सोचो, सबसे खूबसूरत शख्सियतों में से एक, जो तुम्हें मिल सकती है, वो है परमेश्वर का पवित्र आत्मा, जिसे हम दिलासा देने वाला भी कहते हैं। वो न सिर्फ़ तुम्हें दिलासा देता है, बल्कि तुम्हें सिखाता भी है और सही राह भी दिखाता है।
ये बात बहुत ज़रूरी है कि दिलासा देने वाला सिर्फ़ मुश्किल घड़ी में ही साथ नहीं देता, बल्कि वो हमारा मार्गदर्शन भी करता है, हमें मज़बूत बनाता है और सच्चाई की राह दिखाता है।
परमेश्वर का ये अनमोल तोहफा, हर विश्वासी के अंदर बसता है। इसका काम बहुत व्यापक है: ये हमारे दुखों को कम करता है, मुसीबतों में हमें शांति देता है, प्रार्थना में हमारी मदद करता है और हमें यीशु की शिक्षाओं को समझने में मदद करता है।
अगर हम दिलासा देने वाले के बारे में गहराई से सोचें, तो हमें एहसास होता है कि हमारे जीवन में इसका होना कितना ज़रूरी है। हमें याद आता है कि इस आध्यात्मिक यात्रा में हम अकेले नहीं हैं और हमें अपने बोझ खुद नहीं उठाने हैं।
जब हम कमज़ोर महसूस करते हैं, तब ये हमें सहारा देता है, जब हम चुनौतियों का सामना करते हैं, तब ये हमें उम्मीद देता है और हमें परमेश्वर की दया और विश्वासयोग्यता की याद दिलाता है।
ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किलों में, दिलासा देने वाला हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है। ये हमें अपने प्यार से दिलासा देता है और हमें इस बात का विश्वास दिलाता है कि मुश्किल हालातों में भी, परमेश्वर हमारे भले के लिए काम कर रहा है।
इसके अलावा, दिलासा देने वाला हमें परमेश्वर के वचन की सच्चाई बताता है। ये हमें पवित्र शास्त्रों को समझने, परमेश्वर की इच्छा जानने और आध्यात्मिक रूप से बढ़ने में मदद करता है। इसके मार्गदर्शन से, हम बदलते हैं और परमेश्वर के राज्य के सिद्धांतों और मूल्यों के अनुसार जीवन जीने के लिए तैयार होते हैं।
किन्तु मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ इसमें तुम्हारा भला है कि मैं जा रहा हूँ। क्योंकि यदि मैं न जाऊँ तो सहायक तुम्हारे पास नहीं आयेगा। किन्तु यदि मैं चला जाता हूँ तो मैं उसे तुम्हारे पास भेज दूँगा।
किन्तु सहायक अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे परम पिता मेरे नाम से भेजेगा, तुम्हें सब कुछ बतायेगा। और जो कुछ मैंने तुमसे कहा है उसे तुम्हें याद दिलायेगा।
मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था, किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमपिता परमेश्वर धन्य है। वह करुणा का स्वामी है और आनन्द का स्रोत है। हमारी हर विपत्ति में वह हमें शांति देता है ताकि हम भी हर प्रकार की विपत्ति में पड़े लोगों को वैसे ही शांति दे सकें, जैसे परमेश्वर ने हमें दी है।
ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।
इस प्रकार समूचे यहूदिया, गलील और सामरिया के कलीसिया का वह समय शांति से बीता। वह कलीसिया और अधिक शक्तिशाली होने लगी। क्योंकि वह प्रभु से डर कर अपना जीवन व्यतीत करती थी, और पवित्र आत्मा ने उसे और अधिक प्रोत्साहित किया था सो उसकी संख्या बढ़ने लगी।
मैं परम पिता से विनती करूँगा और वह तुम्हें एक दूसरा सहायक देगा ताकि वह सदा तुम्हारे साथ रह सके।
क्योंकि जैसे मसीह की यातनाओं में हम सहभागी हैं, वैसे ही मसीह के द्वारा हमारा आनन्द भी तुम्हारे लिये उमड़ रहा है।
“जब वह सहायक (जो सत्य की आत्मा है और परम पिता की ओर से आता है) तुम्हारे पास आयेगा जिसे मैं परम पिता की ओर से भेजूँगा, वह मेरी ओर से साक्षी देगा।
सभी आशाओं का स्रोत परमेश्वर, तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द और शांति से भर दे जैसा कि उसमें तुम्हारा विश्वास है। ताकि पवित्र आत्मा की शक्ति से तुम आशा से भरपूर हो जाओ।
बल्कि जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेगा, तुम्हें शक्ति प्राप्त हो जायेगी, और यरूशलेम में, समूचे यहूदिया और सामरिया में और धरती के छोरों तक तुम मेरे साक्षी बनोगे।”
किन्तु जब सत्य का आत्मा आयेगा तो वह तुम्हें पूर्ण सत्य की राह दिखायेगा क्योंकि वह अपनी ओर से कुछ नहीं कहेगा। वह जो कुछ सुनेगा वही बतायेगा। और जो कुछ होने वाला है उसको प्रकट करेगा।
सिय्योन पर्वत को यहोवा वैसे ही आशीर्वाद देगा। यहोवा को यरूशलेम और उसके खंडहरों के लिये खेद होगा और वह उस नगर के लिये कोई बहुत बड़ा काम करेगा। यहोवा रेगिस्तान को बदल देगा। वह रेगिस्तान अदन के उपवन के जैसे एक उपवन में बदल जायेगा। वह उजाड़ स्थान यहोवा के बगीचे के जैसा हो जाएगा। लोग अत्याधिक प्रसन्न होंगे। लोग वहाँ अपना आनन्द प्रकट करेंगे। वे लोग धन्यवाद और विजय के गीत गायेंगे।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि वह महिमा के अपने धन के अनुसार अपनी आत्मा के द्वारा तुम्हारे भीतरी व्यक्तित्व को शक्तिपूर्वक सुदृढ़ करे।
मैंने इस्राएल की राहें देख ली थी। किन्तु मैं उसे क्षमा (चंगा) करूँगा। मैं उसे चैन दूँगा और ऐसे वचन बोलूँगा जिस से उसको आराम मिले और मैं उसको राह दिखाऊँगा। फिर उसे और उसके लोगों को दु:ख नहीं छू पायेगा।
जबकि पवित्र आत्मा, प्रेम, प्रसन्नता, शांति, धीरज, दयालुता, नेकी, विश्वास, नम्रता और आत्म-संयम उपजाता है। ऐसी बातों के विरोध में कोई व्यवस्था का विधान नहीं है।
किन्तु परमेश्वर ने उन ही बातों को आत्मा के द्वारा हमारे लिये प्रकट किया है। आत्मा हर किसी बात को ढूँढ निकालती है यहाँ तक कि परमेश्वर की छिपी गहराइयों तक को। ऐसा कौन है जो दूसरे मनुष्य के मन की बातें जान ले सिवाय उस व्यक्ति के उस आत्मा के जो उसके अपने भीतर ही है। इसी प्रकार परमेश्वर के विचारों को भी परमेश्वर की आत्मा को छोड़ कर और कौन जान सकता है।
तुम्हारे हृदयों को आनन्द दे और हर अच्छी बात में जिसे तुम कहते हो या करते हो, तुम्हें सुदृढ़ बनाये।
जब तुमने उस सत्य का संदेश सुना जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार था, और जिस मसीह पर तुमने विश्वास किया था, तो जिस पवित्र आत्मा का वचन दिया था, मसीह के माध्यम से उसकी छाप परमेश्वर के द्वारा तुम लोगों पर भी लगायी गयी। वह आत्मा हमारे उत्तराधिकार के भाग की जमानत के रूप में उस समय तक के लिये हमें दिया गया है, जब तक कि वह हमें, जो उसके अपने है, पूरी तरह छुटकारा नहीं दे देता। इसके कारण लोग उसकी महिमा की प्रशंसा करेंगे।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमपिता परमेश्वर धन्य है। वह करुणा का स्वामी है और आनन्द का स्रोत है।
क्या तुम नहीं जानते कि तुम लोग स्वयं परमेश्वर का मन्दिर हो और परमेश्वर की आत्मा तुममें निवास करती है?
यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है। इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं। वे बस मानवमात्र हैं। वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”
यानी सत्य का आत्मा जिसे जगत ग्रहण नहीं कर सकता क्योंकि वह उसे न तो देखता है और न ही उसे जानता है। तुम लोग उसे जानते हो क्योंकि वह आज तुम्हारे साथ रहता है और भविष्य में तुम में रहेगा।
वह पवित्र आत्मा स्वयं हमारीआत्मा के साथ मिलकर साक्षी देती है कि हम परमेश्वर की संतान हैं।
किन्तु जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुममें तो उस परम पवित्र से प्राप्त अभिषेक वर्तमान है, इसलिए तुम्हें तो आवश्यकता ही नहीं है कि कोई तुम्हें उपदेश दे, बल्कि तुम्हें तो वह आत्मा जिससे उस परम पवित्र ने तुम्हारा अभिषेक किया है, तुम्हें सब कुछ सिखाती है। (और याद रखो, वही सत्य है, वह मिथ्या नहीं है।) उसने तुम्हें जैसे सिखाया है, तुम मसीह में वैसे ही बने रहो।
और आशा हमें निराश नहीं होने देती क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा, जो हमें दिया गया है, परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदय में उँडेल दिया गया है।
फिर तुम लोगों में यदि मसीह में कोई उत्साह है, प्रेम से पैदा हुई कोई सांत्वना है, यदि आत्मा में कोई भागेदारी है, स्नेह की कोई भावना और सहानुभूति है
वे सभी पवित्र आत्मा से भावित हो उठे। और आत्मा के द्वारा दिये गये सामर्थ्य के अनुसार वे दूसरी भाषाओं में बोलने लगे।
उस पुत्र में यहोवा की आत्मा होगी। वह आत्मा विवेक, समझबूझ, मार्ग दर्शन और शक्ति की आत्मा होगी। वह आत्मा इस पुत्र को यहोवा को समझने और उसका आदर करने में सहायता देगी।
जो मुझमें विश्वासी है, जैसा कि शास्त्र कहते हैं उसके अंतरात्मा से स्वच्छ जीवन जल की नदियाँ फूट पड़ेंगी।” यीशु ने यह आत्मा के विषय में कहा था। जिसे वे लोग पायेंगे उसमें विश्वास करेंगे वह आत्मा अभी तक दी नहीं गयी है क्योंकि यीशु अभी तक महिमावान नहीं हुआ।
देखो! जिस प्रभु की ओर मैं इंगित कर रहा हूँ, वही आत्मा है। और जहाँ प्रभु की आत्मा है, वहाँ छुटकारा है।
जब उन्होंने प्रार्थना पूरी की तो जिस स्थान पर वे एकत्र थे, वह हिल उठा और उन सब में पवित्र आत्मा समा गया, और वे निर्भयता के साथ परमेश्वर के वचन बोलने लगे।
यदि मसीह के नाम पर तुम अपमानित होते हो तो उस अपमान को सहन करो क्योंकि तुम मसीह के अनुयायी हो, तुम धन्य हो क्योंकि परमेश्वर की महिमावान आत्मा तुममें निवास करती है।
मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा, क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है। तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।
यहोवा का सेवक कहता है, “मेरे स्वामी यहोवा ने मुझमें अपनी आत्मा स्थापित की है। यहोवा मेरे साथ है, क्योंकि कुछ विशेष काम करने के लिये उसने मुझे चुना है। यहोवा ने मुझे इन कामों को करने के लिए चुना है: दीन दु:खी लोगों के लिए सुसमाचार की घोषणा करना; दु:खी लोगों को सुख देना; जो लोग बंधन में पड़े हैं, उनके लिये मुक्ति की घोषणा करना; बन्दी लोगों को उनके छुटकारे की सूचना देना; यहोवा मुझको अति प्रसन्न करता है। मेरा सम्पूर्ण व्यक्तित्व परमेश्वर में स्थिर है और प्रसन्नता में मगन है। यहोवा ने उद्धार के वस्त्र से मुझको ढक लिया। वे वस्त्र ऐसे ही भव्य हैं जैसे भव्य वस्त्र कोई पुरूष अपने विवाह के अवसर पर पहनता है। यहोवा ने मुझे नेकी के चोगे से ढक लिया है। यह चोगा वैसा ही सुन्दर है जैसा सुन्दर किसी नारी का विवाह वस्त्र होता है। धरती पौधे उगाती है। लोग बगीचों में बीज डालते हैं और वह बगीचा उन बीजों को उगाता है। वैसे ही यहोवा नेकी को उगायेगा। इस तरह मेरा स्वामी सभी जातियों के बीच स्तुति को बढ़ायेगा। उस समय की घोषणा करना जब यहोवा अपनी करूणा प्रकट करेगा; उस समय की घोषणा करना जब हमारा परमेश्वर दुष्टों को दण्ड देगा; दु:खी लोगों को पुचकारना;
परमेश्वर की पवित्र आत्मा को दुःखी मत करते रहो क्योंकि परमेश्वर की सम्पत्ति के रूप में तुम पर छुटकारे के दिन के लिए आत्मा के साथ मुहर लगा दिया गया है।
कठोर यातनाओं के बीच तुमने पवित्र आत्मा से मिलने वाली प्रसन्नता के साथ सुसंदेश को ग्रहण किया और हमारा तथा प्रभु का अनुकरण करने लगे।
और फिर क्योंकि तुम परमेश्वर के पुत्र हो, सो उसने तुम्हारे हृदयों में पुत्र की आत्मा को भेजा। वही आत्मा “हे अब्बा, हे पिता” कहते हुए पुकारती है।
क्योंकि चाहे हम यहूदी रहे हों, चाहे ग़ैर यहूदी, सेवक रहे हों या स्वतन्त्र। एक ही देह के विभिन्न अंग बन जाने के लिए हम सब को एक ही आत्मा द्वारा बपतिस्मा दिया गया और प्यास बुझाने को हम सब को एक ही आत्मा प्रदान की गयी।
हर जगह जहाँ भी मैं जाता हूँ, वहाँ तेरी आत्मा रची है। हे यहोवा, मैं तुझसे बचकर नहीं जा सकता।
“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।
किन्तु तुम लोग भौतिक मानव स्वभाव के अधीन नहीं हो, बल्कि आत्मा के अधीन हो यदि वास्तव में तुममें परमेश्वर की आत्मा का निवास है। किन्तु यदि किसी में यीशु मसीह की आत्मा नहीं है तो वह मसीह का नहीं है।
क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।
इन सब बातों के हम साक्षी हैं और वैसे ही वह पवित्र आत्मा भी है जिसे परमेश्वर ने उन्हें दिया है जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।”
इस प्रकार अब उनके लिये जो यीशु मसीह में स्थित हैं, कोई दण्ड नहीं है। दूसरी तरफ यदि तुममें मसीह है तो चाहे तुम्हारी देह पाप के हेतु मर चुकी है पवित्र आत्मा, परमेश्वर के साथ तुम्हें धार्मिक ठहराकर स्वयं तुम्हारे लिए जीवन बन जाती है। और यदि वह आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे भीतर वास करती है, तो वह परमेश्वर जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे नाशवान शरीरों को अपनी आत्मा से जो तुम्हारे ही भीतर बसती है, जीवन देगा। इसलिए मेरे भाईयों, हम पर इस भौतिक शरीर का कर्ज़ तो है किन्तु ऐसा नहीं कि हम इसके अनुसार जियें। क्योंकि यदि तुम भौतिक शरीर के अनुसार जिओगे तो मरोगे। किन्तु यदि तुम आत्मा के द्वारा शरीर के व्यवहारों का अंत कर दोगे तो तुम जी जाओगे। जो परमेश्वर की आत्मा के अनुसार चलते हैं, वे परमेश्वर की संतान हैं। क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है। जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!” वह पवित्र आत्मा स्वयं हमारीआत्मा के साथ मिलकर साक्षी देती है कि हम परमेश्वर की संतान हैं। और क्योंकि हम उसकी संतान हैं, हम भी उत्तराधिकारी हैं, परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के साथ हम उत्तराधिकारी यदि वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं तो हमें उसके साथ महिमा मिलेगी ही। क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है। क्योंकि यह सृष्टि बड़ी आशा से उस समय का इंतज़ार कर रही है जब परमेश्वर की संतान को प्रकट किया जायेगा। क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है।
मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ।
तब उसने मुझसे कहा, “यह सन्देश यहोवा की ओर से जरुब्बाबेल को है: ‘तुम्हारी शक्ति और प्रभुत्ता से सहायता नहीं मिलेगी। वरन, तुम्हें सहायता मेरी आत्मा से मिलेगी।’ सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा!
अथवा क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे शरीर उस पवित्र आत्मा के मन्दिर हैं जिसे तुमने परमेश्वर से पाया है और जो तुम्हारे भीतर निवास करता है। और वह आत्मा तुम्हारा अपना नहीं है, अथवा क्या तुम नहीं जानते कि परमेश्वर के पवित्र पुरुष ही जगत का न्याय करेंगे? और जब तुम्हारे द्वारा सारे संसार का न्याय किया जाना है तो क्या अपनी इन छोटी-छोटी बातों का न्याय करने योग्य तुम नहीं हो? क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हें कीमत चुका कर खरीदा है। इसलिए अपने शरीरों के द्वारा परमेश्वर को महिमा प्रदान करो।
“वह दाखलता मैं हूँ और तुम उसकी शाखाएँ हो। जो मुझमें रहता है, और मैं जिसमें रहता हूँ वह बहुत फलता है क्योंकि मेरे बिना तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है। वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने। सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर: “यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ! हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो! युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं। किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
“प्रभु का आत्मा मुझमें समाया है उसने मेरा अभिषेक किया है ताकि मैं दीनों को सुसमाचार सुनाऊँ। उसने मुझे बंदियों को यह घोषित करने के लिए कि वे मुक्त हैं, अन्धों को यह सन्देश सुनाने को कि वे फिर दृष्टि पायेंगे, दलितो को छुटकारा दिलाने को और
दूसरी तरफ यदि तुममें मसीह है तो चाहे तुम्हारी देह पाप के हेतु मर चुकी है पवित्र आत्मा, परमेश्वर के साथ तुम्हें धार्मिक ठहराकर स्वयं तुम्हारे लिए जीवन बन जाती है। और यदि वह आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे भीतर वास करती है, तो वह परमेश्वर जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे नाशवान शरीरों को अपनी आत्मा से जो तुम्हारे ही भीतर बसती है, जीवन देगा।
किन्तु मैं कहता हूँ कि आत्मा के अनुशासन के अनुसार आचरण करो और अपनी पाप पूर्ण प्रकृति की इच्छाओं की पूर्ति मत करो।
हे प्यारे बच्चों, तुम परमेश्वर के हो। इसलिए तुमने मसीह के शत्रुओं पर विजय पा ली है। क्योंकि वह परमेश्वर जो तुममें है, संसार में रहने वाले शैतान से महान है।
अब उस परमेश्वर के लिये जो अपनी उस शक्ति से जो हममें काम कर रही है, जितना हम माँग सकते हैं या जहाँ तक हम सोच सकते हैं, उससे भी कहीं अधिक कर सकता है,
क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है। जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!”
जिसने हमें इस प्रयोजन के लिये ही तैयार किया है, वह परमेश्वर ही है। उसी ने इस आश्वासन के रूप में कि अपने वचन के अनुसार वह हमको देगा, बयाने के रूप में हमें आत्मा दी है।
तुम नासरी यीशु के विषय में जानते हो कि परमेश्वर ने पवित्र आत्मा और शक्ति से उसका अभिषेक कैसे किया था और उत्तम कार्य करते हुए तथा उन सब को जो शैतान के बस में थे, चंगा करते हुए चारों ओर वह कैसे घूमता रहा था। क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।
क्योंकि परमेश्वर का राज्य बस खाना-पीना नहीं है बल्कि वह तो धार्मिकता है, शांति है और पवित्र आत्मा से प्राप्त आनन्द है।
किन्तु हमने तो सांसारिक आत्मा नहीं बल्कि वह आत्मा पायी है जो परमेश्वर से मिलती है ताकि हम उन बातों को जान सकें जिन्हें परमेश्वर ने हमें मुक्त रूप से दिया है।
ये लोग अपनी प्राकृतिक इच्छाओं के दास हैं। इनकी आत्मा नहीं हैं। किन्तु प्रिय मित्रों तुम एक दूसरे को आध्यात्मिक रूप से अपने अति पवित्र विश्वास में सुदृढ़ करते रहो। पवित्र आत्मा के साथ प्रार्थना करो। हमारे प्रभु यीशु मसीह की करुणा की बाट जोहते हुए जो तुम्हें अनन्त जीवन तक ले जाएगी परमेश्वर की भक्ति में लीन रहो।
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
यीशु ने जवाब दिया, “सच्चाई तुम्हें मैं बताता हूँ। यदि कोई आदमी जल और आत्मा से जन्म नहीं लेता तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं पा सकता। माँस से केवल माँस ही पैदा होता है; और जो आत्मा से उत्पन्न हो वह आत्मा है।
प्रभु में प्रिय भाईयों, तुम्हारे लिए हमें सदा परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि परमेश्वर ने आत्मा के द्वारा तुम्हें पवित्र करके और सत्य में तुम्हारे विश्वास के कारण उद्धार पाने के लिए तुम्हें चुना है। जिन व्यक्तियों का उद्धार होना है, तुम उस पहली फसल के एक हिस्से हो।
इसके लिए पवित्र आत्मा भी हमें साक्षी देता है। पहले वह बताता है: “यह वह वाचा है जिसे मैं उनसे करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है। अपनी व्यवस्था उनके हृदयों में बसाऊँगा। मैं उनके मनों पर उनको लिख दूँगा।” वह यह भी कहता है: “उनके पापों और उनके दुष्कर्मों को और अब मैं कभी याद नहीं रखूँगा।”
मसीह ने हमें इसलिए मुक्त किया कि, इब्राहीम को दी गयी आषीष मसीह यीशु के द्वारा ग़ैर यहूदियों को भी मिल सके ताकि विश्वास के द्वारा हम उस आत्मा को प्राप्त करें, जिसका वचन दिया गया था।
जो उसके आदेशों का पालन करता है वह उसी में बना रहता है। और उसमें परमेश्वर का निवास रहता है। इस प्रकार, उस आत्मा के द्वारा जिसे परमेश्वर ने हमें दिया है, हम यह जानते हैं कि हमारे भीतर परमेश्वर निवास करता है।
क्योंकि वे जो अपने भौतिक मानव स्वभाव के अनुसार जीते हैं, उनकी बुद्धि मानव स्वभाव की इच्छाओं पर टिकी रहती है परन्तु वे जो आत्मा के अनुसार जीते है, उनकी बुद्धि जो आत्मा चाहती है उन अभिलाषाओं में लगी रहती है। भौतिक मानव स्वभाब के बस में रहने वाले मन का अन्त मृत्यु है, किन्तु आत्मा के वश में रहने वाली बुद्धि का परिणाम है जीवन और शान्ति।
फिर जब पौलुस ने उन पर अपने हाथ रखे तो उन पर पवित्र आत्मा उतर आया और वे अलग अलग भाषाएँ बोलने और भविष्यवाणियाँ करने लगे।
मैं प्रार्थना किया करता हूँ कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर तुम्हें विवेक और दिव्यदर्शन की ऐसी आत्मा की शक्ति प्रदान करे जिससे तुम उस महिमावान परम पिता को जान सको। मेरी विनती है कि तुम्हारे हृदय की आँखें खुल जायें और तुम प्रकाश का दर्शन कर सको ताकि तुम्हें पता चल जाये कि वह आशा क्या है जिसके लिये तुम्हें उसने बुलाया है। और जिस उत्तराधिकार को वह अपने सभी लोगों को देगा, वह कितना अद्भुत और सम्पन्न है।
सो बुरे होते हूए भी जब तुम जानते हो कि अपने बच्चों को उत्तम उपहार कैसे दिये जाते हैं, तो स्वर्ग में स्थित परम पिता, जो उससे माँगते हैं, उन्हें पवित्र आत्मा कितना अधिक देगा।”
वे जब उपवास करते हुए प्रभु की उपासना में लगे हुए थे, तभी पवित्र आत्मा ने कहा, “बरनाबास और शाऊल को जिस काम के लिये मैंने बुलाया है, उसे करने के लिये मेरे निमित्त, उन्हें अलग कर दो।”
“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”
क्योंकि परमेश्वर अव्यवस्था नहीं, शांति देता है। जैसा कि सन्तों की सभी कलीसियों में होता है।
जब तुझ पर विपत्तियाँ पड़ती हैं, मैं तेरे साथ रहता हूँ। जब तू नदी पार करेगा, तू बहेगा नहीं। तू जब आग से होकर गुज़रेगा, तो तू जलेगा नहीं। लपटें तुझे हानि नहीं पहुँचायेंगी।
इसलिए जो इस शिक्षा को नकारता है वह किसी मनुष्य को नहीं नकार रहा है बल्कि परमेश्वर को ही नकार रहा है। उस परमेश्वर को जो तुम्हें अपनी पवित्र आत्मा भी प्रदान करता है।
पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और अपने पापों की क्षमा पाने के लिये तुममें से हर एक को यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा लेना चाहिये। फिर तुम पवित्र आत्मा का उपहार पा जाओगे।
और मेरी वाणी तथा मेरा संदेश मानव बुद्धि के लुभावने शब्दों से युक्त नहीं थे बल्कि उनमें था आत्मा की शक्ति का प्रमाण ताकि तुम्हारा विश्वास मानव बुद्धि के बजाय परमेश्वर की शक्ति पर टिके।
जिन्हें एक बार प्रकाश प्राप्त हो चुका है, जो स्वर्गीय वरदान का आस्वादन कर चुके हैं, जो पवित्र आत्मा के सहभागी हो गए हैं जो परमेश्वर के वचन की उत्तमता तथा आने वाले युग की शक्तियों का अनुभव कर चुके हैं, यदि वे भटक जाएँ तो उन्हें मन-फिराव की ओर लौटा लाना असम्भव है। उन्होंने जैसे अपने ढंग से नए सिरे से परमेश्वर के पुत्र को फिर क्रूस पर चढ़ाया तथा उसे सब के सामने अपमान का विषय बनाया।
तब यदि तुम बुरे काम करोगे और बुरा जीवन जीओगे (दाहिनी ओर अथवा बायीं ओर) तो तुम अपने पीछे एक आवाज़ को कहते सुनोगे, “खरी राह यह है। तुझे इसी राह में चलना है।”
फिर वहाँ उपस्थित लोगों से यीशु ने कहा, “मैं जगत का प्रकाश हूँ। जो मेरे पीछे चलेगा कभी अँधेरे में नहीं रहेगा। बल्कि उसे उस प्रकाश की प्राप्ति होगी जो जीवन देता है।”
क्योंकि कोई मनुष्य जो कहना चाहता है, उसके अनुसार भविष्यवाणी नहीं होती। बल्कि पवित्र आत्मा की प्रेरणा से मनुष्य परमेश्वर की वाणी बोलते हैं।
तब तक ऐसा ही होता रहेगा, जब तक परमेश्वर ऊपर से हमें अपनी आत्मा नहीं देगा। अब धरती पर कोई अच्छाई नहीं है। यह रेगिस्तान सी बनी हुई हैं किन्तु आने वाले समय में यह रेगिस्तान उपजाऊ मैदान हो जायेगा। यह उपजाऊ मैदान एक हरे भरे वन जैसा बन जायेगा। चाहे जंगल हो चाहे उपजाऊ धरती, हर कहीं न्याय और निष्पक्षता मिलेगी। वह नेकी सदा—सदा के लिये शांति और सुरक्षा को लायेगी।
परमेश्वर आत्मा है और इसीलिए जो उसकी आराधना करें उन्हें आत्मा और सच्चाई में ही उसकी आराधना करनी होगी।”
हे भाईयों, तो फिर क्या करना चाहिये? तुम जब इकट्ठे होते हो तो तुममें से कोई भजन, कोई उपदेश और कोई आध्यात्मिक रहस्य का उद्घाटन करता है। कोई किसी अन्य भाषा में बोलता है तो कोई उसकी व्याख्या करता है। ये सब बाते कलीसिया की आत्मिक सुदृढ़ता के लिये की जानी चाहिये।
वह जो तुम्हें मसीह के व्यक्ति के रूप में हमारे साथ सुनिश्चित करता है और जिसने हमें भी अभिषिक्त किया है वह परमेश्वर ही है। जिसने हम पर अपने स्वामित्व की मुहर लगायी और हमारे भीतर बयाने के रूप में वह पवित्र आत्मा दी जो इस बात का आश्वासन है कि जो देने का वचन उसने हमें दिया है, उसे वह हमें देगा।
इसलिए मेरे भाईयों, हम पर इस भौतिक शरीर का कर्ज़ तो है किन्तु ऐसा नहीं कि हम इसके अनुसार जियें। क्योंकि यदि तुम भौतिक शरीर के अनुसार जिओगे तो मरोगे। किन्तु यदि तुम आत्मा के द्वारा शरीर के व्यवहारों का अंत कर दोगे तो तुम जी जाओगे।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का पिता और परमेश्वर धन्य हो। उसने हमें मसीह के रूप में स्वर्ग के क्षेत्र में हर तरह के आशीर्वाद दिये हैं।
तू मुझे जीवन की नेक राह दिखायेगा। हे यहोवा, तेरा साथ भर मुझे पूर्ण प्रसन्नता देगा। तेरे दाहिने ओर होना सदा सर्वदा को आन्नद देगा।
अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख। उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।
सम्पूर्ण पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है। यह लोगों को सत्य की शिक्षा देने, उनको सुधारने, उन्हें उनकी बुराइयाँ दर्शाने और धार्मिक जीवन के प्रशिक्षण में उपयोगी है।
यहोवा कहता है, “चाहे पर्वत लुप्त हो जाये और ये पहाड़ियाँ रेत में बदल जायें किन्तु मेरी करूणा तुझे कभी भी नहीं त्यागेगी। मैं तुझसे मेल करूँगा और उस मेल का कभी अन्त न होगा।” यहोवा तुझ पर करूणा दिखाता है और उस यहोवा ने ही ये बातें बतायी हैं।
और समूचे धीरज और बढ़ावे का स्रोत परमेश्वर तुम्हें वरदान दे कि तुम लोग एक दूसरे के साथ यीशु मसीह के उदाहरण पर चलते हुए आपस में मिल जुल कर रहो।
लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
हे यहोवा, तूने मुझे परखा है। मेरे बारे में तू सब कुछ जानता है। वहाँ तक भी तेरा दायाँ हाथ पहुँचाता है। और हाथ पकड़ कर मुझको ले चलता है। हे यहोवा, सम्भव है, मैं तुझसे छिपने का जतन करुँ और कहने लगूँ, “दिन रात में बदल गया है तो निश्चय ही अंधकार मुझको ढक लेगा।” किन्तु यहोवा अन्धेरा भी तेरे लिये अंधकार नहीं है। तेरे लिये रात भी दिन जैसी उजली है। हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था। हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है। मेरे विषय में तू सब कुछ जानता है। जब मैं अपनी माता की कोख में छिपा था, जब मेरी देह रूप ले रही थी तभी तूने मेरी हड्डियों को देखा। हे यहोवा, तूने मेरी देह को मेरी माता के गर्भ में विकसते देखा। ये सभी बातें तेरी पुस्तक में लिखीं हैं। हर दिन तूने मुझ पर दृष्टी की। एक दिन भी तुझसे नहीं छूटा। हे परमेश्वर, तेरे विचार मेरे लिये कितने महत्वपूर्ण हैं। तेरा ज्ञान अपरंपार है। तू जो कुछ जानता है, उन सब को यदि मैं गिन सकूँ तो वे सभी धरती के रेत के कणों से अधिक होंगे। किन्तु यदि मैं उनको गिन पाऊँ तो भी मैं तेरे साथ में रहूँगा। हे परमेश्वर, दुर्जन को नष्ट कर। उन हत्यारों को मुझसे दूर रख। तू जानता है कि मैं कब बैठता और कब खड़ा होता हूँ। तू दूर रहते हुए भी मेरी मन की बात जानता है। वे बुरे लोग तेरे लिये बुरी बातें कहते हैं। वे तेरे नाम की निन्दा करते हैं। हे यहोवा, मुझको उन लोगों से घृणा है! जो तुझ से घृणा करते हैं मुझको उन लोगों से बैर है जो तुझसे मुड़ जाते हैं। मुझको उनसे पूरी तरह घृणा है! तेरे शत्रु मेरे भी शत्रु हैं। हे यहोवा, मुझ पर दृष्टि कर और मेरा मन जान ले। मुझ को परख ले और मेरा इरादा जान ले। मुझ पर दृष्टि कर और देख कि मेरे विचार बुरे नहीं है। तू मुझको उस पथ पर ले चल जो सदा बना रहता है। हे यहोवा, तुझको ज्ञान है कि मैं कहाँ जाता और कब लेटता हूँ। मैं जो कुछ करता हूँ सब को तू जानता है।