जब प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों ने यह सुना तो वे उसे मारने का कोई रास्ता ढूँढने लगे। क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके उपदेश से चकित थे। इसलिए वे उससे डरते थे।
किन्तु यदि हम यह कहते हैं, ‘वह मनुष्य से प्राप्त हुआ था,’ तो लोग हम पर ही क्रोध करेंगे।” (वे लोगों से बहुत डरते थे क्योंकि सभी लोग यह मानते थे कि यूहन्ना वास्तव में एक भविष्यवक्ता है।)
फ़सह पर्व और बिना खमीर की रोटी का उत्सव आने से दो दिन पहले की बात है कि प्रमुख याजक और यहूदी धर्मशास्त्री कोई ऐसा रास्ता ढूँढ रहे थे जिससे चालाकी के साथ उसे बंदी बनाया जाये और मार डाला जाये।
जब यीशु बैतनिय्याह में शमौन कोढ़ी के घर भोजन करने बैठा था, तभी एक स्त्री सफेद चिकने स्फटिक के एक पात्र में शुद्ध बाल छड़ का इत्र लिये आयी। उसने उस पात्र को तोड़ा और इत्र को यीशु के सिर पर उँडेल दिया।