इसलिये यदि प्राणी चलते थे तो चक्र भी चलते थे। यदि प्राणी रूक जाते थे तो चक्र भी रूक जाते थे। यदि चक्र हवा में ऊपर जाते तो प्राणी उनके साथ जाते थे। क्यों क्योंकि आत्मा चक्र में थी।
यदि करुब (स्वर्गदूत) हवा में उड़ते थे तो चक्र उनके साथ जाते थे। यदि करुब (स्वर्गदूत) शान्त खड़े रहते थे तो चक्र भी वैसा ही करते थे। क्यों क्योंकि उनमें प्राणियों की आत्मा की शक्ति थी।