वे एक दूसरे को आपस में नहीं थकेलते हैं। हर एक सैनिक अपनी राह पर चलता है। यदि कोई सैनिक आघात पा करके गिर जाता है तो भी वे दूसरे सैनिक आगे ही बढ़ते रहते हैं।
तब यहोयादा ने लोगों को बताया कि उन्हें कहाँ खड़ा होना है। हर एक व्यक्ति अपने हथियार अपने हाथ में लिये था। पुरुष मन्दिर की दांयी ओर से बांयी ओर तक लगातार खड़े थे। वे वेदी, मन्दिर और राजा के निकट खड़े थे।
हिजकिय्याह ने यरूशलेम को पहले से अधिक मजबूत बनाया। यह उसने इस प्रकार किया: उसने दीवार के टूटे भागों को फिर बनवाया। उसने दीवारों पर मीनारें बनाईं। उसने पहली दीवार के बाहर दूसरी दीवार बनाईं। उसने फिर पुराने यरूशलेम के पूर्व की ओर के स्थानों को मजबूत किया। उसने अनेकों हथियार और ढालें बनवाईं।
इस प्रकार हममें से कोई भी कभी अपने कपड़े नहीं उतारता था न मैं, न मेरे साथी, न मेरे लोग और न पहरेदार! हर समय हममें से प्रत्येक व्यक्ति अपने दाहिने हाथ में हथियार तैयार रखा करता था।
शत्रु कभी थका नहीं करता अथवा कभी नीचे नहीं गिरता। शत्रु कभी न तो ऊँघता है और न ही सोता है। उनके हथियारों के कमर बंद सदा कसे रहते हँ। उनके जूतों के तस्में कभी टूटते नहीं हैं।