यहूदिया, यरूशलेम, इदूमिया और यर्दन नदी के पार के तथा सूर और सैदा के लोग भी थे। लोगों की यह भीड़ उन कामों के बारे में सुनकर उसके पास आयी थी जिन्हें वह करता था।
यहोवा कहता है, “ऐसा उस समय होगा जब आकाश में मेरी तलवार खून में सन जायेगी।” देखो! यहोवा की तलवार एदोम को काट डालेगी। यहोवा ने उन लोगों को अपराधी ठहराया है सो उन लोगों को मरना ही होगा।
तुम तब प्रसन्न थे जब इस्राएल देश नष्ट हुआ था। मैं तुम्हारे साथ वैसा ही व्यवहार करुँगा। सेईर पर्वत और एदोम का पूरा देश नष्ट कर दिया जाएगा। तब तुम समझोगे कि मैं यहोवा हूँ।”
मेरा स्वामी यहोवा कहता है: “मैं शपथ खाता हूँ कि मैं अपनी तीव्र अनुभूतियों को अपने लिये बोलने दूँगा। मैं एदोम और अन्य राष्ट्रों को अपने क्रोध का अनुभव कराऊँगा। उन राष्ट्रों ने मेरा देश अपना बना लिया! वे उस देश को लेकर बड़े प्रसन्न हुए। उन्होंने देश को अपना बना लिया!”
अरे अभागे खुराजीन, अरे अभागे बैतसैदा तुम में जो आश्चर्यकर्म किये गये, यदि वे सूर और सैदा में किये जाते तो वहाँ के लोग बहुत पहले से ही टाट के शोक वस्त्र ओढ़ कर और अपने शरीर पर राख मल कर खेद व्यक्त करते हुए मन फिरा चुके होते।
फिर यीशु ने वह स्थान छोड़ दिया और सूर के आस-पास के प्रदेश को चल पड़ा। वहाँ वह एक घर में गया। वह नहीं चाहता था कि किसी को भी उसके आने का पता चले। किन्तु वह अपनी उपस्थिति को छुपा नहीं सका।
फिर यीशु उनके साथ पहाड़ी से नीचे उतर कर समतल स्थान पर आ खड़ा हुआ। वहीं उसके शिष्यों की भी एक बड़ी भीड़ थी। साथ ही समूचे यहूदिया, यरूशलेम, सूर और सैदा के सागर तट से अनगिनत लोग वहाँ आ इकट्ठे हुए।