़ाओ तो तुम उसे ऐसे चढ़ाओ कि तुम यहोवा द्वारा स्वीकार किए जा सको।
“बेतेल जाओ और पाप करो! गिल्गाल जाओ तथा और अधिक पाप करो। अपनी बलियों की भेंट प्रात: काल करो। तीन दिन वाले पवित्र दिनों में अपनी फसल का दसवाँ भाग लाओ
याकूब दूसरे दिन बहुत सबेरे उठा। याकूब ने उस शिला को उठाया और उसे किनारे से खड़ा कर दिया। तब उसने इस पर तेल चढ़ाया। इस तरह उसने इसे परमेश्वर का स्मरण स्तम्भ बनाया। उस जगह का नाम लूज था किन्तु याकूब ने उसे बेतेल नाम दिया। इसलिए इस जगह को छोड़ो और पद्दनराम को जाओ। अपने नाना बतूएल के घराने में जाओ। वहाँ तुम्हारा मामा लाबान रहता है। उसकी किसी एक पुत्री से विवाह करो। तब याकूब ने एक वचन दिया। उसने कहा, “यदि परमेश्वर मेरे साथ रहेगा और अगर परमेश्वर, जहाँ भी मैं जाता हूँ, वहाँ मेरी रक्षा करेगा, अगर परमेश्वर मुझे खाने को भोजन और पहनने को वस्त्र देगा। अगर मैं अपने पिता के पास शान्ति से लौटूँगा, यदि परमेश्वर ये सभी चीजें करेगा, तो यहोवा मेरा परमेश्वर होगा। इस जगह, जहाँ मैंने यह पत्थर खड़ा किया है, परमेश्वर का पवित्र स्थान होगा और परमेश्वर जो कुछ तू मुझे देगा उसका दशमांश मैं तुझे दूँगा।”
तब यहोवा अपने लिये विशेष स्थान चुनेगा वह वहाँ अपना नाम प्रतिष्ठित करेगा और तुम उन सभी चीजों को वहीं लाओगे जिनके लिए मैं आदेश दे रहा हूँ। वहीं तुम अपनी होमबलि, अपनी बलियाँ, दशमांश, अपनी विशेष भेंट, यहोवा को वचन दी गई भेंट, अपनी स्वेच्छा भेंट और अपने मवेशियों के झुण्ड एवं रेवड़ का पहलौठा बच्चा लाओ।
तब नूह ने यहोवा के लिए एक वेदी बनाई। उसने कुछ शुद्ध पक्षियों और कुछ शुद्ध जानवर को लिया और उनको वेदी पर परमेश्वर को भेंट के रूप में जलाया। यहोवा इन बलियों की सुगन्ध पाकर खुश हुआ। यहोवा ने मन—ही—मन कहा, “मैं फिर कभी मनुष्य के कारण पृथ्वी को शाप नहीं दूँगा। मानव छोटी आयु से ही बुरी बातें सोचने लगता है। इसलिए जैसा मैंने अभी किया है इस तरह मैं अब कभी भी सारे प्राणियों को सजा नहीं दूँगा।
“मेरे लिए एक विशेष वेदी बनाओ। इस वेदी को बनाने के लिए धूलि का उपयोग करो। इस वेदी पर बलि के रूप में होमबलि तथा मेलबलि चढ़ाओ। इस काम के लिए अपनी भेड़ों और गाय, बकरियों का उपयोग करो। उन सभी स्थानों पर यही करो जहाँ मैं अपने को याद करने के लिए कह रहा हूँ। तब मैं आऊँगा और तुम्हें आशीर्वाद दूँगा।
“इस्राएल के लोगों से मेरे लिए भेंट लाने को कहो। हर एक व्यक्ति अपने मन में निश्चय करे कि वह मुझे इन वस्तुओं में से क्या अर्पित करना चाहता है। इन उपहारों को मेरे लिए अर्पित करो।
“तुम्हारे सभी लोग वर्ष में तीन बार यहोवा अपने परमेश्वर से मिलने के लिए उस विशेष स्थान पर आएंगे जिसे वह चुनेगा। यह अखमीरी रोटी के पर्व के समय, सप्ताहों के पर्व के समय तथा खेमों के पर्व के समय होगा। हर एक व्यक्ति जो यहोवा से मिलने जाएगा कोई भेंट लाएगा। हर एक व्यक्ति उतना देगा जितना वह दे सकेगा। कितना देना है, उसका निश्चय वह यह सोचकर करेगा कि उसे यहोवा ने कितना दिया है।
ये नेता यहोवा के लिये भेंटें लाए। वे चारों ओर से ढकी छः गाड़ियाँ और बारह गायें लाए। (हर एक नेता द्वारा एक गाय दी गई थी। हर नेता ने दूसरे नेता से चारों ओर से ढकी गाड़ी को देने में साझा किया।) नेताओं ने पवित्र तम्बू पर यहोवा को ये चीज़े दीं।
“यदि कोई किसी मिथ्या देवता को बलि चढ़ाए तो उस व्यक्ति को अवश्य नष्ट कर दिया जाए। केवल परमेश्वर यहोवा ही ऐसा है जिसे तुमको बलि चढ़ानी चाहिए।
“इस्राएल के लोगों से कहो: तुम लोगों में से कोई जब यहोवा को भेंट लाए तो वह भेंट तुम्हें उन जानवरों में से लानी चाहिये जो तुमाहेरे झुण्ड या रेवड़ में से हो।
यहोवा परमेश्वर ने मूसा को बलाया और मिलापवाले तम्बू में से उससे बोला। यहोवा ने कहा, “यदि कोई व्यक्ति भेड़ या बकरी की होमबलि चढ़ाए तो वह एक ऐसे नर पशु की भेंट दे जिसमें कोई दोष न हो। उस व्यक्ति को वेदी के उत्तर की ओर यहोवा के सामने पशु को मारना चाहिए। हारून के याजक पुत्रों को वेदी के चारों ओर खून छिड़कना चाहिए। तब याजक को चाहिए कि वह पशु को टुकड़ों में काटे। पशु का सिर और चर्बी याजक को लकड़ी के ऊपर क्रम से रखना चाहिए। लकड़ी वेदी पर आग के ऊपर रहती है। याजक को पशु के भीतरी भागों और उसके पैरों को पानी से धोना चाहिए। तब याजक को चाहिए कि वह पशु के सभी भागों को वेदी पर जलाएँ। यह होमबलि है अर्थात् आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना। “यदि कोई व्यक्ति यहोवा को पक्षी की होमबलि चढ़ाए तो यह पक्षी फाख्ता या नया कबूतर होना चाहिए। याजक भेंट को वेदी पर लाएगा। याजक पक्षी के सिर को अलग करेगा। तब याजक पक्षी को वेदी पर जलाएगा। पक्षी का खून वेदी की ओर बहना चाहिए। याजक को पक्षी के गले की थैली और उसके पंखों को वेदी के पूर्व की ओर फेंक देना चाहिए। यह वही जगह है जहाँ वे वेदी से निकालकर राख डालते हैं। तब याजक को पंख के पास से पक्षी को चीरना चाहिए किन्तु पक्षी को दो भागों में नहीं बाँटना चाहिए। याजक को वेदी के ऊपर आग पर रखी लकड़ी के ऊपर पक्षी को जलाना चाहिए। यह होमबलि है अर्थात् आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना।
तब वेदी पर इन को जलाओ। यह वह विशेष भेंट है जो जलाई जाती है। यह होमबलि यहोवा के लिए है। इसकी सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी। यह ऐसी होमबलि है जो यहोवा को आग के द्वारा दी जाती है।
“हो सकता है कि साधारण जनता में से किसी व्यक्ति से संयोगवश कोई ऐसी बात हो जाए जिसे यहोवा ने न करने का आदेश दिया है। यदि उस व्यक्ति को अपने पाप का पता चले तो वह एक बकरी लाए जिसमें कोई दोष न हो। यह उस व्यक्ति की भेंट होगी। वह इस बकरी को उस पाप के लिए लाए जो उसने किया है। उसे अपना हाथ पशु के सिर पर रखना चाहिए और होमबलि के स्थान पर उसे मारना चाहिए। “यदि अभीषिक्त याजक से कोई ऐसा पाप हुआ हो जिसका बुरा असर लोगों पर पड़ा हो तो उसे अपने किए गए पाप के लिए यहोवा को बलि चढ़ानी चाहिए: उसे एक बछड़ा यहोवा को भेंट में देना चाहिए जिसमें कोई दोष न हो। उसे यहोवा को बछड़ा पापबलि के रूप में चढ़ाना चाहिए। तब याजक को उस बकरी का कुछ खून अपनी उँगली पर लेना चाहिए और होमबतलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। याजक को वेदी की नींव पर बकरी का सारा खून उँडेलना चाहिए। तब याजक को बकरी की सारी चर्बी उसी प्रकार निकालनी चाहिए जिस प्रकार मलेबलि से चर्बी निकाली जाती है। याजक को इसे यहोवा के लिये सुगन्धि धूप की वेदी पर जलाना चाहिए। इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पापों का भुगतान कर देगा और यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा कर देगा।
सात दिन तक हर रोज़ एक—एक बछड़े को मारो। यह हारून और उसके पुत्रों के पाप के लिए भेंट होगी। तुम इन दिनों दिए गए बलिदानों का उपयोग वेदी को शुद्ध करने के लिए करना और वेदी को पवित्र बनाने के लिए जैतून का तेल इस पर डालना। तुम सात दिन तक वेदी को शुद्ध और पवित्र करना। उस समय वेदी अत्याधिक पवित्र होगी। वेदी को छूने वाली कोई भी चीज़ पवित्र हो जाएगी।
सचमुच जिस बलि की परमेश्वर को अपेक्षा है, वह तुम्हारी स्तुति है। तुम्हारी मनौतियाँ उसकी सेवा की हैं। सो परमेश्वर को निज धन्यवाद की भेटें चढ़ाओ। उस सर्वोच्च से जो मनौतियाँ की हैं उसे पूरा करो।
“यदि कोई व्यक्ति अपने पशुओं में से किसी की होमबलि दे तो वह नर होना चाहिए और उस जानवर में कोई दोष नहीं होना चाहिए। उस व्यक्ति को चाहिए कि वह जानवर को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जाये। तब यहोव भेंट स्वीकार करेगा। इस व्यक्ति को अपना हाथ जानवर के सिर पर रखना चाहिए। परमेश्वर होमबिल को व्यक्ति के पाप के लिए भुगतान के रुप में स्वीकार करेगा।
अत: यदि वह इनमें से किसी का दोषी है तो उसे अपनी बुराई स्वीकार करनी चाहिए। उसे परमेश्वर को अपने किए हुए पाप के लिए दोषबलि लानी चाहिए। उसे दोषबलि के रूप में अपनी रेवड़ से एक मादा जानवर लाना चाहिए। यह मेमना या बकरी हो सकता है। तब याजक वह कार्य करेगा जिससे उस व्यक्ति के पाप का भुगतान होगा।
परमेश्वर कहता है, “मुझे यें सभी बलियाँ नहीं चाहिये। मैं तुम्हारे भेड़ों और पशुओं की चर्बी की पर्याप्त होमबलियाँ ले चुका हूँ। बैलों, मेमनों, बकरों के खून से मैं प्रसन्न नहीं हूँ।
याजक को जानवर के भीतरी भागों और पैरों को पानी से धोना चाहिए। तब याजक को जानवर के सभी भागों को वेदी पर जलाना चाहिए। यही होमबलि है अर्थात आग के द्वारा यहोवा को सुगन्ध से प्रसन्न करना।
इसलिए जब यीशु इस जगत में आया था तो उसने कहा था: “तूने बलिदान और कोई भेंट नहीं चाहा, किन्तु मेरे लिए एक देह तैयार की है।
किन्तु वेदी की आग वेदी में जलती रहनी चाहिए। इसे बुझने नहीं देना चाहिए। याजक को हर सुबह वेदी पर लकड़ी जलानी चाहिए। उसे वेदी पर लकड़ी रखनी चाहिए। उसे मेलबलि की चर्बी जलानी चाहिए। वेदी पर आग लगातार जलती रहनी चाहिए। यह बुझनी नहीं चाहिए।
“यह नियम तुम्हारे लिए सदैव रहेगा: सातवें महीने के दसवें दिन तुम्हें उपवास करना चाहिए। तुम्हें कोई काम नहीं करना चाहिए। तुम्हारे साथ रहने वाले यात्री या विदेशी भी कोई काम नहीं कर सगेंगे। “पाप से निस्तार के दिन पवित्र स्थान में जाने के पहले हारून को पापबलि के रूप में एक बछड़ा और होमबलि के लिए एक मेढ़ा भेंट करना चाहिए। क्यों क्योंकि इस दिन याजक तुमहें शुद्ध करता है और तुम्हारे पापों को धोता है। तब तुम यहोवा के लिए शुद्ध होगे।
वहअपने पूरे शरीर को पवित्र स्थान में पानी डालकर धोएगा। तब वह अपने अन्य विशेष वस्त्रों को पहनेगा। वह बाहर आएगा और अपने लिये होमबलि और लोगों के लिये होमबलि चढ़ाएगा। वह अपने को तथा लोगों को पापों से मुक्त करेगा।
क्यों? क्योंकि प्राणी का जीवन खून में है। मैंने तुम्हें उस खून को वेदी पर डालने का नियम दिया है। तुम्हें अपने को शुद्ध करने के लिए यह करना चाहिए। तुम्हें वह खून उस जीवन के बदले में मुझे देना होगा जो तुम लेते हो।
मैं परमेश्वर के नाम का गुण गीतों में गाऊँगा। मैं उसका यश धन्यवाद के गीतों से गाऊँगा। परमेश्वर इससे प्रसन्न हो जायेगा। ऐसा करना एक बैल की बलि या पूरे पशु की ही बलि चढ़ाने से अधिक उत्तम है।
वहाँ वह अपनी भेंट यहोवा को देगा। उसकी भेंट होनी चाहिएः होमबलि के लिए बिना दोष का एक वर्ष का एक मेढ़ा पापबलि के लिए बिना दोष की एक वर्ष की एक मादा भेड़, मेलबलि के लिए बिना दोष का एक नर भेड़,
व्यवस्था का विधान तो आने वाली उत्तम बातों की छाया मात्र प्रदान करता है। अपने आप में वे बातें यथार्थ नहीं हैं। इसलिए उन्हीं बलियों के द्वारा जिन्हें निरन्तर प्रति वर्ष अनन्त रूप से दिया जाता रहता है, उपासना के लिए निकट आने वालों को सदा-सदा के लिए सम्पूर्ण सिद्ध नहीं किया जा सकता। सो परमेश्वर की इच्छा से एक बार ही सदा-सर्वदा के लिए यीशु मसीह की देह के बलिदान द्वारा हम पवित्र कर दिए गए। हर याजक एक दिन के बाद दूसरे दिन खड़ा होकर अपने धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करता है। वह पुनः-पुनः एक जैसी ही बलियाँ चढ़ाता है जो पापों को कभी दूर नहीं कर सकतीं। किन्तु याजक के रूप में मसीह तो पापों के लिए, सदा के लिए एक ही बलि चढ़ाकर परमेश्वर के दाहिने हाथ जा बैठा, और उसी समय से उसे अपने विरोधियों को उसके चरण की चौकी बना दिए जाने की प्रतीक्षा है। क्योंकि उसने एक ही बलिदान के द्वारा, जो पवित्र किए जा रहे हैं, उन्हें सदा-सर्वदा के लिए सम्पूर्ण सिद्ध कर दिया। इसके लिए पवित्र आत्मा भी हमें साक्षी देता है। पहले वह बताता है: “यह वह वाचा है जिसे मैं उनसे करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है। अपनी व्यवस्था उनके हृदयों में बसाऊँगा। मैं उनके मनों पर उनको लिख दूँगा।” वह यह भी कहता है: “उनके पापों और उनके दुष्कर्मों को और अब मैं कभी याद नहीं रखूँगा।” और फिर जब पाप क्षमा कर दिए गए तो पापों के लिए किसी बलि की कोई आवश्यकता रह ही नहीं जाती। इसलिए भाईयों, क्योंकि यीशु के लहू के द्वारा हमें उस परम पवित्र स्थान में प्रवेश करने का निडर भरोसा है, यदि ऐसा हो पाता तो क्या उनका चढ़ाया जाना बंद नहीं हो जाता? क्योंकि फिर तो उपासना करने वाले एक ही बार में सदा सर्वदा के लिए पवित्र हो जाते। और अपने पापों के लिए फिर कभी स्वयं को अपराधी नहीं समझते। जिसे उसने परदे के द्वारा, अर्थात् जो उसका शरीर ही है, एक नए और सजीव मार्ग के माध्यम से हमारे लिए खोल दिया है। और क्योंकि हमारे पास एक ऐसा महान याजक है जो परमेश्वर के घराने का अधिकारी है। तो फिर आओ, हम सच्चे हृदय, निश्चयपूर्ण विश्वास अपनी अपराधपूर्ण चेतना से हमें शुद्ध करने के लिए किए गए छिड़काव से युक्त अपने हृदयों को लेकर शुद्ध जल से धोए हुए अपने शरीरों के साथ परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं। तो आओ जिस आशा को हमने अंगीकार किया है, हम अडिग भाव से उस पर डटे रहें क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह विश्वासपूर्ण है। तथा आओ, हम ध्यान रखें कि हम प्रेम और अच्छे कर्मों के प्रति एक दूसरे को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। हमारी सभाओं में आना मत छोड़ो। जैसे कि कुछों को तो वहाँ नहीं आने की आदत ही पड़ गयी है। बल्कि हमें तो एक दूसरे को उत्साहित करना चाहिए। और जैसा कि तुम देख ही रहे हो-कि वह दिन निकट आ रहा है। सो तुम्हें तो यह और अधिक करना चाहिए। सत्य का ज्ञान पा लेने के बाद भी यदि हम जानबूझ कर पाप करते ही रहते हैं फिर तो पापों के लिए कोई बलिदान बचा ही नहीं रहता। बल्कि फिर तो न्याय की भयानक प्रतीक्षा और भीषण अग्नि ही शेष रह जाती है जो परमेश्वर के विरोधियों को चट कर जाएगी। जो कोई मूसा की व्यवस्था के विधान का पालन करने से मना करता है, उसे बिना दया दिखाए दो या तीन साक्षियों की साक्षी पर मार डाला जाता है। सोचो, वह मनुष्य कितने अधिक कड़े दण्ड का पात्र है, जिसने अपने पैरों तले परमेश्वर के पुत्र को कुचला, जिसने वाचा के उस लहू को, जिसने उसेपवित्र किया था, एक अपवित्र वस्तु माना और जिसने अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया। किन्तु वे बलियाँ तो बस पापों की एक वार्षिक स्मृति मात्र हैं। क्योंकि हम उसे जानते हैं जिसने कहा था: “बदला लेना काम है मेरा, मैं ही बदला लूँगा।” और फिर, “प्रभु अपने लोगों का न्याय करेगा।” किसी पापी का सजीव परमेश्वर के हाथों में पड़ जाना एक भयानक बात है। आरम्भ के उन दिनों को याद करो जब तुमने प्रकाश पाया था, और उसके बाद जब तुम कष्टों का सामना करते हुए कठोर संघर्ष में दृढ़ता के साथ डटे रहे थे। तब कभी तो सब लोगों के सामने तुम्हें अपमानित किया गया और सताया गया और कभी जिनके साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा था, तुमने उनका साथ दिया। तुमने, जो बंदीगृह में पड़े थे, उनसे सहानुभूति की तथा अपनी सम्पत्ति का जब्त किया जाना सहर्ष स्वीकार किया क्योंकि तुम यह जानते थे कि स्वयं तुम्हारे अपने पास उनसे अच्छी और टिकाऊ सम्पत्तियाँ हैं। सो अपने निडर विश्वास को मत त्यागो क्योंकि इसका भरपूर प्रतिफल दिया जाएगा। तुम्हें धैर्य की आवश्यकता है ताकि तुम जब परमेश्वर की इच्छा पूरी कर चुको तो जिसका वचन उसने दिया है, उसे तुम पा सको। क्योंकि बहुत शीघ्र ही, “जिसको आना है वह शीघ्र ही आएगा, मेरा धर्मी जन विश्वास से जियेगा और यदि वह पीछे हटेगा तो मैं उससे प्रसन्न न रहूँगा।” किन्तु हम उनमें से नहीं हैं जो पीछे हटते हैं और नष्ट हो जाते हैं बल्कि उनमें से हैं जो विश्वास करते हैं और उद्धार पाते हैं। क्योंकि साँड़ों और बकरों का लहू पापों को दूर कर दे, यह सम्भव नहीं है।
जब तुम उस प्रदेश में पहुँचोगे तब तुम्हें यहोवा को आग द्वारा विशेष भेंट देनी चाहिए। इसकी सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करेगी। तुम अपनी गायें, भेड़ें और बकरियों का इस्तेमाल होमबलि, बलिदानों, विशेष मनौतियों, मेलबलि, शान्ति भेंट या विशेष पर्वों में करोगे।
“संसार में सर्वत्र लोग मेरे नाम का सम्मान करते हैं। संसार में सर्वत्र लोग मेरे लिये अच्छी भेंट लाते हैं। वे अच्छी सुगन्धि मेरी भेंट के रप में जलाते हैं। क्यों क्योंकि मेरा नाम उन सभी लोगों के लिये महत्वपूर्ण है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
तुम्हें अपनी होमबलि वहीं चढ़ानी चाहिए। अपनी होमबलि का मांस और रक्त यहोवा अपने परमेश्वर की वेदी पर चढ़ाओ। तब तुम माँस खा सकते हो।
किन्तु शमूएल ने उत्तर दिया, “यहोवा को इन दो में से कौन अधिक प्रसन्न करता है: होमबलियाँ और बलियाँ या यहोवा की आज्ञा का पालन करना? यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया जाये इसकी अपेक्षा कि उसे बलि भेंट की जाये। यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की बातें सुनी जायें इसकी अपेक्षा कि मेढ़ों से चर्बी—भेंट की जाये।
“यदि यह भेंट मेलबलि है और यह यहोवा को अपने पशुओं के झुण्ड से एक नर या मादा पशु देता है, तो इस पशु में कोई दोष नहीं होना चाहिए। इस व्यक्ति को दोनों गुर्दे और उन्हें ढकने वाली चर्बी और पुट्ठे की चर्बी भी भेंट में चढ़ानी चाहिए। उसे कलेजे को ढकने वाली चर्बी भी भेंट में चढ़ानी चाहीए। उसे गुर्दों के साथ कलेजे को भी निकाल लेना चाहिए। तब याजक वेदी पर इस को जलाएगा। यह यहोवा को आग द्वारा दी गई भेंट होगी तथा यह लोगों के लिए भी भोजन होगी। “यदि किसी व्यक्ति की भेंट एक बकरा है तो वह उसे यहोवा के सामने भेंट करे। इस व्यक्ति को बकरे के सिर पर हाथ रखना चाहिए और मिलापवाले तम्बू के सामने उसे मारना चाहिए। तब हारून के पुत्र बकरे का खून वेदी पर चारों ओर डालेंगे। तब व्यक्ति को बकरे का एक भाग यहोवा को अग्नि द्वारा भेंट के रूप में चढ़ाने के लिए लाना चाहिए। इस व्यक्ति को भीतरी भाग के ऊपर और उसके चारों ओर की चर्बी की भेंट चढ़ानी चाहिए। उसे दोनों गुर्दे, उसे ढकने वाली चर्बी तथा पशु के पुट्ठे की चर्बी भेंट में चढ़ानी चाहिए। उसे कलेजे को ढकलने वाली चर्बी चढ़ानी चाहिए। उसे कलेजे के साथ गुर्दे को निकाल लेना चाहिए। याजक को वेदी पर बकरे के भागों को जलाना चाहिए। यह यहोवा को आग द्वारा दी गई भेंट तथा याजक का भोजन होगा। इसकी सुगन्ध यहोवा को प्रसन्न करती है। (लेकिन सारा उत्तम भाग यहोवा का है।) यह नियम तुम्हारी सभी पीढ़ीयों में सदा चलता रहेगा। तुम जहाँ कहीं भी रहो, तुम्हें खून या चर्बी नहीं खानी चाहिए।”
इन होमबलियों को उन्हें यहोवा को चढ़ाना ही चाहिए। उन्हें दोषरहित एक वर्ष के दो मेढ़े नित्य भेंट के रूप में चढ़ाना चाहिए। तुम्हें अपने पापों को ढकने के लिए एक बकरे की बलि चढ़ानी चाहिए। तुम्हें यह भेंट प्रतिदिन होमबलि और इसकी अन्नबलि के अतिरिक्त चढ़ानी चाहिए। निश्चय कर लो कि जानवरों में कोई दोष न हो और यह निश्चय कर लो कि पेय भेंट ठीक है। मेढ़ों में से एक को सवेरे चढ़ाओ और दूसरे मेढ़े को संध्या के समय।
उसी दिन राजा सुलैमान ने मन्दिर के सामने का आँगन समर्पित किया। उसने होमबलि, अन्नबलि और मेलबलि के रूप में काम आये जानवरों की चर्बी की भेंटें चढ़ाई। राजा सुलैमान ने ये भेंटें आँगन में चढ़ाई। उसने यह इसलिये किया कि इन सारी भेंटों को धारण करने के लिये यहोवा के सामने की काँसे की वेदी अत्याधिक छोटी थी।
जब सुलैमान ने प्रार्थना पूरी की तो आकाश से आग उतरी और उसने होमबलि और बलियों को जलाया। यहोवा के तेज ने मन्दिर को भर दिया।
हे यहोवा, तूने मुझको यह समझाया है: तू सचमुच कोई अन्नबलि और पशुबलि नहीं चाहता था। कोई होमबलि और पापबलि तुझे नहीं चाहिए। सो मैंने कहा, “देख मैं आ रहा हूँ! पुस्तक में मेरे विषय में यही लिखा है।” हे मेरे परमेश्वर, मैं वही करना चाहता हूँ जो तू चाहता है। मैंने मन में तेरी शिक्षओं को बसा लिया।
परमेश्वर कहता है, “मुझे यें सभी बलियाँ नहीं चाहिये। मैं तुम्हारे भेड़ों और पशुओं की चर्बी की पर्याप्त होमबलियाँ ले चुका हूँ। बैलों, मेमनों, बकरों के खून से मैं प्रसन्न नहीं हूँ। तुम लोग जब मुझसे मिलने आते हो तो मेरे आँगन की हर वस्तु रौंद डालते हो। ऐसा करने के लिए तुमसे किसने कहा है “बेकार की बलियाँ तुम मुझे मत चढ़ाते रहो। जो सुगंधित सामग्री तुम मुझे अर्पित करते हो, मुझे उससे घृणा है। नये चाँद की दावतें, विश्राम और सब्त मुझ से सहन नहीं हो पाते। अपनी पवित्र सभाओं के बीच जो बुरे कर्म तुम करते हो, मुझे उनसे घृणा है।
“जब शासक यहोवा को स्वेच्छा भेंट देता है, यह होमबलि, मेलबलि या स्वेच्छा भेंट हो सकती है, चढ़ायेगा तो उसके लिये पूर्व का फाटक खुलेगा। तब वह अपनी होमबलि और अपनी मेलबलि को सब्त के दिन की तरह चढ़ाएगा। जब वह जाएगा उसके बाद फाटक बन्द होगा।
हे यहोवा, तूने मुझको यह समझाया है: तू सचमुच कोई अन्नबलि और पशुबलि नहीं चाहता था। कोई होमबलि और पापबलि तुझे नहीं चाहिए।
जो बलियाँ तुझे नहीं भाती सो मुझे चढ़ानी नहीं है। वे बलियाँ तुझे वाँछित तक नहीं हैं। हे परमेश्वर, मेरी टूटी आत्मा ही तेरे लिए मेरी बलि हैं। हे परमेश्वर, तू एक कुचले और टूटे हृदय से कभी मुख नहीं मोड़ेगा।
वास्तव में व्यवस्था चाहती है कि प्रायः हर वस्तु को लहू से शुद्ध किया जाए। और बिना लहू बहाये क्षमा है ही नहीं।
यहोवा को धन्यवाद देने बलि अर्पित करो, सभी कार्मो को जो उसने किये हैं। यहोवा ने जिनको किया है, उन बातों को आनन्द के साथ बखानो।
इसलिए में तेरे मन्दिर में बलियाँ चढ़ाने लाऊँगा। जब मैं विपति में था, मैंने तेरी शरण माँगी और मैंने तेरी बहुतेरी मन्नत मानी। अब उन सब वस्तुओं को जिनकी मैंने मन्नत मानी, अर्पित करता हूँ। तुझको पापबलि अर्पित कर रहा हूँ, और मेढ़ों के साथ सुगन्ध अर्पित करता हूँ। तुझको बैलों और बकरों की बलि अर्पित करता हूँ।
यहोवा परमेश्वर है, और वह हमें अपनाता है। बलि के लिये मेमने को बाँधों और वेदी के कंगूरों पर मेमने को ले जाओ।”
यहोवा ने उसे कुचल डालने का निश्चय किया। यहोवा ने निश्चय किया कि वह यातनाएँ झेले। सो सेवक ने अपना प्राण त्यागने को खुद को सौंप दिया। किन्तु वह एक नया जीवन अनन्त—अनन्त काल तक के लिये पायेगा। वह अपने लोगों को देखेगा। यहोवा उससे जो करना चाहता है, वह उन बातों को पूरा करेगा।
मैं तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र से बाहर लाया। मैंने उनसे बातें कीं, किन्तु उन्हें कोई आदेश होमबलि और बलि के विषय में नहीं दिया। मैंने उन्हें केवल यह आदेश दिया, ‘मेरी आज्ञा का पालन करो और मैं तुम्हारा परमेश्वर रहूँगा तथा तुम मेरे लोग होगे। जो मैं आदेश देता हूँ वह करो, और तुम्हारे लिए सब अच्छा होगा।’
क्योंकि मुझे सच्चा प्रेम भाता है न कि मुझे बलियाँ भाती हैं, मुझे भाता है कि परमेश्वर का ज्ञान रखें, न कि वे यहाँ होमबलियाँ लाया करें।
और प्रभु की व्यवस्था कहती है, “एक जोड़ी कपोत या कबूतर के दो बच्चे बलि चढ़ाने चाहिए।” सो वे व्यवस्था के अनुसार बलि चढ़ाने ले गये।
जब मैं यहोवा के सामने जाऊँ और प्रणाम करूँ, तो परमेश्वर के सामने अपने साथ क्या लेकर के जाऊँ क्या यहोवा के सामने एक वर्ष के बछड़े की होमबलि लेकर के जाऊँ क्या यहोवा एक हजार मेढ़ों से अथवा दासियों हजार तेल की धारों से प्रसन्न होगा? क्या अपने पाप के बदले में मुझको अपनी प्रथम संतान जो अपनी शरीर से उपजी हैं, अर्पित करनी चाहिये? हे मनुष्य, यहोवा ने तुझे वह बातें बतायीं हैं जो उत्तम हैं। ये वे बातें हैं, जिनकी यहोवा को तुझ से अपेक्षा है। ये वे बातें हैं—तू दुसरे लोगों के साथ में सच्चा रह; तू दूसरों से दया के साथ प्रेम कर, और अपने जीवन नम्रता से परमेश्वर के प्रति बिना उपहारों से तुम उसे प्रभावित करने का जतन मत करो।
तुम्हारा विश्वास एक बलि के रूप में है और यदि मेरा लहू तुम्हारी बलि पर दाखमधु के समान उँडेल दिया भी जाये तो मुझे प्रसन्नता है। तुम्हारी प्रसन्नता में मेरा भी सहभाग है।
इसलिये तुम लोग जाओ और समझो कि शास्त्र के इस वचन का अर्थ क्या है, ‘मैं बलिदान नहीं चाहता बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को बुलाने आया हूँ।”
यदि तुम शास्त्रों में जो लिखा है, उसे जानते कि, ‘मैं लोगों में दया चाहता हूँ, पशु बलि नहीं’ तो तुम उन्हें दोषी नहीं ठहराते, जो निर्दोष हैं।
इसी से अब आगे मैं जीवित नहीं हूँ किन्तु मसीह मुझ में जीवित है। सो इस शरीर में अब मैं जिस जीवन को जी रहा हूँ, वह तो विश्वास पर टिका है। परमेश्वर के उस पुत्र के प्रति विश्वास पर जो मुझसे प्रेम करता था, और जिसने अपने आप को मेरे लिए अर्पित कर दिया।
अपने समूचे मन से, सारी समझ-बूझ से, सारी शक्ति से परमेश्वर को प्रेम करना और अपने समान अपने पड़ोसी से प्यार रखना, सारी बलियों और समर्पित भेटों से जिनका विधान किया गया है, अधिक महत्त्वपूर्ण है।”
अगले दिन यूहन्ना ने यीशु को अपनी तरफ आते देखा और कहा, “परमेश्वर के मेमने को देखो जो जगत के पाप को हर ले जाता है।
इसलिए हे भाइयो परमेश्वर की दया का स्मरण दिलाकर मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि अपने जीवन एक जीवित बलिदान के रूप में परमेश्वर को प्रसन्न करते हुए अर्पित कर दो। यह तुम्हारी आध्यात्मिक उपासना है जिसे तुम्हें उसे चुकाना है।
प्रेम के साथ जीओ। ठीक वैसे ही जैसे मसीह ने हमसे प्रेम किया है और अपने आप को मधुर-गंध-भेंट के रूप में, हमारे लिए परमेश्वर को अर्पित कर दिया है।
नहीं तो फिर मसीह को सृष्टि के आदि से ही अनेक बार यातनाएँ झेलनी पड़तीं। किन्तु अब देखो, इतिहास के चरम बिन्दु पर अपने बलिदान के द्वारा पापों का अंत करने के लिए वह सदा सदा के लिए एक ही बार प्रकट हो गया है।
तुमने इपफ्रुदीतुस के हाथों जो उपहार मधुर गंध भेंट के रूप में मेरे पास भेजे हैं वे एक ऐसा स्वीकार करने योग्य बलिदान है जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है। उन उपहारों के कारण मेरे पास मेरी आवश्यकता से कहीं अधिक हो गया है, मुझे पूरी तरह दिया गया है, बल्कि उससे भी अधिक भरपूर दिया गया है। वे वस्तुएँ मधुर गंध भेंट के रूप में हैं, एक ऐसा स्वीकार करने योग्य बलिदान जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है।
“इसलिये यदि तू वेदी पर अपनी भेंट चढ़ा रहा है और वहाँ तुझे याद आये कि तेरे भाई के मन में तेरे लिए कोई विरोध है तो तू उपासना की भेंट को वहीं छोड़ दे और पहले जा कर अपने उस बन्धु से सुलह कर। और फिर आकर भेंट चढ़ा।
बकरों और बछड़ों के लहू को लेकर उसने प्रवेश नहीं किया था बल्कि सदा-सर्वदा के लिए भेंट स्वरूप अपने ही लहू को लेकर परम पवित्र स्थान में प्रविष्ट हुआ था। इस प्रकार उसने हमारे लिए पापों से अनन्त छुटकारे सुनिश्चित कर दिए हैं।
जब यह सच है तो मसीह का लहू कितना प्रभावशाली होगा। उसने अनन्त आत्मा के द्वारा अपने आपको एक सम्पूर्ण बलि के रूप में परमेश्वर को समर्पित कर दिया। सो उसका लहू हमारी चेतना को उन कर्मों से छुटकारा दिलाएगा जो मृत्यु की ओर ले जाते हैं ताकि हम सजीव परमेश्वर की सेवा कर सकें।
किन्तु याजक के रूप में मसीह तो पापों के लिए, सदा के लिए एक ही बलि चढ़ाकर परमेश्वर के दाहिने हाथ जा बैठा,
अतः आओ हम यीशु के द्वारा परमेश्वर को स्तुति रूपी बलि अर्पित करें जो उन होठों का फल है जिन्होंने उसके नाम को पहचाना है। तथा नेकी करना और अपनी वस्तुओं को औरों के साथ बाँटना मत भूलो। क्योंकि परमेश्वर ऐसी ही बलियों से प्रसन्न होता है।
तुम यह जानते हो कि चाँदी या सोने जैसी वस्तुओं से तुम्हें उस व्यर्थ जीवन से छुटकारा नहीं मिल सकता, जो तुम्हें तुम्हारे पूर्वजों से मिला है। बल्कि वह तो तुम्हें निर्दोष और कलंक रहित मेमने के समान मसीह के बहुमूल्य रक्त से ही मिल सकता है।
तुम भी सजीव पत्थरों के समान एक आध्यात्मिक मन्दिर के रूप में बनाए जा रहे हो ताकि एक ऐसे पवित्र याजकमण्डल के रूप में सेवा कर सको जिसका कर्तव्य ऐसे आध्यात्मिक बलिदान समर्पित करना है जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
वह एक बलिदान है जो हमारे पापों का हरण करता है न केवल हमारे पापों का बल्कि समूचे संसार के पापों का।
वे एक नया गीत गा रहे थे: “तू यह पुस्तक लेने को समर्थ है, और जो इस पर लगी मुहर खोलने को क्योंकि तेरा वध बलि के रूप कर दिया, और अपने लहू से तूने परमेश्वर के हेतु जनों को हर जाति से, हर भाषा से, सभी कुलों से, सब राष्ट्रों से मोल लिया।
फिर एक और स्वर्गदूत आया और वेदी पर खड़ा हो गया। उसके पास सोने का एक धूपदान था। उसे संत जनों की प्रार्थनाओं के साथ सोने की उस वेदी पर जो सिंहासन के सामने थी, चढ़ाने के लिए बहुत सारी धूप दी गई। फिर स्वर्गदूत के हाथ से धूप का वह धुआँ संत जनों की प्रार्थनाओं के साथ-साथ परमेश्वर के सामने पहुँचा।