तब दाऊद ने साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सेवा के लिये कुछ लेवीवंशियों को चुना। उन लेवीवंशियों को इस्राएलियों के यहोवा परमेश्वर के लिये उत्सवों को मनाने, आभार व्यक्त करने और स्तुति करने का काम सौंपा गया।
परमेश्वर अपने भक्तों को दृढ़ करेगा। लोग परमेश्वर के भक्तों की प्रशंसा करेंगे। लोग इस्राएल के गुण गायेंगे, वे लोग है जिनके लिये परमेश्वर युद्ध करता है, यहोवा की प्रशंसा करो।
हे यहोवा, तू मेरी चट्टान है, मैं तुझको सहायता पाने को पुकार रहा हूँ। मेरी प्रार्थनाओं से अपने कान मत मूँद, यदि तू मेरी सहायता की पुकार का उत्तर नहीं देगा, तो लोग मुझे कब्र में मरा हुआ जैसा समझेंगे।
हर स्वर्गदूत दूसरे स्वर्गदूत से पुकार—पुकार कर कह रहे थे, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्तिशाली यहोवा परम पवित्र है! यहोवा की महिमा सारी धरती पर फैली है।” स्वर्गदूतों की वाणी के स्वर बहुत ऊँचे थे।
इन चारों ही प्राणियों के छह छह पंख थे। उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें भरी पड़ीं थीं। दिन रात वे निरन्तर कहते रहते थे: “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर पवित्र है, पवित्र है, पवित्र है, जो था, जो है और जो आनेवाला है।”
“यहोवा लोगों को मृत्यु देता है, और वह उन्हें जीवित रहने देता है। यहोवा लोगों को मृत्युस्थल व अधोलोक को पहुँचाता है, और पुन: वह उन्हें जीवन देकर उठाता है।