उसमें तीन फाटक होंगे। रुबेन का फाटक, यहूदा का फाटक और लेवी का फाटक।
इस्राएल वहाँ थोड़े समय ठहरा। जब वह वहाँ था तब रूबेन इस्राएल की दासी बिल्हा के साथ सोया। इस्राएल ने इस बारे में सुना और बहुत क्रोधित हुआ। याकूब (इस्राएल) के बारह पुत्र थे।
मैं तेरी दीवारें चुनने में माणिक को लगाऊँगा। तेरे द्वारों पर मैं दमकते हुए रत्नों को जड़ूँगा। तेरी सभी दीवारें मैं मूल्यवान पत्थरों से उठाऊँगा।
तेरे द्वार सदा ही खुले रहेंगे। वे दिन अथवा रात में कभी बन्द नहीं होंगे। देश और राजा तेरे पास धन लायेंगे।
“नगर के ये फाटक हैं। फाटकों का नाम इस्राएल के परिवार समूह के नामों पर होंगे। “उत्तर की ओर नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होगा।
“पूर्व की ओर नगर साढ़े चार हजार हाथ लम्बा होगा। उसमें तीन फाटक होंगे: यूसुफ का फाटक, बिन्यामीन का फाटक और दान का फाटक।
बारहों द्वार बारह मोतियों से बने थे, हर द्वार एक-एक मोती से बना था। नगर की गलियाँ स्वच्छ काँच जैसे शुद्ध सोने की बनी थीं।
दिन के समय इसके द्वार कभी बंद नहीं होंगे और वहाँ रात तो कभी होगी ही नहीं।