वे जब तुम्हें एक नगर में सताएँ तो तुम दूसरे में भाग जाना। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि इससे पहले कि तुम इस्राएल के सभी नगरों का चक्कर पूरा करो, मनुष्य का पुत्र दुबारा आ जाएगा।
परन्तु वह बाहर जाकर खुले तौर पर इस बारे में लोगों से बातचीत करके इसका प्रचार करने लगा। इससे यीशु फिर कभी नगर में खुले तौर पर नहीं जा सका। वह एकांत स्थानों में रहने लगा किन्तु लोग हर कहीं से उसके पास आते रहे।
उसने झील के किनारे उपदेश देना फिर शुरू कर दिया। वहाँ उसके चारों ओर बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गयी। इसलिये वह झील में खड़ी एक नाव पर जा बैठा। और सभी लोग झील के किनारे धरती पर खड़े थे।
पर वे यहा कहते हुए दबाव डालते रहे, “इसने समूचे यहूदिया में लोगों को अपने उपदेशों से भड़काया है। यह इसने गलील में आरम्भ किया था और अब समूचा मार्ग पार करके यहाँ तक आ पहुँचा है।”
फिर यीशु उनके साथ पहाड़ी से नीचे उतर कर समतल स्थान पर आ खड़ा हुआ। वहीं उसके शिष्यों की भी एक बड़ी भीड़ थी। साथ ही समूचे यहूदिया, यरूशलेम, सूर और सैदा के सागर तट से अनगिनत लोग वहाँ आ इकट्ठे हुए।
इसलिए इस्राएल के लोगों ने “सुरक्षा नगर” नामक नगरों को चुना। वे नगर ये थे: नप्ताली के पहाड़ी प्रदेश में गलील के केदेश; एप्रैम के पहाड़ी प्रदेश में शकेम; किर्य्यतर्बा (हेब्रोन) जो यहूदा के पहाड़ी प्रदेश में था।
नप्ताली के परिवार समूह ने उन्हें गलील में केदेश दिया। (केदेश एक सुरक्षा नगर था।) नप्ताली ने उन्हें हम्मोतदोर और कर्तान भी दिया। इन तीनों नगरों के चारों ओर की भूमि भी उनके जानवरों के लिये गेर्शोनी समूह को दी गई।