उसने जवाब दिया, “यीशु नाम के एक व्यक्ति ने मिट्टी सान कर मेरी आँखों पर मला और मुझसे कहा, जा और शीलोह में धो आ और मैं जाकर धो आया। बस मुझे आँखों की ज्योति मिल गयी।”
तब अधिकारियों ने बारुक से एक प्रश्न किया। उन्होंने पूछा, “बारुक यह बताओ कि तुमने ये सन्देश कहाँ से पाए जिन्हें तुमने इस पत्रक पर लिखा क्या तुमने उन सन्देशों को लिखा जिन्हें यिर्मयाह ने तुम्हें बताया”
या उन अट्ठारह व्यक्तियों के विषय में तुम क्या सोचते हो जिनके ऊपर शीलोह के बुर्ज ने गिर कर उन्हें मार डाला। क्या सोचते हो, वे यरूशलेम में रहने वाले दूसरे सभी व्यक्तियों से अधिक अपराधी थे?
इस पर उसने उन्हें जवाब देते हुए कहा, “मैं तुम्हें बता तो चुका हूँ, पर तुम मेरी बात सुनते ही नहीं। तुम वह सब कुछ दूसरी बार क्यों सुनना चाहते हो? क्या तुम भी उसके अनुयायी बनना चाहते हो?”