यहाँ तक कि हिरनी भी अपने नये जन्मे बच्चे को खेत में अकेला छोड़ देती है। वह वैसा करती है क्योंकि वहाँ घास नहीं है।
“नप्ताली स्वतन्त्र दौड़ने वाले हिरण की तरह है और उसकी बोली उनके सुन्दर बच्चों की तरह है।”
यहोवा की वाणी से हरिण भयभीत होते हैं। यहोवा दुर्गम वनों को नष्ट कर देता है। किन्तु उसके मन्दिर में लोग उसकी प्रशंसा के गीत गाते हैं।
किन्तु निम्रीम का नाला ऐसे सूख गया जैसे रेगिस्तान सूखा होता है। वहाँ सभी वृक्ष सूख गये। कुछ भी हरा नहीं हैं।
हमारे पशु भूख से कराह रहे हैं। हमारे मवेशी खोये—खोये से इधर—उधर घूमते हैं। उनके पास खाने को घास नहीं हैं। भेड़ें मर रही हैं।