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1 पतरस 2:5 - पवित्र बाइबल

5 तुम भी सजीव पत्थरों के समान एक आध्यात्मिक मन्दिर के रूप में बनाए जा रहे हो ताकि एक ऐसे पवित्र याजकमण्डल के रूप में सेवा कर सको जिसका कर्तव्य ऐसे आध्यात्मिक बलिदान समर्पित करना है जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।

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Hindi Holy Bible

5 तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 और जीवन्‍त पत्‍थरों के समान आत्‍मिक भवन में निर्मित हो जाएं। इस प्रकार आप पवित्र पुरोहित-वर्ग बन कर ऐसी आत्‍मिक बलि चढ़ा सकेंगे, जो येशु मसीह द्वारा परमेश्‍वर को स्‍वीकार हो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 तुम भी आप जीवते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिससे याजकों का पवित्र समाज बनकर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर को ग्राह्य हैं।

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नवीन हिंदी बाइबल

5 तुम भी स्वयं जीवित पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो कि याजकों का पवित्र समाज बनकर ऐसे आत्मिक बलिदानों को चढ़ाओ जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर को ग्रहणयोग्य हों।

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सरल हिन्दी बाइबल

5 तुम भी जीवित पत्थरों के समान पवित्र पौरोहित्य के लिए एक आत्मिक भवन बनते जा रहे हो कि मसीह येशु के द्वारा परमेश्वर को भानेवाली आत्मिक बलि भेंट करो.

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1 पतरस 2:5
34 क्रॉस रेफरेंस  

किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।


परमेश्वर की सेवा में हम सब सहकर्मी हैं। तुम परमेश्वर के खेत हो। परमेश्वर के मन्दिर हो।


और तूने उनको रूप का राज्य दे दिया। और हमारे परमेश्वर के हेतु उन्हें याजक बनाया। वे धरती पर राज्य करेंगे।”


क्या तुम नहीं जानते कि तुम लोग स्वयं परमेश्वर का मन्दिर हो और परमेश्वर की आत्मा तुममें निवास करती है?


तुम “यहोवा के याजक” हलाओगे। तुम “हमारे परमेश्वर के सहायक” कहलाओगे। धरती के सभी देशों से आई हुई सम्पत्ति को तुम प्राप्त करोगे और तुम्हें इस बात का गर्व होगा कि वह सम्पत्ति तुम्हारी है।


किन्तु परमेश्वर के घराने में मसीह तो एक पुत्र के रूप में विश्वास करने योग्य है और यदि हम अपने साहस और उस आशा में विश्वास को बनाये रखते हैं तो हम ही उसका घराना हैं।


वह धन्य है और पवित्र भी है जो पहले पुनरुत्थान में भाग ले रहा है। इन व्यक्तियों पर दूसरी मृत्यु को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। बल्कि वे तो परमेश्वर और मसीह के अपने याजक होंगे और उसके साथ एक हज़ार वर्ष तक राज्य करेंगे।


अथवा क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर उस पवित्र आत्मा के मन्दिर हैं जिसे तुमने परमेश्वर से पाया है और जो तुम्हारे भीतर निवास करता है। और वह आत्मा तुम्हारा अपना नहीं है,


इसलिए हे भाइयो परमेश्वर की दया का स्मरण दिलाकर मैं तुमसे आग्रह करता हूँ कि अपने जीवन एक जीवित बलिदान के रूप में परमेश्वर को प्रसन्न करते हुए अर्पित कर दो। यह तुम्हारी आध्यात्मिक उपासना है जिसे तुम्हें उसे चुकाना है।


उसने हमें एक राज्य तथा अपने परम पिता परमेश्वर की सेवा में याजक होने को रचा। उसकी महिमा और सामर्थ्य सदा-सर्वदा होती रहे। आमीन!


तुमने इपफ्रुदीतुस के हाथों जो उपहार मधुर गंध भेंट के रूप में मेरे पास भेजे हैं वे एक ऐसा स्वीकार करने योग्य बलिदान है जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है। उन उपहारों के कारण मेरे पास मेरी आवश्यकता से कहीं अधिक हो गया है, मुझे पूरी तरह दिया गया है, बल्कि उससे भी अधिक भरपूर दिया गया है। वे वस्तुएँ मधुर गंध भेंट के रूप में हैं, एक ऐसा स्वीकार करने योग्य बलिदान जिससे परमेश्वर प्रसन्न होता है।


परमेश्वर के मन्दिर का मूर्तियों से क्या नाता? क्योंकि हम स्वयं उस सजीव परमेश्वर के मन्दिर हैं, जैसा कि परमेश्वर ने कहा था: “मैं उनमें निवास करूँगा; चलूँ फिरूँगा, मैं उनका परमेश्वर होऊँगा और वे मेरे जन बनेंगे।”


जो विजयी होगा उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर का स्तम्भ बनाऊँगा। फिर कभी वह इस मन्दिर से बाहर नहीं जाएगा। तथा मैं अपने परमेश्वर का और अपने परमेश्वर की नगरी नए यरूशलेम का नाम उस पर लिखूँगा, जो मेरे परमेश्वर की ओर से स्वर्ग से नीचे उतरने वाली है। उस पर मैं अपना नया नाम भी लिखूँगा।


यानी मैं ग़ैर यहूदियों के लिए यीशु मसीह का सेवक बन कर परमेश्वर के सुसमाचार के लिए एक याजक के रूप में काम करूँ ताकि ग़ैर यहूदी परमेश्वर के आगे स्वीकार करने योग्य भेंट बन सकें और पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के लिये पूरी तरह पवित्र बनें।


यदि मुझे आने में समय लग जाये तो तुम्हें पता रहे कि परमेश्वर के परिवार में, जो सजीव परमेश्वर की कलीसिया है, किसी को अपना व्यवहार कैसा रखना चाहिए। कलीसिया ही सत्य की नींव और आधार स्तम्भ है।


इन लोगों में से कुछ लोगों को मैं याजकों और लेवियों के रूप में चुन लूँगा। ये बातें यहोवा ने बताई थीं।


यदि कोई व्यक्ति मेरी स्तुति और धन्यवादों की बलि चढ़ाये, तो वह सचमुच मेरा मान करेगा। यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन बदल डाले तो उसे मैं परमेश्वर की शक्ति दिखाऊँगा जो बचाती है।”


और तुम जो कुछ भी करो या कहो, वह सब प्रभु यीशु के नाम पर हो। उसी के द्वारा तुम हर समय परम पिता परमेश्वर को धन्यवाद देते रहो।


तुम्हारा विश्वास एक बलि के रूप में है और यदि मेरा लहू तुम्हारी बलि पर दाखमधु के समान उँडेल दिया भी जाये तो मुझे प्रसन्नता है। तुम्हारी प्रसन्नता में मेरा भी सहभाग है।


हे यहोवा, मेरी विनती तेरे लिये जलती धूप के उपहार सी हो मेरी विनती तेरे लिये दी गयी साँझ कि बलि सी हो।


सचमुच जिस बलि की परमेश्वर को अपेक्षा है, वह तुम्हारी स्तुति है। तुम्हारी मनौतियाँ उसकी सेवा की हैं। सो परमेश्वर को निज धन्यवाद की भेटें चढ़ाओ। उस सर्वोच्च से जो मनौतियाँ की हैं उसे पूरा करो।


जो कोई प्रवचन करे वह ऐसे करे, जैसे मानो परमेश्वर से प्राप्त वचनों को ही सुना रहा हो। जो कोई सेवा करे, वह उस शक्ति के साथ करे, जिसे परमेश्वर प्रदान करता है ताकि सभी बातों में यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर की महिमा हो। महिमा और सामर्थ्य सदा सर्वदा उसी की है। आमीन!


यीशु मसीह की करुणा को पा कर तुम अति उत्तम काम करोगे जो प्रभु को महिमा देते हैं और उसकी स्तुति बनते हो।


“संसार में सर्वत्र लोग मेरे नाम का सम्मान करते हैं। संसार में सर्वत्र लोग मेरे लिये अच्छी भेंट लाते हैं। वे अच्छी सुगन्धि मेरी भेंट के रप में जलाते हैं। क्यों क्योंकि मेरा नाम उन सभी लोगों के लिये महत्वपूर्ण है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।


जो बातें तुझे कहनी हैं, उनके बारे में सोच और यहोवा की ओर लौट आ। उससे कह, “हमारे पापों को दूर कर और उन अच्छी बातों को स्वीकार कर जिन्हें हम कर रहे हैं। हम अपने मुख से तेरी स्तुति करेंगे।”


तुम एक विशेष लोग और याजकों का राज्य बनोगे।’ मूसा, जो बातें मैंने बताई हैं उन्हें इस्राएल के लोगों से अवश्य कह देना।”


सुबुद्धि ने अपना घर बनाया है। उसने अपने सात खम्भे गढ़े हैं।


सो जैसे ही कोई अवसर मिले, हमें सभी के साथ भलाई करनी चाहिये, विशेषकर अपने धर्म-भाइयों के साथ।


क्योंकि परमेश्वर के अपने परिवार से ही आरम्भ होकर न्याय प्रारम्भ करने का समय आ पहुँचा है। और यदि यह हमसे ही प्रारम्भ होता है तो जिन्होंने परमेश्वर के सुसमाचार का पालन नहीं किया है, उनका परिणाम क्या होगा?


वे लेवीवंशी लोग भूमि का कोई हिस्सा अन्य परिवार समूहों की तरह नहीं पाएंगे। लेवीवंशियों के हिस्से में स्वयं यहोवा है। यहोवा ने इसके लिए उनको वचन दिया है।


उन पत्थरों के शीर्ष पर अन्य बहुमूल्य पत्थर और देवदारू की शहतीरें थीं।


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