हवा का रूख कहाँ होगा तुम नहीं जान सकते। तुम नहीं जानते कि माँ के गर्भ में बच्चा प्राण कैसे पाता है? इसी प्रकार तुम यह भी नहीं जान सकते कि परमेश्वर क्या करेगा? सब कुछ को घटित करने वाला तो वही है।
तब अधिकारियों ने बारुक से एक प्रश्न किया। उन्होंने पूछा, “बारुक यह बताओ कि तुमने ये सन्देश कहाँ से पाए जिन्हें तुमने इस पत्रक पर लिखा क्या तुमने उन सन्देशों को लिखा जिन्हें यिर्मयाह ने तुम्हें बताया”
उसने जवाब दिया, “यीशु नाम के एक व्यक्ति ने मिट्टी सान कर मेरी आँखों पर मला और मुझसे कहा, जा और शीलोह में धो आ और मैं जाकर धो आया। बस मुझे आँखों की ज्योति मिल गयी।”
इस तरह फ़रीसी उससे एक बार फिर पूछने लगे, “उसने आँखों की ज्योति कैसे पायी?” उसने बताया, “उसने मेरी आँखों पर गीली मिट्टी लगायी, मैंने उसे धोया और अब मैं देख सकता हूँ।”
पर हम यह नहीं जानते कि यह अब देख कैसे सकता है? और न ही हम यह जानते हैं कि इसे आँखों की ज्योति किसने दी है। इसी से पूछो, यह काफ़ी बड़ा हो चुका है। अपने बारे में यह खुद बता सकता है।”